अजयमेरु प्रेस क्लब में रमेश अग्रवाल की भूमिका महत्वपूर्ण है। आम सदस्यों की भावनाओं का भी ख्याल रखा जाए। 27 दिसम्बर को होने हैं क्लब के चुनाव।

अजमेर जिले में पत्रकारों की प्रतिनिधि संस्था अजयमेरु प्रेस क्लब के वार्षिक चुनाव 28 दिसम्बर को होंगे। पिछले कई वर्षों से क्लब के चुनाव आम सहमति से हो रहे थे, लेकिन इस बार खींचतान कुछ ज्यादा ही हो गई है। मौजूदा समय में दैनिक भास्कर के अजमेर संस्करण के संपादक रमेश अग्रवाल अध्यक्ष हैं। अग्रवाल अगले वर्ष के लिए भी अध्यक्ष बनने के लिए उम्मीदवारी जताई है। क्लब के कुछ सदस्य जो अग्रवाल के भी समर्थक माने जाते हैं, उन्होंने आम सहमति को खारिज करते हुए अलग गुट बना लिया है, इसलिए नरेश राघानी ने अध्यक्ष और नवाब हिदायतउल्ला महामंत्री पद के दावेदार हो गए हैं। जहां रमेश अग्रवाल के समर्थकों ने सभी 15 पदों पर नामांकन दाखिल किया है, वहीं राघानी के समर्थकों ने भी सभी पदों पर दावेदारी जताई है। राघानी समर्थकों का कहना है कि आम सदस्यों की आवाज उठाने के लिए चुनाव लड़ा जा रहा है। राघानी भी मानते हैं कि रमेश अग्रवाल से कोई नाराजगी नहीं है, लेकिन क्लब में ऐसे लोगों का दखल बढ़ गया है जो आम सदस्य की भावनाओं का सम्मान नहीं करते हैं। अच्छा होता कि क्लब के चुनाव आम सहमति से होते क्योंकि चुनाव से बेवजह की गुटबाजी हो जाती है। इसमें कोई दो राय नहीं कि अजयमेरु प्रेस क्लब के लिए नगर निगम से जमीन आवंटन करवाने और फिर सरकारी खर्च से भवन बनवाने में रमेश अग्रवाल की भूमिका महत्वपूर्ण है। अग्रवाल के प्रयासों से ही सांसदों, विधायकों ने अपने कोष से लाखों रुपए की राशि दी है। इस कार्य में क्लब के अन्य सदस्यों का भी सहयोग रहा है, लेकिन सहयोग के पीछे अग्रवाल की ताकत रही। यदि आज अग्रवाल को हटा दिया जाए तो अजयमेरु प्रेस क्लब में कुछ भी नहीं बचेगा। दैनिक भास्कर के संपादक के काम काज में व्यस्त होने के बाद भी अग्रवाल ने अपना समय प्रेस क्लब की गतिविधियों के लिए देते हैं। क्लब में कई कार्यक्रम नियमित हो रहे हैं, जिनकी खबरें भी भास्कर में प्रमुखता के साथ प्रकाशित होती है। क्लब के सदस्यों को इस सच्चाई को भी समझना चाहिए कि राजस्थान पत्रिका, दैनिक नवज्योति जैसे प्रमुख अखबारों के पत्रकार क्लब की गतिविधियों में शामिल नहीं होते। ऐसे में पूरा दारोमदार रमेश अग्रवाल पर ही निर्भर है। अग्रवाल के चेहरे की वजह से प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता क्लब की गतिविधियों में भाग लेते हैं। यदि क्लब की गतिविधियों की खबर भास्कर में नहीं छपेगी तो नेता और अधिकार भी नहीं आएंगे। क्लब के संचालन में अग्रवाल की भूमिका को सभी सदस्यों को समझना चाहिए। यह अच्छी बात है कि राघानी और नवाब हिदायतउल्ला ने दुश्मनी दिखाने के बजाए स्वास्थ्य प्रतिस्पर्धा दिखाई है। किसी भी संस्था को चलाना आसान नहीं होता और संस्था का प्रभाव बना कर सभी को संतुष्ट रखना और मुश्किल होता है। क्लब के सभी सदस्यों के लिए गर्व की बात है कि अजमेर के वैशाली नगर जैसे पॉशा इलाके में क्लब की दो मंजिला इमरात है और सदस्यों के लिए पत्रकार कल्याण कोष भी बना हुआ है। अजयमेरु प्रेस क्लब की सबसे खास बात यह है कि शराब पीने की सख्त मनाही है। आमतौर पर प्रेस क्लब शराब पीने के अड्डे बन जाते हैं। कई प्रेस क्लबों ने बार के लाइसेंस तक ले लिए हैं। प्रेस क्लब की वजह से पुलिस भी आंखें बंद रखती है। लेकिन अजयमेरु प्रेस क्लब इन सब बुराइयों से बचा हुआ है, इसका श्रेय भी रमेश अग्रवाल को ही जाता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि 28 दिसम्बर को चुनाव के बाद प्रेस क्लब में सदस्यों के बीच सदभावना बनी रहेगी। यदि नई निर्वाचित कार्यकारिणी को अपनी कार्यशैली में सुधार की जरुरत हो तो करनी चाहिए। राघानी और नवाब के लिए यह बड़ी उपलब्धि है कि 16 उम्मीदवार और 16 ही नामांकन के प्रस्तावक सदस्यों का समर्थन प्राप्त किया है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (26-12-2020)

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