संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मॉब लिंचिंग पर ईसा मसीह से जुड़ी कहानी सुनाई।
अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने पर पीएम और गृहमंत्री की भी प्रशंसा।
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8 अक्टूबर को नागपुर स्थित मुख्यालय पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने विजयादशमी का उत्सव मनाया। इस अवसर पर स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं से बेवजह संघ को जोड़ा जा रहा है। जबकि संघ तो समाज में समरसता बढ़ाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब एक गांव में एक महिला को उसके बूरे कर्मे के लिए लोग पत्थरों से मार रहे थे, तब ईसा मसीह आए और कहा कि जिस व्यक्ति ने कभी पाप नहीं किया हो, वह पहला पत्थर मारे। इस पर एक एक सभी लोग चले गए। भागवत ने कहा कि यह घटना कहां और कब की है, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह घटना ईसा मसीह से जुड़ी है। संघ कभी भी ङ्क्षहसा के पक्ष में नहीं रहा। संघ को रोकने की बात तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी करते हैं। संघ कभी मुस्लिम विरोधी नहीं रहा है। संघ सबको साथ लेकर चलने में विश्वास करता है। भागवत ने कहा कि अब देश में साहसी और कठोर फैसले करने वाली सरकार है, इसलिए जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किया गया। हालांकि जनसंघ की स्थापना के समय से ही यह मांग होती रही, लेकिन अब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की दृढ़ता की वजह से फैसला हो पाया है, इसके लिए राजनीतिक दलों का सहयोग लेकर प्रजातांत्रिक तरीके से निर्णय किया गया। इससे देश में आतंकी घटनाएं भी कम हुई है तथा भारत का विरोध करने वाले देश अलग थलग पड़ गए हैं। आर्थिक मंदी के संबंध में संघ प्रमुख ने कहा कि सरकार उपाय कर रही है। हमें चिंता तो करनी चाहिए, लेकिन चर्चा। जीडीपी को मापने वाले मानक अधूरे और दोषपूर्ण हैं। भागवत ने कहा कि भारत पर दुनिया का भरोसा बढ़ा है, इसलिए विदेशी निवेश भी आ रहा है। देश के विकास में विदेशी निवेश और निजीकरण भी जरूरी हैं, लेकिन इसे स्वदेशी को भी बढ़ावा देना चाहिए। मोहन भागवत ने विजयादशमी के मौके पर अपने वार्षिक संबोधन में हर मुद्दे पर विचार रखे। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चलने वाली भाजपा सरकार को भी पूरा समर्थन दिया तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भी जवाब दे दिया।
एस.पी.मित्तल) (08-10-19)
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