कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अजय माकन और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा किशनगढ़ में सचिन पायलट की लोकप्रियता को देखते ही रह गए। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सिर्फ पायलट जिंदा बाद के नारे ही लगाए। झलक दिख लाकर नेताओं के दौरे को बीच में छोड़ कर चले गए पायलट।
मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog पर इस ब्लॉग से संबंधित एक वीडियो पोस्ट किया गया है। यह वीडियो 10 फरवरी की रात को अजमेर के किशनगढ़ क्षेत्र का है। वीडियो तब बना जब कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा कई मंत्रियों के साथ राहुल गांधी की यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आए थे। तय कार्यक्रम के अनुसार राहुल गांधी 13 फरवरी को किशनगढ़ एयरपोर्ट पर विशेष विमान से पहुंचेंगे और फिर सुरसरा, रूपनगढ़ होते हुए मकराना में किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे। राहुल गांधी की यात्रा में कोई कमी न रहे इसलिए 10 फरवरी को अजय माकन, डोटासरा और कई मंत्री किशनगढ़ से मकराना तक के दौरे पर रहे। माकन जब नियमित फ्लाईट से किशनगढ़ के एयरपोर्ट पर पहुंचे तब पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी मौजूद थे। एयरपोर्ट पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सचिन पायलट जिंदा बाद के नारे ही लगाए। वीडियो को देखने से जाहिर है कि कार्यकर्ताओं ने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और न प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा के समर्थन में नारे लगाए। पायलट की उपस्थिति से कार्यकर्ताओं ने भारी उत्साह था। नेताओं का दल जब सुरसरा स्थित तेजाजी धाम पर पहुंचा तब भी कार्यकर्ताओं ने सिर्फ पायलट जिंदा बाद के ही नारे लगाए। पायलट की इस लोकप्रियता को माकन और डोटासरा देखते ही रह गए। एयरपोर्ट पर पायलट ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे कांग्रेस जिंदाबाद के नारे लगाए। लेकिन पायलट की इस अपील का कोई असर नहीं हुआ। दौरे के दौरान जिस तरह पायलट के समर्थन में एक तरफा माहौल देखने को मिला, उसे देखते हुए ही सचिन पायलट नेताओं के साथ सुरसरा से आगे रूपनगढ़ की ओर नहीं गए। पायलट ने सुरसरा तक ही कांग्रेस के नेताओं का साथ दिया। चूंकि रूपनगढ़ में पायलट उपस्थित नहीं थे, इसलिए कार्यकर्ताओं की भीड़ अपेक्षाकृत कम जुटी। रूपनगढ़ में राहुल गांधी का ट्रेक्टर मार्च भी प्रस्तावित है, इसके लिए ट्रेक्टर पर ही मंच बनाने की तैयारी की जा रही है। रूपनगढ़ के ट्रेक्टर मार्च का दायित्व कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ के पास है। श्रीमती अख्तर ने ही माकन और डोटासरा को तैयारियों के बारे में जानकारी दी। राहुल गांधी के दो दिवसीय दौरे में सचिन पायलट की क्या भूमिका रहेगी, यह तो 12 और 13 फरवरी को ही पता चलेगा, लेकिन 10 फरवरी की रात को सचिन पायलट ने अपनी लोकप्रियता की झलक प्रभारी महासचिव और प्रदेश अध्यक्ष को दिखा दी है। राहुल गांधी भले ही गंगानगर और नागौर किसान सम्मेलन करें, लेकिन सचिन पायलट प्रदेश भर में पहले ही किसान महापंचायतें कर रहे हैं। ऐसी महापंचायतें दौसा और भरतपुर में हो चुकी हैं। किसान आंदोलन के समर्थन में पायलट की महापंचायतें प्रदेश भर में होनी हैं। इन महापंचायतों में बड़ी संख्या में ग्रामीण भाग ले रहे हैं। कांग्रेस के अंदर जो खींचतान चल रही है, उसमें किसान महापंचायतों को सचिन पायलट का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है। पायलट ऐसी महापंचायतें अपने दम पर कर रहे हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम के पद से हटाए जाने के बाद राहुल गांधी पहली बार राजस्थान में सार्वजनिक समारोह में भाग ले रहे हैं। गत वर्ष जुलाई से पहले जब भी राहुल गांधी राजस्थान के दौरे पर आए तब समारोह के मंच पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ सचिन पायलट भी उपस्थित रहे। लेकिन अब देखना होगा कि राहुल गांधी के किसान सम्मेलनों के मंच पर पायलट उपस्थित रहते हैं या नहीं। मौजूदा समय में सचिन पायलट कांग्रेस के विधायक हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (11-02-2021)
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