इधर अजमेर पुलिस को इंतजार, उधर कांग्रेस नेता राजेश टंडन हाईकोर्ट पहुंचे।

इधर अजमेर पुलिस को इंतजार, उधर कांग्रेस नेता राजेश टंडन हाईकोर्ट पहुंचे।
चार महिला आईएएस अधिकारियों द्वारा एफआईआर दर्ज करवाने को सरकार ने गंभीर माना।
अजमेर पुलिस अब फूंक फूंक कर कदम उठा रही है। 

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10 फरवरी को इधर अजमेर पुलिस कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील राजेश टंडन का इंतजार करती रही तो उधर 10 फरवरी को ही टंडन ने जयपुर स्थित हाईकोर्ट के परिसर में पहुंच कर वरिष्ठ वकीलों ने विचार विमर्श किया। माना जा रहा है कि चार महिला आईएएस अधिकारियों ने जो एफआईआर दर्ज करवाई है, उन्हें रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की जा सकती है। पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 41 में नोटिस जारी कर टंडन को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया। नोटिस मिलने के सात दिन में टंडन पुलिस के समक्ष उपस्थित हो सकते हैं। पुलिस को उम्मीद थी कि टंडन 10 फरवरी को अपना पक्ष रखने आएंगे। जांच अधिकारी डॉ. प्रियंका ने सवालों की सूची भी तैयार कर रखी है। लेकिन 10 फरवरी को टंडन सुबह ही अजमेर से जयपुर चले गए। इस पूरे प्रकरण में एक के बाद एक जो कार्यवाही हुई, उससे टंडन को पुलिस पर भरोसा नहीं हो रहा है, इसलिए सीआरपीसी की धारा 482 में चारों एफआईआर को निरस्त करवाने की कार्यवाही हाईकोर्ट में हो सकती है। टंडन पर अजमेर में तैनात एक महिला आईएएस अधिकारी को लेकर अश्लील और अपमानजनक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल करने का आरोप है। चूंकि पोस्ट में महिला अधिकारी का नाम नहीं है, इसलिए अजमेर में तैनात चार महिला आईएएस ने टंडन के विरुद्ध अलग अलग थानों पर एफआईआर लिखवा दी। पुलिस ने एफआईआर दर्ज होते ही तीन आईएएस के बयान धारा 164 में अदालत में करवा दिए। इससे टंडन पर कानूनी शिकंजा मजबूत हो गया। कोर्ट में बयान के बाद ही टंडन को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया था।
सरकार ने गंभीर माना:
एक साथ चार महिला आईएएस अधिकारियों द्वारा कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाने की घटना को राज्य की कांग्रेस सरकार ने गंभीर माना है। सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे प्रतिनिधियों का मानना है कि इस घटना से सरकार की प्रतिष्ठा भी धूमिल हो रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विश्वासपात्र माने जाने वाले दो वरिष्ठ अधिकारी अब उन कारणों का पता लगा रहे हैं जिसके अंतर्गत चार महिला आईएएस को एफआईआर दर्ज करवाने पड़ी। जहां तक चारों महिला आईएएस का सवाल है तो उनकी निडरता की प्रशंसा भी की जा रही है, लेकिन वहीं इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि इसके पीछे कौन है? जानकारों की माने तो अजमेर में ही नियुक्त एक पुरुष आईएएस की भूमिका भी इन दिनों प्रशासनिक क्षेत्रों में चर्चा का विषय बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस पूरे घटनाक्रम को बेहद गंभीर माना है। सरकार अब चाहती है कि यह मामला जल्द से जल्द शांत हो जाए।
फूंक फूंक कर कदम:
चूंकि यह मामला चार महिला आईएएस से जुड़ा हुआ है, इसलिए अब अजमेर पुलिस भी फूंक फूंक कर कदम रख रही है। पुलिस के बड़े अधिकारी भी कोई जानकारी देने से बच रहे हैं। अलबत्ता पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप सिंह का कहना है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच हो रही है। पुलिस बगैर किसी दबाव के अपना काम कर रही है। वहीं जानकार सूत्रों के अनुसार पुलिस ने वो सभी सबूत जुटा लिए है, जिनसे पता चलता है कि अश्लील और अपमानजनक पोस्ट राजेश टंडन ने ही सोशल मीडिया पर वायरल की है।
आरोपो से इंकार:
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता वकील राजेश टंडन ने सभी आरोपों से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि जिस पोस्ट को अश्लील और अपमानजनक बताया जा रहा है वह उन्होंने जागरुकता के लिए डाली थी। इस पोस्ट में यह लिखा गया था कि ऐसे वीडियो को फारवर्ड अथवा शेयर न किया जाए। उनकी मंशा किसी भी अधिकारी को अपमानित करने की नहीं थी।
(एस.पी.मित्तल) (10-02-2020)
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