आवासन मंडल के पुराने मकानों की बिक्री को सरकार ने अपनी उपलब्धियों में गिनाया।
आवासन मंडल के पुराने मकानों की बिक्री को सरकार ने अपनी उपलब्धियों में गिनाया।
राज्यपाल कलराज मित्र ने कहा कि पुलिस अधीक्षक के स्तर पर एफआईआर दर्ज करने वाला राजस्थान देश में पहला राज्य।
दो दिन का विशेष सत्र बुलाने पर भाजपा ने जताई नाराजगी।
24 जनवरी को राजस्थान विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू हुआ। सत्र का शुभारंभ राज्यपाल कलराज मिश्र के अभिभाषण से हुआ। कोई एक घंटे के अभिभाषण में राज्यपाल ने राज्य की कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां गिनाई। इन्हीं उपलब्धियों में राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान आवासन मंडल के पुराने मकान बेचने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। ई ऑक्शन सिस्टम से मात्र 35 दिनों में एक हजार से भी ज्यादा मकान बेच कर 162 करोड़ रुपए की राशि एकत्रित की गई। यह अपने आप में रिकॉर्ड आय है। अब प्रत्येक बुधवार को मंडल के मकान नीलामी से बेचे जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि आवासन मंडल के आयुक्त पवन अरोड़ा (आईएएस) ने पद भार संभालने के साथ ही पुराने मकानों को बेचने का अभियान चलाया था। मंडल के जो मकान खंडर हो रहे थे, उनकी मरम्मत आदि करवा कर मकानों की ऑन लाइन बिक्री का अभियान चलाया। 35 दिन में एक हजार से भी ज्यादा मकान बेचने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने भी आयुक्त पवन अरोड़ा की पीठ थपथपाई। सीएम गहलोत का तो यहां तक कहना रहा कि भाजपा के शासन में जिस आवासन मंडल को बंद करने का निर्णय लिया जा रहा था उसी संस्थान में पवन अरोड़ा ने जान डाल दी है। पवन अरोड़ा जैसे अफसरों को प्रशासन में प्रोत्साहन मिलना चाहिए। यही वजह है कि अब मंडल के काम काज को राज्य सरकार अपनी उपलब्धियों में गिना रही है। आवासन मंडल के आयुक्त पवन अरोड़ा के लिए यह वाकई सम्मान की बात है।
राजस्थान पहला राज्य:
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार ने पुलिस अधीक्षक स्तर पर एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया है। यानि किसी पीडि़त की शिकायत संबंधित पुलिस थाने पर दर्ज नहीं होती है तो शिकायतकर्ता सीधे पुलिस अधीक्षक के पास एफआईआर दर्ज करवा सकता है। पुलिस अधीक्षक न केवल एफआईआर दर्ज करेंगे, बल्कि एफआईआर नहीं लिखने वाले थानाधिकारी के विरुद्ध भी कार्यवाही करेंगे। सरकार के इस निर्णय से अब संबंधित स्थानों पर एफआईआर दर्ज हो रही है। देश में राजस्थान पहला ऐसा राज्य है, जहां पुलिस विभाग में ऐसी व्यवस्था की गई है। राज्यपाल ने सरकार की अन्य उपलब्धियों को सिलसिलेवार गिनाया। मालूम हो कि राज्य सरकार द्वारा तैयार भाषण को ही राज्यपाल विधानसभा में पढ़ते हैं।
भाजपा ने जताई नाराजगी:
विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाने पर भाजपा ने नाराजगी जताई है। विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपनी ने गलतियों को छिपाने के लिए विशेष सत्र बुलाया है। लोकसभा व विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षण को दस वर्ष बढ़ाने का संकल्प राजस्थान विधानसभा में पहले ही हो जाना चाहिए था। लेकिन सरकार ने इस संकल्प पर ध्यान ही नहीं दिया और अब जब अंतिम तिथि आ गई है, तब प्रस्ताव को लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सरकार पिछड़े वर्ग की विरोधी है।
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