निवेश और सेविंग पर प्रतिकूल असर पड़ेगा, इसलिए बजट के बाद सेंसेक्स 800 पॉइंट तक गिरा।

निवेश और सेविंग पर प्रतिकूल असर पड़ेगा, इसलिए बजट के बाद सेंसेक्स 800 पॉइंट तक गिरा।
सरकार का मकसद गरीबों की मदद करना। टैक्स में छूट वैकल्पिक होगी।
अब 5 लाख रुपए तक जमा पर सरकार की गारंटी।
एलआईसी की हिस्सेदारी बिकेगी।
तेजस की तरह 150 ट्रेने प्राइवेट सेक्टर में चलेंगी।
निर्मला सीतारमन ने 2 घंटे 40 मिनट तक धाराह प्रवाह बजट भाषण पढ़ा।  

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1 फरवरी को लोकसभा में केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने मोदी सरकार 2 का जो पहल बजट भाषण पढ़ा उसके साथ ही शेयर बाजार में 800 अंकों की गिरावट देखी गई। बाजार के धुरंधरों का मानना है कि इस बजट से निवेश और सेविंग दोनों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। बाजार को आर्थिक मंदी के दौर से उभारने के लिए बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई है। टैक्स में छूट का जो प्रस्ताव रखा गया है उसे भी वैकल्पिक बनाया है। इस छूट को समझने और लाभ प्राप्त करने के लिए चार्टटेट अकाउंटेंटों का दिमाग लगाना होगा। अलबत्ता सरकार का मकसद देश के आम व्यक्ति को राहत देना रहा है। पहले की तरह पांच लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है। जबकि पांच से साढ़े सात लाख रुपए तक की आय पर दस प्रतिशत, 7.5 से 10 लाख रुपए तक की आय पर 15 प्रतिशत, 10 से 12.5 लाख रुपए तक की वार्षिक आय पर 20 प्रतिशत, 12.5 लाख से 15 लाख रुपए तक की आय पर 25 प्रतिशत टैक्स लगेगा। जबकि 15 लाख रुपए से अधिक की आय पर तीस प्रतिशत टैक्स का प्रावधान वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए किया गया है। चूंकि इस टैक्स को वैकल्पिक बनाया गया है, इसलिए सम्पूर्ण बजट सामने आने पर ही सही स्थिति का पता चल सकेगा। अब तक बैंक में जमा लाखों रुपए की राशि में से एक लाख रुपए तक की गारंटी सरकार की थी, लेकिन अब इस गारंटी को बढ़ाकर पांच लाख रुपए तक कर दिया गया है। यानि किसी बैंक के दिवालिया होने पर जमाकर्ता का पांच लाख रुपए तक सुरक्षित है। मुनाफे में चल रहे भारतीय जीवन बीमा निगम की हिस्सेदारी को बेचने का प्रस्ताव बजट में किया गया है। वित्त मंत्री का कहना रहा कि आईपीओ लाकर एलआईसी की हिस्सेदारी को बेचा जाएगा। सीतारमन ने रेलवे के संसाधनों को बढ़ाने के लिए तेजस की तर्ज पर 150 ट्रेने प्राइवेट सेक्टर में चलाने का भी प्रस्ताव किया है। बजट में सरकार का ध्यान कृषि, शिक्षा, स्वास्थ आदि पर रहा। सरकार का प्रयास रहा कि इन क्षेत्रों के माध्यम से आम व्यक्ति को अधिक से अधिक राहत प्रदान की जाए। इसके लिए बजट में आयुषमान भारत योजना से लेकर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि तक का उल्लेख किया गया। वित्त मंत्री ने अपने दो घंटे चालीस मिनट के भाषण में यह बताने का प्रयास किया कि सरकार आम व्यक्ति के हितों का ख्याल रख रही है। बाजार में जो मंदी का दौर चल रहा है उसे समाप्त अथवा कम करने के लिए बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई। आर्थिक क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के इस बजट से बाजार की स्थिति पर कोई सकारात्मक असर नहीं होगा। यही वजह रही कि जब वित्त मंत्री ने बजट भाषण पढ़ाना शुरू किया तो शेयर बाजार भी गिरना शुरू हो गया। बजट समाप्त होते होते शेयर बाजार 800 पॉइंट तक गिर गया, हालांकि बाद में 300 पांच का सुधार भी हुआ, लेकिन माना जा रहा है कि शेयर बाजार को भी बजट के प्रावधान पसंद नहीं आए हैं। फिलहाल कॉरपोरेट जगत के जानकारों ने भी बजट के बारे में कोई सकारात्मक टिप्पणी नहीं की है। अनेक जानकारों का कहना है कि सम्पूर्ण बजट को देखने और समझने के बाद ही कोई प्रतिक्रिया दी जा सकती है।
पीपीपी मॉडल में खुलेंगे अस्पताल:
वित्त मंत्री ने कहा कि आयुषमान भारत योजना के तहत देश के 125 जिलों में अस्पताल नहीं है, ऐसे जिलों में पीपीपी मॉडल के तहत अस्पताल खोलने का प्रस्ताव रखा गया है। इसी प्रकार शिक्षा के क्षेत्र में विदेशी निवेश को सरल बनाया जा रहा है। बजट में नई टैक्स दरों से 15 लाख सालाना तक आय वालों को 78 हजार रुपए का फायदा होगा। नई व्यवस्था में 70 तरह के डिडक्शन खत्म किए, टैक्सपेयर डिडक्शन चाहें तो पुरानी व्यवस्था का विकल्प ले सकते हैं। डायरेक्ट टैक्स से जुड़े विवाद निपटाने के लिए विवाद से विश्वास योजना, ब्याज और पेनल्टी में छूट मिलेगी। आधार के जरिए अप्लाई करने पर तुरंत पैन देने की व्यवस्था। शेयर बाजार में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स कंपनियों की बजाय शेयरधारकों पर लागू होगा। महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के लिए 28,600 करोड़ रुपए। 6  लाख से ज्यादा आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को 10 करोड़ घरों की महिलाओं तक पहुंचने के लिए स्मार्टफोन दिए गए हैं। वे पोषण आहार से जुड़ी जानकारी जुटा रही हैं। एक टास्क फोर्स छह महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। एजुकेशन सेक्टर के लिए 99,300 करोड़ रुपए। गरीब तबके के बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा दिया जाएगा। भारत हायर एजुकेशन का भी पसंदीदा देश है। स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम को एशियाई और अफ्रीकी देशों में बढ़ावा दिया जाएगा। 99,300 करोड़ रुपए एजुकेशन सेक्टर पर खर्च होंगे। जल्द ही नई शिक्षा नीति घोषित होगी।
हेल्थ सेक्टर के लिए 69,000 करोड़ रुपए: मेडिकल डिवाइसेस पर लगने वाले टैक्स का इस्तेमाल स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने में किया जाएगा। 2025 तक टीबी खत्म करने का लक्ष्य है। जन औषधि केंद्रों को 2024 तक हर जिले में शुरू किया जाएगा। 69 हजार करो? रुपए हेल्थ सेक्टर के लिए रखे गए हैं।
6.11 करोड़ किसानों पर फोकस: सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। 6.11 करोड़ किसानों पर फोकस किया है। किसानों के बाजार को उदार बनाने की जरूरत है। कृषि उपज, लॉजिस्टिक में ज्यादा निवेश करने की जरूरत है। इसके लिए 16 एक्शन पॉइंट्स बनाए हैं।
(एस.पी.मित्तल) (01-02-2020)
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