13 फरवरी को मकराना में किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे राहुल गांधी। किशनगढ़ से मकराना तक के मार्ग में कई स्थानों पर ट्रेक्टर से भी सफर करेंगे। कांग्रेस के लिए मकराना में भीड़ जुटाना आसान। लेकिन कांग्रेस के किसान सम्मेलन को नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी का समर्थन नहीं। सचिन पायलट की बर्ख़ास्तगी के बाद राजस्थान में राहुल गांधी का पहला सार्वजनिक समारोह होगा।
दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी 12 व 13 फरवरी के दो दिवसीय दौरे पर राजस्थान आ रहे हैं। राहुल गांधी 12 फरवरी को हनुमानगढ़, गंगानगर में 13 फरवरी को नागौर के मकराना में किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे। किसान सम्मेलनों को सफल बनाने के लिए 8 फरवरी को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पूर्व मंत्री और प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती नसीम अख्तर के साथ गंगानगर और नागौर का दौरा किया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी, दिल्ली सरकार के मंत्री रहे यूसुफ हारुन और वरिष्ठ नेता इंसाफ अली भी मौजूद थे। श्रीमती अख्तर ने बताया कि 13 फरवरी को राहुल गांधी विशेष विमान से किशनगढ़ एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। यहां से सड़क मार्ग से मकराना तक जाएंगे। किशनगढ़ से मकराना के मार्ग में आने वाले रूपनगढ़ कस्बे में राहुल गांधी का भव्य स्वागत किया जाएगा। यहीं पर ट्रेक्टर पर मंच बनाया जाएगा और राहुल गांधी किसानों की एक छोटी सभा को भी संबोधित करेंगे। उन्होंने बताया कि जब राहुल गांधी किशनगढ़ से मकराना सड़क मार्ग से गुजरेंगे तब उनके साथ बड़ी संख्या में ट्रेक्टर भी चलेंगे। राहुल गांधी के दौरे को लेकर किसानों में जबरदस्त उत्साह है। सड़क मार्ग के सफर के दौरान राहुल गांधी कुछ किलोमीटर की दूरी ट्रेक्टर में बैठकर भी तय करेंगे।
बेनीवाल का समर्थन नहीं:
आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल नागौर के सांसद हैं। बेनीवाल ने कृषि कानूनों के विरोध में नरेन्द्र मोदी की सरकार से समर्थन वापस ले लिया है और अब वे किसान आंदोलन के समर्थन में खड़े लेकिन बेनीवाल की पार्टी का समर्थन मकराना में होने वाले राहुल गांधी के किसान सम्मेलन को नहीं है। आरएलपी की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य और अजमेर के संयोजक विजय पाल चौधरी ने बताया कि 13 फरवरी को मकराना में होने वाले किसान सम्मेलन से हनुमान बेनीवाल का कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी कांग्रेस को भी किसान विरोधी मानती है। राहुल गांधी भले ही नागौर के मकाराना में किसान सम्मेलन कर रहे हो, लेकिन बेनीवाल का कोई समर्थक सम्मेलन में भाग नहीं लेगा।
मकराना में भीड़ जुटाना आसान:
प्राप्त जानकारी के अनुसार राहुल गांधी के लिए मकराना में भीड़ जुटाना आसान है। मकराना मुस्लिम बहुल्य कस्बा है और आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ग्रामीण समुदाय के लोग रहते हैं। मकराना में आसपास के जिलों के कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को लाने की व्यवस्था की गई है। 8 फरवरी को भीड़ जुटाने के मकसद से ही प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा का दौरा हुआ। किसान सम्मेलन में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उपस्थित रहेंगे।
बर्ख़ास्तगी के बाद पहला सार्वजनिक समारोह:
यहां यह खासतौर से उल्लेखनीय है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट को बर्खास्त किए जाने के बाद राजस्थान में राहुल गांधी का पहला बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम हो रहा है। 10 जुलाई से पहले तक जब पायलट प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम के पद पर थे, जब राहुल गांधी के समारोह में मंच पर पायलट की भी उपस्थिति होती थी। लेकिन अब पायलट सिर्फ कांग्रेस के विधायक हैंं। ऐसे में देखना होगा कि राहुल गांधी के साथ मंच पर पायलट उपस्थित रहते हैं या नहीं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि किसान आंदोलन के समर्थन में पायलट स्वयं भी किसान पंचायत कर रहे हैं। दौसा में पायलट की महापंचायत हो चुकी है, जबकि 9 फरवरी को बयाना में प्रस्तावित है। आने वाले दिनों में भी पायलट की पंचायतें प्रस्तावित हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (08-02-2021)
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