यूपीए सरकार का पैसा गरीब और किसान में बंटता था इसलिए खुशहाली थी, लेकिन मोदी सरकार की नीतियों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है।

यूपीए सरकार का पैसा गरीब और किसान में बंटता था इसलिए खुशहाली थी, लेकिन मोदी सरकार की नीतियों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है।
जयपुर में राहुल गांधी का केन्द्र सरकार पर हमला। 

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28 जनवरी को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने जयपुर में युवा आक्रोश रैली को संबोधित किया। राहुल ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज देश का युवा सबसे ज्यादा परेशान और दुखी है। यूपीए सरकार के समय देश की स्थिति इसलिए अच्छी थी कि सरकार अपना पैसा गरीब और किसान को बांटती थी। मनरेगा जैसी स्कीम चला कर गरीब को पैसा दिया जाता था। जब गरीब के पास पैसा होता था, तब वह बाजार जाकर कपड़े आदि की खरीददारी करता था। जब बाजार में खरीददारी होती थी, तब फैक्ट्रियां चलती थी। जब फैक्ट्रियां चलती थी, तब युवाओं को रोजगार भी मिलता था। लेकिन नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद इस अर्थ व्यवस्था को समाप्त कर दिया, इसलिए आज फैक्ट्रियां बंद हो गई है तथा बाजार में गरीब आदमी खरीददारी नहीं कर रहा है। यही वजह है कि युवाओं के सामने बेरोजगारी की समस्या है। मोदी ने वायदा किया था कि प्रति वर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार दिया जाएगा, लेकिन पिछले एक वर्ष में एक करोड़ युवाओं का रोजगार छीना है। मोदी ने नोटबंदी और जीएसटी स्कीम लगाकर देश को आर्थिक दृष्टि से बरबाद कर दिया। मैं दावे के साथ कह सकता हंू कि जीएसटी नरेन्द्र मोदी को समझ में नहीं आ रही है। आज देश में हिंसा का माहौल है। मुझे विदेशों के अनेक निवेशक मिलते हैं जो भारत में निवेश करना चाहते हैं लेकिन उनका कहना है कि वे अखबारों में आए दिन पढ़ते हैं कि भारत में हिंसा हो रही है। चूंकि भारत का माहौल खराब है इसलिए विदेशी निवेश भी नहीं हो रहा है। लेकिन मुझे देश के युवाओं पर भरोसा है। देश का युवा अपने देश की तकदीर बदल सकता है। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि यूपीए सरकार के समय जो ग्रोथ रेट 9 प्रतिशत थी, वह घट कर मात्र 5 प्रतिशत रह गई। यदि इस ग्रोथ रेट को पुराने फार्मूले से मापा जाए तो यह ढाई प्रतिशत ही रहेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी की सरकार ने साढ़े तीन लाख हजार करोड़ रुपए 15 उद्योगपतियों को दे दिए। कांग्रेस और मोदी की सोच में यही फर्क है। मैं चाहता हंू कि सरकार का पैसा गरीब आदमी के पास जाए। इसलिए हम कर्जमाफी जैसे निर्णय लेते हैं, लेकिन नरेन्द्र मोदी अडाणी और अबंानी जैसे उद्योगपतियों के हितों की चिंता करते हैं। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी देश की किसी भी यूनिवर्सिटी में चले जाए तो उन्हें युवाओं के मन और आक्रोश का पता चल जाएगा। राहुल ने कहा कि युवाओं की आवाज दबनी नहीं चाहिए। युवाओं को देश के भविष्य पर सवाल उठाने का पूरा अधिकार है। देश भाई चारे के साथ चलना चाहिए।
(एस.पी.मित्तल) (28-01-2020)
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