सोनिया गांधी की ओर से भेजी गई चादर को सीएम अशोक गहलोत स्वयं मजार शरीफ पर पेश करेंगे।

सोनिया गांधी की ओर से भेजी गई चादर को सीएम अशोक गहलोत स्वयं मजार शरीफ पर पेश करेंगे। सीएम अशोक गहलोत की चादर को कांग्रेस के नेताओं ने पेश किया। 

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अजमेर में चल रहे ख्वाजा साहब के सालाना उर्स में 29 फरवरी को मजार शरीफ पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की ओर से चादर पेश की गई। सीएम की इस चादर को वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष खानू खान बुधवाली, असरार कुरैशी, जाहिदा खान और कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने सूफी परंपरा के अनुरूप पेश किया। हालांकि इस मौके पर सीएम गहलोत मौजूद नहीं थे, लेकिन उनके लिए दरगाह में दुआ की गई। सीएम गहलोत स्वयं की चादर के समय भले ही दरगाह न आए हों, लेकिन 1 मार्च को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी की ओर से पेश होने वाली चादर के समय सीएम गहलोत दरगाह में मौजूद रहेंगे।  सोनिया गांधी ने भी अपनी ओर से चादर को सुपुर्द कर दिया है। दो दिन पहले जब दिल्ली में सोनिया गांधी ने कांग्रेस के बड़े नेताओं को चादर सौंपी तब सीएम गहलोत मौजूद नहीं थे, लेकिन एक मार्च को जब सोनिया गांधी की ओर से उर्स में चादर पेश की जाएगी तब सीएम गहलोत खासतौर से मौजूद रहेंगे। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस कामेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट और बड़े नेता भी उपस्थित रहेंगे। हालांकि एक मार्च को दरगाह में जायरीन की जबरदस्त भीड़ होगी, लेकिन मुख्यमंत्री के आने की स्थिति को देखते हुए दरगाह में विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। ताकि सोनिया गांधी की चादर के साथ आने वाले बड़े नेताओं को कोई परेशानी न हो। छह दिवसीय उर्स में बड़े नेताओं की चादर पेश करने को लेकर जिला प्रशासन को नेताओं के खादिमों से आग्रह किया था। इस आग्रह में कहा गया कि उर्स के शुरुआती एक दो दिन में ही चादर पेश करने की रस्म पूरी कर ली जाए। खादिमों से आग्रह किया गया कि उर्स के अंतिम दिनों में किसी वीआईपी की चादर को पेश न करें। प्रशासन की इस हिदायत को ध्यान में रखते हुए ही गांधी परिवार के खादिम सैय्यद अब्दुल गनीगुर्देजी ने श्रीमती सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर आग्रह किया था कि चादर को 27 या 28 फरवरी को पेश कर दें ताकि उर्स में आने वाले जायरीन को परेशानी न हो, लेकिन गुर्देजी के इस पत्र की भावनाओं के विपरीत एक मार्च को ही श्रीमती गांधी की चादर दरगाह में पेश की जा रही है। चूंकि एक मार्च की रात को उर्स की आखिरी महफिल होगी, इसलिए दिन में जायरीन की जबरदस्त भीड़ होगी। तय कार्यक्रम के अनुसार श्रीमती सोनिया गांधी की चादर एक मार्च को प्रात: 9 बजे दरगाह में पेश की जाएगी। इसे राजनीतिक मजबूरी ही कहा जाएगा कि अशोक गहलोत स्वयं की ओर से भेजी गई चादर के समय मौजूद नहीं रहे। लेकिन श्रीमती सोनिया गांधी की चादर पेश होने के समय खासतौर से दरगाह में उपस्थित रहेंगे। भले ही दरगाह में जायरीन की कितनी भी भीड़ हो।
(एस.पी.मित्तल) (29-02-2020)
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