हाईकोर्ट ने एमडीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति के पद पर प्रो. आरपी सिंह की नियुक्ति को सही माना। 11 माह तक यूनिवर्सिटी का कामकाज ठप रहा।
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18 सितम्बर को जोधपुर स्थित हाईकोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश एस रविन्द्र भट्ट की अदालत ने अजमेर स्थित एमडीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति के पद पर प्रो. आरपी सिंह की नियुक्ति को सही माना है। इसके साथ ही प्रो. सिंह के कामकाज पर लगी रोक को भी हटा लिया गया है। अब प्रो. सिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति का काम कर सकेंगे। लेकिन सवाल उठता है कि पिछले 11 माह में कुलपति के बगैर कामकाज ठप होने से विद्यार्थियों को जो परेशानी हुई उसका जिम्मेदार कौन है? कुलपति के नहीं होने से हजारों विद्यार्थी और यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। प्रो. सिंह की नियुक्ति गत भाजपा के शासन में हुई थी, लेकिन उनकी योग्यता को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने 11 अक्टूबर 2018 को प्रो. सिंह के कामकाज करने पर रोक लगा दी। तभी से यूनिवर्सिटी का कामकाज ठप पड़ा है। अक्टूबर 2018 में ही विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई और फिर दिसम्बर 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन किसी ने भी एमडीएस यूनिवर्सिटी के कामकाज को सुधारने का प्रयास नहीं किया। कई बार तो यूनिवर्सिटी का स्थाई रजिस्टार भी नहीं रहा। उम्मीद थी नई सरकार बनने के बाद यूनिवर्सिटी के हालात सुधरेंगे, लेकिन ऐसा संभव नहीं हुआ।
एस.पी.मित्तल) (18-09-19)
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