अजमेर में दो कारोबारी समूहों के चालीस ठिकानों पर 14 फरवरी को भी आयकर विभाग की छापामार कार्यवाही जारी रही।

अजमेर में दो कारोबारी समूहों के चालीस ठिकानों पर 14 फरवरी को भी आयकर विभाग की छापामार कार्यवाही जारी रही।
भगवती मशीन टूल्स और सैनी बंधुओं के यहां आयकर विभाग को उम्मीद से ज्यादा अघोषित सम्पत्तियां मिली। सोना-चांदी और नगदी के भी ढेर। 

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आयकर विभाग के 350 अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अजमेर के दो बड़े कारोबारी समूहों के चालीस ठिकानों पर 13 फरवरी को छापामार कार्यवाही की वह 14 फरवरी को भी जारी रही। असल में जांच के दौरान आयकर विभाग को उम्मीद से ज्यादा अघोषित सम्पत्तियां मिली है। छापे से पहले विभाग ने सम्पत्तियों के जो तथ्य जुटाए उससे भी कहीं ज्यादा नगदी, सोना चांदी, आवासीय और कॉमर्शिलय प्लाट के साथ-साथ समारोह स्थलों की भी जानकारी मिली है। जांच में जुटे आयकर विभाग के अधिकारी अब बेहद उत्साहित हैं। दोनों समूहों के परिवार के सदस्यों के बैंक लॉकर भी तलाशे जा रहे हैं। 13 फरवरी को आयकर विभाग ने अजमेर स्थित भगवती मशीन टूल्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े दोनों भाई दिनेश भगवती और यशवंत भगवती के आवासों और फैक्ट्रियों पर छापामार कार्यवाही की थी। इसी प्रकार खनन, मार्बल आदि का काम करने वाले घनश्याम सैनी और उनके भाई विजय सैनी के ठिकानों पर भी छापामार कार्यवाही की गई। 14 फरवरी को भी सैनी बंधुओं के अजमेर, सावर, किशनगढ़ आदि के संस्थानों पर लगातार जांच पड़ताल का काम होता रहा। इसी प्रकार भगवती मशीन टूल्स से जुड़े दोनों भाई के ठिकानों पर भी जांच का काम जारी रहा। प्राप्त जानकारी के अनुसार सैनी बंधुओं ने जयपुर रोड स्थित पैराडीजो समारोह स्थल की खरीद 35 करोड़ रुपए में अशोक जैन से की थी, लेकिन रजिस्ट्री में कीमत कम दर्शाई गई। यही वजह है कि अब अशोक जैन और उनसे जुड़े अन्य कारोबारियों से भी पूछताछ हो रही है। भगवती मशीन टूल्स के बारे में यह माना जा रहा है कि दोनों भाई बेहद ईमानदारी के साथ टैक्स की अदायगी करते हैं, चूंकि ग्रेनाइट कटर मशीनों की बिक्री एक नम्बर दिखाई जाती है इसलिए टैक्स भी ईमानदारी के साथ चुकाया जाता है। लेकिन अब जांच पड़ताल में आयकर विभाग के अधिकारियों को भी आश्चर्य हो रहा है। दोनों ही कारोबारी समूहों के यहां करोड़ों रुपए की अघोषित सम्पत्ति मिली है। इसमें नगदी, सोना-चांदी आदि भी बड़ी मात्रा में शामिल है। उम्मीद है कि आयकर विभाग के अधिकारी 15 फरवरी को अधिकृत तौर पर अघोषित सम्पत्तियों की जानकारी दे सकते हैं। आयकर विभाग की इस कार्यवाही से अजमेर ही नहीं बल्कि राजस्थान भर के व्यापार जगत में हड़कंप मच गया है। व्यापार जगत पहले ही मंदी के दौर से गुजर रहा है और इस पर आयकर विभाग की कार्यवाही ने डर का माहौल पैदा किया है। लेकिन वहीं आयकर विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि जब बड़े पैमाने पर अघोषित सम्पत्तियों का पता चल रहा है तब आर्थिक मंदी पर सवाल भी उठते हैं।
(एस.पी.मित्तल) (14-02-2020)
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