राहुल गांधी फिर विदेश दौरे पर। तो क्या अब राहुल गांधी कांग्रेस में अप्रासांगिक हो गए हैं?

राहुल गांधी फिर विदेश दौरे पर। तो क्या अब राहुल गांधी कांग्रेस में अप्रासांगिक हो गए हैं?

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केन्द्र सरकार की आर्थिक मोर्चे पर विफलता के विरोध में कांग्रेस की ओर से देश भर में एक नवम्बर से आंदोलन चलाया जा रहा है, लेकिन कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता राहुल गांधी 30 अक्टूबर से ही विदेश दौरे पर चले गए हैं। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी मेडिटेशन के लिए विदेश दौरे पर हैं। राहुल गांधी किस देश में मेडिटेशन ले रहे हैं, इसकी जानकारी कांग्रेस के नेताओं को भी नहीं है। सवाल यह नहीं है कि राहुल गांधी चुपचाप विदेश दौरे पर चले जाते हैं? सवाल ये है कि जब राहुल गांधी की कांग्रेस को जरूरत होती है, तब राहुल विदेश दौरे पर क्यों रहते हैं? राहुल गांधी को भी पता है कि महाराष्ट्र में राजनीतिक उठा-पटक चल रही है। विधानसभा चुनाव में बहुमत मिलने के बाद भी भाजपा शिवसेना की सरकार नहीं बन पा रही है। 31 अक्टूबर से ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख केन्द्र शासित प्रदेश हो गए। इसको लेकर भी देश में माहौल गर्म हैं। कांग्रेस भी देशव्यापी आंदोलन कर रही है। क्या देश के ऐसे राजनीतिक माहौल में राहुल गांधी अपनी कांग्रेस पार्टी के लिए भूमिका नहीं निभाएंगे? सब जानते हैं कि महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव से पहले भी राहुल गांधी विदेश चले गए थे। बाद में प्रचार के अंतिम दिनों में राहुल ने इन दोनों राज्यों में चुनावी सभा की। राहुल की ऐसी निष्क्रियता के चलते फिर भी हरियाणा में कांग्रेस को 90 में से 30 सीट मिल गई। कांग्रेस की कमान राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चुनाव के ऐन मौके पर हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को सौंपी थी, यदि हुड्डा को यह जिम्मेदारी पहले दी जाती तो शायद हरियाणा में कांग्रेस की सरकार भी बन सकती थी। महाराष्ट्र में भी कांग्रेस का प्रदर्शन अपेक्षाकृत अच्छा रहा है। यहां 44 सीटें कांग्रेस को मिली हैं। हरियाणा में राहुल गांधी और कांग्रेस की सोच से हट कर हुड्डा ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया था। राहुल गांधी भी जानते हैं कि मौजूदा समय में पार्टी में उनकी स्थिति क्या है। कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए राहुल ने प्रदेशों में जिन नेताओं को ताकतवर बनाया उन सभी को मौजूदा अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने हटा दिया या फिर कमजोर कर दिया है। इस सच्चाई को राहुल गांधी भी समझते हैं, इसलिए यह सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी अब कांग्रेस में अप्रासांगिक हो गए हैं? राहुल गांधी कांग्रेस में सक्रिय रहे या निष्क्रिय, यह मामला कांग्रेस का आंतरिक हैं। लेकिन राहुल गांधी एक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं, इसलिए उनकी गतिविधियों पर राजनीतिक विमर्श होता है। कांग्रेस में जब राहुल गांधी को पीएम पद का दावेदार माना जाता है, तब पार्टी के प्रति उनकी भी जवाबदेही बनती हैं। बार बार गोपनीय तरीके से विदेश जाने से राहुल गांधी की छवि पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है।
एस.पी.मित्तल) (31-10-19)
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