करतारपुर कोरिडोर पर सिक्ख श्रद्धालुओं से शुल्क वसूलना गलत।

करतारपुर कोरिडोर पर सिक्ख श्रद्धालुओं से शुल्क वसूलना गलत।
पाकिस्तान से ख्वाजा साहब के उर्स में जायरीन भी अजमेर आते हैं। 

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पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब तीर्थ स्थल पर जाने के लिए भारत पाकिस्तान ने संयुक्त तौर पर जो करतारपुर कोरिडोर बनाया है, उस पर अब भारतीय सिक्ख श्रद्धालुओं से पाकिस्तान 20 डॉलर का शुल्क वसूलना चाहता है। करतारपुर कोरिडोर के भारत के हिस्से का लोकार्पण 8 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे, जबकि पाकिस्तान के हिस्से का लोकार्पण वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान 9 नवम्बर को करेंगे। भारत सरकार की ओर से कहा गया है कि प्रति श्रद्धालु 20 डॉलर शुल्क वसूलने के अलावा पाकिस्तान से सभी मुद्दों पर सहमति हो गई है। यानि अभी भी पाकिस्तान सिक्ख श्रद्धालुओं से शुल्क वसूली की जिद पर अड़ा हुआ है। पाकिस्तान भी अच्छी तरह जानता है कि सिक्ख श्रद्धालु कोई कारोबार के लिए नहीं आ रहे हैं। श्रद्धालुओं का मकसद पूरी तरह धार्मिक है। चूंकि विभाजन के समय गुरु नानक देव जी से जुड़ा यह स्थान पाकिस्तान में चला गया, इसलिए अब सिक्ख समुदाय के लोग अपने अराध्यदेव के स्थान के दर्शन करना चाहते हैं। जब यह यात्रा पूरी तरह धार्मिक है तो फिर शुल्क वसूल कर पाकिस्तान इसे अपनी आय का स्त्रोत क्यों बना रहा है? क्या इससे पाकिस्तान की कंगाली दूर हो जाएगी। यह सही है कि अपने अराध्यदेव के स्थान पर जाने के लिए सिक्ख श्रद्धालु 20 डॉलर का शुल्क देने को भी तैयार हो जाएंगे, लेकिन इससे पाकिस्तान एक गलत परंपरा को जन्म देगा। पाकिस्तान के शासकों को यह भी समझना चाहिए कि अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में प्रति वर्ष भरने वाले सालाना उर्स में पाकिस्तान से भी जायरीन जाते हैं। सरकारी स्तर पर आने वाले ऐसे जायरीन को अजमेर में अनेक प्रकार की सुविधाएं करवाई जाती है। यहां तक पुरानी मंडी के जिस सरकारी स्कूल के कमरों में पाकिस्तानी जायरीन को ठहराया जाता है, उस स्कूल को एक पखवाड़े के लिए बंद करना पड़ता है। रेलवे स्टेशन से लाने और ले जाने की व्यवस्था भी जिला प्रशासन के द्वारा की जाती है। पाक जायरीन के लिए विशेष ट्रेन भी चलाई जाती है, लेकिन फिर भी किसी जायरीन से भारत में शुल्क नहीं लिया जाता। जब भारत सरकार अजमेर में आने वाले जायरीन से कोई शुल्क नहीं वसूलती है तो पाकिस्तान को भारतीय सिक्ख श्रद्धालुओंसे शुल्क क्यों वसूल रहा है? अच्छा हो कि पाकिस्तान शुल्क वसूली के फैसले पर पुनर्विचार करें। यह सिक्ख श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा मामला है।
एस.पी.मित्तल) (18-10-19)
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