नवम्बर में रोजाना एक लाख लोगों के संक्रमित होने की उम्मीद थी, लेकिन 50 हजार ही संक्रमित हो रहे हैं। भारत में लोगों को 300 रुपए तक में मिल जाएगी कोरोना की वैक्सीन। पर अभी सुरक्षा के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने चार माह बाद वैक्सीन उपलब्ध होने की बात कही।

दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि बदलते मौसम को देखते हुए नवम्बर माह में प्रतिदिन एक लाख लोगों के कोरोना संक्रमित होने की उम्मीद लगाई गई थी, लेकिन सरकार ने सुरक्षा के जो उपाय किए उसकी वजह से प्रतिदिन 50 हजार लोग ही भारत में संक्रमित हो रहे हैं। इसका यह मतलब नहीं कि लोग सावधानी बरतना छोड़ दे। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि सर्दी के मौसम में कोरोना वायरस का प्रकोप ज्यादा होता है। इसलिए लोगों को पूर्ण सतर्कता बरतने की जरुरत है। उन्होंने माना कि कोरोना की वैक्सीन के लिए विभिन्न कंपनियां दावे कर रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि अभी वैक्सीन के बारे में कोई ठोस और प्रभावी जानकारी दुनिया भर में उपलब्ध नहीं है। अभी यह भी नहीं पता कि वैक्सीन लेने के बाद संबंधित व्यक्ति कितने दिन सुरक्षित रह पाएगा। क्या वैक्सीन लेने के बाद कोई व्यक्ति बगैर मास्क लगाए भीड़ में रह सकता है के सवाल के जवाब में डॉ. गुलेरिया ने कहा कि इन सब सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिलेंगे। क्योंकि अभी वैक्सीन के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। भारत सहित कई देश वैक्सीन बनाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन मेरा मानना है कि भारत में सीरम इंडिया और भारत बायोटेक जो परीक्षण कर रहा है, उसकी वैक्सीन आम व्यक्ति को 300 रुपए तक में उपलब्ध हो जाएगी। डॉ. गुलेरिया ने बताया कि केन्द्र सरकार कोरोना वैक्सीन को देशभर में उपलब्ध करवाने के लिए एक विस्तृत योजना बना रही है। इस योजना में ज़रूरतमंद लोगों को नि:शुल्क वैक्सीन उपलब्ध करवाई जाएगी। सरकार के सामने वैक्सीन को विभिन्न राज्यों तक वितरित करने की बड़ी चुनौती है। सरकार की योजना के मुताबिक सबसे पहले फ्रंट लाइन वर्कर को वैक्सीन दी जाएगी। इसके बाद वरिष्ठ नागरिको को वैक्सीन उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि देश के हर नागरिक को वैक्सीन उपलब्ध हो। उम्मीद है कि अगले चार माह में भारत में लोगों को वैक्सीन मिलना शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत में बच्चों के लिए पोलियो की दवाई का अभियान चल चुका है। यह अभियान प्रभावी तरीके से चला है, लेकिन इसकी तुलना कोरोना वैक्सीन के अभियान से नहीं की जा सकती है। क्योंकि कोरोना वैक्सीन देश के प्रत्येक नागरिक को उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति भारत में तैयार हो रही है, वह भारत के वातावरण के अनुरूप है।

S.P.MITTAL BLOGGER (27-11-2020)
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