जनता के दु:ख दर्द बांटने आए गहलोत सरकार के मंत्री सर्किट हाऊस के बजाए आलीशान रिसोर्ट में ठहरे। अजमेर में झूठ भी बोल गए चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा। विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में जिला प्रमुख सहित भाजपा के किसी भी विधायक ने भाग नहीं लिया। कांग्रेस के कार्यकर्ता भी नहीं कर सके मंत्रियों से संवाद। केन्द्र सरकार के पैसे से हो रहा है अजमेर का विकास-भाजपा विधायक देवनानी।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर प्रभारी मंत्रियों को निर्देश दिए कि वे अपने अपने प्रभार वाले जिलों में जाएं और विकास कार्यों की समीक्षा करें। साथ ही जनता के दु:ख दर्द बांटने के निर्देश भी दिए। सीएम के निर्देश पर प्रभारी मंत्री लाल चंद कटारिया 22 दिसम्बर को अजमेर आए। कटारिया के साथ चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा भी थे। शर्मा अजमेर जिले के एक मात्र मंत्री हैं। यही वजह है रही कि प्रभारी मंत्री कटारिया के दौरे की कमान रघु शर्मा के पास ही रही। प्रेस कॉन्फ़्रेंस में भी प्रभारी मंत्री के सवालों के जवाब रघु शर्मा ने ही दिए। रघु शर्मा इसी प्रेस कॉन्फ़्रेंस में झूठ भी बोल गए। रघु ने चिकित्सा मंत्री होने के नाते दावा किया कि अजमेर में संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन व दो ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट शुरू कर दिए हैं, इसलिए अब मरीजों खास कर कोरोना संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन की परेशानी नहीं होगी। लेकिन सच्चाई यह है कि अस्पताल में अभी प्लांट का काम शुरू भी नहीं हुआ है। अस्पताल प्रबंधन ने सिर्फ काम शुरू करने के आदेश जारी किए हंै। ऐसे में सवाल उठता है कि मंत्री जी ने गलत बयानी क्यों की? आम लोगों को उम्मीद थी कि चिकित्सा मंत्री अपने गृह जिले के दौरे पर आएंगे तो जेएलएन अस्पताल का निरीक्षण भी करेंगे, ताकि मरीजों की परेशानियों को समझा जा सके। लेकिन रघु शर्मा ने सरकारी अस्पताल का निरीक्षण नहीं किया। यहां यह उल्लेखनीय है कि गत माह कोरोना संक्रमित होने के बाद भी रघु शर्मा ने जबरन जयपुर के सरकारी अस्पताल का निरीक्षण किया था, लेकिन अब स्वास्थ होने के बाद भी अपने गृह जिले के अस्पताल का निरीक्षण नहीं कर रहे हैं। यूं तो सीएम अशोक गहलोत ने प्रभारी मंत्रियों को जनता के दु:ख दर्द बांटने के लिए भेजा था, लेकिन प्रभारी मंत्री कटारिया अपने सहयोग मंत्री रघु शर्मा के साथ पुष्कर स्थित एक आलीशान निजी फार्म हाउस में ठहरे। आमतौर पर मंत्रीगण सरकार के सर्किट हाउस में ही ठहरते हैं, लेकिन कटारिया और रघु शर्मा 21 दिसम्बर की रात को निजी फार्म हाउस पर रुके। 22 दिसम्बर को सुबह फार्म हाउस से सीधे बैठक स्थल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सभागार में पहुंचे और फिर वहीं से रवाना हो गए। कांग्रेस के कार्यकर्ता भी चाहते थे कि मंत्रियों से मन की बात करें, लेकिन अवसर ही नहीं मिला। जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में जिला प्रमुख श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा सहित भाजपा के किसी भ्ी विधायक ने भाग नहीं लिया। बैठक में मसूदा के कांग्रेसी विधायक राकेश पारीक और किशनगढ़ के निर्दलीय विधायक सुरेश टाक ही उपस्थित रहे। अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने कांग्रेस के प्रति पूरी वफादारी दिखाते हुए समीक्षा बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई लेकिन जिले के पांचों भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी, श्रीमती अनिता भदेल, सुरेश रावत, राम स्वरूप लाम्बा तथा शंकर सिंह रावत अनुपस्थित रहे।

केन्द्र के सहयोग से हो रहा है विकास-देवनानी:

दोनों मंत्रियों के दौरे और विकास के दावों के संदर्भ में पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि अजमेर का विकास स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में करवाया जा रहा है। स्मार्ट सिटी का पैसा केन्द्र सरकार द्वारा दिया जा रहा है। जो कार्य राज्य सरकार के बजट से होने चाहिए उन्हें भी स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया गया है। प्रभारी मंत्री कटारिया और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा बताएं कि पिछले दो वर्ष में अजमेर की किस समस्या का समाधान किया? कोरोना काल में चिकित्सा मंत्री अपने गृह जिले के लोगों को संभालने के लिए एक बार भी अजमेर नहीं आए। जो काम केन्द्र सरकार के सहयोग से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में हो रहे हैं, उनकी वाहवाही लूटी जा रही है। दोनों मंत्रियों को बताना चाहिए कि पिछले दो वर्ष में राज्य सरकार ने अजमेर के विकास पर कितनी धनराशि खर्च की है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (23-12-2020)

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