कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। वहीं भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख राकेश टिकैत ने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत पर विवादित टिप्पणी की।

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर 24 दिसम्बर को कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। राष्ट्रपति को बताया गया कि मांग के समर्थन में देश के दो करोड़ किसानों ने हस्ताक्षर किए हैं। राहुल के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी भी थे। इधर दिल्ली में राहुल गांधी राष्ट्रपति को किसानों के समर्थन में ज्ञापन दे रहे थे उधर दिल्ली के बाहर सीमाओं पर बैठे किसानों के नेता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अब राजनीति कर रही है। राहुल गांधी खाली हैं, इसलिए किसानों के नाम पर राष्ट्रपति से मिल रहे हैं। किसान आंदोलन के महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस पार्टी ही जिम्मेदार है। कांग्रेस ने देश में 60 वर्षों तक राज किया, लेकिन किसानों की भलाई का कोई काम नहीं किया।
राहुल के विवादित बोल:
राष्ट्रपति से मिलने के बाद राहुल गांधी ने मीडिया से संवाद किया। राहुल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने दो-तीन मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए कृषि कानून लाए हैं। मोदी अब किसी भी स्थिति में सत्ता नहीं छोड़ना चाहते हैं। यदि संघ प्रमुख मोहन भागवत भी सत्ता मांगेंगे तो नरेन्द्र मोदी उन्हें भी आतंकवादी बता देंगे। किसानों के साथ भी आज यही हो रहा है। किसान जब अपने हक की मांग कर रहा है, तब उसे आतंकवादी कहा जा रहा है। राहुल ने अपने अंदाज़ में कहा कि भैया कोरोना संक्रमण शुरू होने से पहले मैंने हकीक़त बताई थी, लेकिन तब मेरी किसी ने भी नहीं सुनी। आज फिर मैं एडवांस में बता रहा है कि यदि कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया तो देश का बहुत बड़ा नुकसान होगा। करोड़ों लोगों का रोज़गार छीन जाएगा। देश के अंदर किसान आंदोलन कर रहे हैं तो सीमा पर चीन ने भारत की हजारों किलोमीटर भूमि पर कब्ज़ा कर लिया है। राहुल गांधी ने दावे से कहा कि जब तक कानून रद्द नहीं होगा, तब तक दिल्ली की सीमा पर बैठा किसान अपने घर नहीं जाएगा। किसानों के आंदोलन को कांग्रेस पार्टी का पूरा समर्थन है।
प्रियंका और सांसदों को हिरासत में लिया:
तय रणनीति के अनुसार 24 दिसम्बर को कांग्रेस के नेता दिल्ली में विजय चौक से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च निकालना चाहते थे। लेकिन कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने पैदल मार्च की इजाजत नहीं दी। लेकिन जब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के नेतृत्व में मार्च निकालने की कोशिश की गई तो पुलिस ने प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस के सांसदों और बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया। सभी नेताओं को बस में भरकर मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन पर ले जाया गया, हालांकि बाद में इन सभी नेताओं को रिहा कर दिया गया।
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