आईएस श्रीकांत बाल्दी की माताजी के निधन पर नहीं होगा उठावने का आयोजन।
कोरोना वायरस की दहशत के माहौल में एक अनुकरणीय पहल।
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यूं तो कोरोना वायरस की दहशत के मद्देनजर सरकार और सामाजिक संगठन अपने अपने तरीकों से नियंत्रण और सतर्कता का काम कर रहे हैं, लेकिन इस कड़ी में हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव रहे और मौजूदा समय में हिमाचल रेरा (रियल एस्टेट के क्षेत्र में ग्राहकों के हितों की रक्षा करने वाली) संस्था के अध्यक्ष श्रीकांत बाल्दी और उनके परिवार ने अनुकरणीय काम किया है। बाल्दी की माताजी श्रीमती सरस्वती देवी का निधन 16 मार्च को हो गया था। 17 मार्च को अंतिम संस्कार की रस्म के बाद 18 मार्च को उठावने का आयोजन होना था, लेकिन बाल्दी के परिवार ने कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए उठावने का आयोजन ही नहीं किया। श्रीकांत बाल्दी अजमेर के रहने वाले हैं, इसलिए उठावना भी अजमेर में ही होना था, लेकिन श्रीकांत बाल्दी ने सभी को सूचित किया है कि माताजी के निधन पर उठावना नहीं होगा। परिजन अजमेर स्थित निवास पर रहेंगे। शुभचिंतकों से श्रीकांत बाल्दी परिवार ने कहा कि सभी की श्रद्धांजलि और संवेदनाएं स्वीकार कर ली गई है। आईएएस श्रीकांत बाल्दी के बड़े भाई रमाकांत बाल्दी अजमेर के पीसांगन गांव के रहने वाले हंै तथा मौजूदा समय में अजमेर के अशोक मार्ग पर रहते हैं। आमतौर पर कहा जाता है कि किसी भी सामाजिक बदलाव में समाज के प्रभावशाली व्यक्ति को पहल करनी चाहिए। इसमें कोई दो राय नहीं कि श्रीकांत बाल्दी और उनके परिवार ने देश-प्रदेश के मौजूदा हालातों को देखते हुए अनुकरणीय पहल की है। जब सरकार और स्वास्थ्य संगठन लगातार अपील कर रहे हैं कि 50 व्यक्तियों से ज्यादा लोग एक स्थान पर एकत्रित न हो, तब बाल्दी परिवार द्वारा माताजी के निधन का उठावना न करना सहरानीय कदम है। बहुत मुश्किल होता समाज की किसी परंपरा को तोडऩा, लेकिन बाल्दी परिवार ने यह साहस दिखाया है।
(एस.पी.मित्तल) (18-03-2020)
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