नवरात्र में छठ उत्सव पर मसाणिया भैरव धाम पर एक लाख श्रद्धालुओं ने प्लास्टिक की थैलियों आदि का उपयोग नहीं करने की शपथ ली।

नवरात्र में छठ उत्सव पर मसाणिया भैरव धाम पर एक लाख श्रद्धालुओं ने प्लास्टिक की थैलियों आदि का उपयोग नहीं करने की शपथ ली। धाम के उपासक चम्पालाल महाराज ने सामूहिक विवाह पर जोर दिया। 

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4 अक्टूबर को अजमेर के निकट राजगढ़ गांव में मसाणिया भैरव धाम पर नवरात्र में छठ मेले का आयोजन किया गया। इस मौके पर देशभर से आए करीब एक लाख श्रद्धालुओं ने प्लास्टिक निर्मित सामग्री का उपयोग नहीं करने की शपथ ली। यह शपथ श्रद्धालुओं को अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी, कांग्रेस के विधयक राकेश पारीक, भाजपा के जिला अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा, पूर्व विधयक देवी शंकर भूतड़ा, महेन्द्र गुर्जर आदि ने दिलाई। इस अवसर पर मसाणिया भैरव धाम के उपासक चम्पालाल महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान के अंतर्गत सिंगल यूज प्लास्टिक पर जो प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है, वह सराहनीय है। प्लास्टिक निर्मित सामग्री से अनेक बुराइयां उत्पन्न हो गई है। सबसे बड़ी बुराई तो गौ माता द्वारा प्लास्टिक की थैलियां खाने की हैं। महिलाएं घर का कचरा थैलियों में भरकर फेंक देती हैं और फिर गाय खा जाती है। प्रधानमंत्री के इस आह्वान का देशवासियों को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज जो श्रद्धालु भैरवधाम पर आए हैं, उन्हें अपने घरों पर लौटने पर प्लास्टिक की सामग्री का उपयोग नहीं करने की प्रेरणा भी देनी चाहिए। उपासक चम्पालाल महाराज ने कहा कि समाज में सर्वधर्म सामूहिक विवाह के आयोजन होने चाहिए। जब महंगाई का दौर चल रहा है, तब मध्यमवर्गीय परिवारों को इससे राहत मिलेगी। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले मृत्यु भोज पर भी रोक लगाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि परंपरा के अनुसार मृत्यु भोज करने से कई परिवार कर्जदार हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि बदलते हुए समाज में मृत्यु भोज के आयोजन बंद होने चाहिए। नवरात्र में मसाणिया भैरवधाम पर छठ महोत्सव का खास महत्व होता है। उपासक चम्पालाल महाराज अपनी गद्दी पर बैठकर सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हैं। सभी श्रद्धालुओं को चिमटी के रूप में भभूत की पुडिय़ा दी जाती है।  लोगों की मान्यता है कि भैरवधाम पर आने और चम्पालाल महाराज के सामने उपस्थित होने से कष्टों का निवारण हो जाता है। हजारों लोग भैरवधाम पर नशे का त्याग करने का संकल्प भी लेते हैं। भूत प्रेत, लकवा, हृदय रोग, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज भी भैरवधाम पर होता है। भैरवधाम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां किसी भी श्रद्धालु से कोई चढ़ावा नहीं लिया जाता है। श्रद्धालु इसे चमत्कार ही मानते हैं कि मसाणिया भैरव की गद्दी पर बैठने के बाद चम्पालाल महाराज कई बोतल शराब की पी जाते हैं, लेकिन उन्हें किसी भी प्रकार का नशा महसूस नहीं होता है। मान्यता है कि यह शराब कोई इंसान नहीं बल्कि स्वयं मसाणिया भैरव पीते हैं। शराब से छुटकारा दिलाने के लिए ही महाराज द्वारा शराब का सेवन किया जाता है। इसके माध्यम से यह बताने की कोशिश की जाती है कि शराब मनुष्य के शरीर को किस प्रकार जलाती है। उल्लेखनीय है कि प्रत्येक रविवार को मसाणिया भैरव धाम पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा होता है। इसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। मसाणिया भैरव धाम की धार्मिक गतिविधियों की जानकारी मोबाइल नम्बर 9829223268 पर अविनाश सेन व 9414003232 पर प्रकाश राका से जानकारी ली जा सकती है।
एस.पी.मित्तल) (04-10-19)
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