ख्वाजा उर्स में भले ही सरकारी गाइड लाइन की पालन नहीं हुई हो, लेकिन अजमेर के कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित और एसपी जगदीश चन्द्र शर्मा को शाबाशी मिलनी चाहिए। बगैर विवाद के संपन्न हो गया उर्स। खादिमों की संस्था अंजुमन के सचिव वाहिद हुसैन अंगारा की भी सकारात्मक भूमिका रही।

अजमेर में ख्वाजा साहब के 809वें सालाना उर्स में 21 फरवरी की आधी रात को बड़े कुल की रस्म भी हो जाएगी। हालांकि धार्मिक दृष्टि से छह दिवसीय उर्स 19 फरवरी को ही समाप्त हो गया, लेकिन उर्स में बड़े कुल की रस्म जुड़ जाने से अब उर्स का समापन 22 फरवरी को हो जाएगा। इस बार उर्स कोरोना काल में हुआ इसलिए राज्य सरकार ने उर्स के पहले जायरीन के लिए गाइड लाइन जारी की। दरगाह में जियारत से पहले रजिस्ट्रेशन करवाने से लेकर मास्क लगाने, सोशल डिस्टेसिंग की पालना करने, खुली चादर न ले जाने आदि को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए। लेकिन उर्स के दौरान सरकार की गाइड लाइन की पालना नहीं हो सकी। लेकिन उर्स को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाने में जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित और पुलिस अधीक्षक जगदीश चन्द्र शर्मा ने कोई कसर नहीं छोड़ी। गाइड लाइन को लेकर शक्ति किए बगैर उर्स को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवा दिया। हालांकि इन दोनों अधिकारियों के लिए ख्वाजा उर्स पहला अवसर था, लेकिन फिर भी इन दोनों अधिकारियों ने प्रशासनिक और सुरक्षा इंतजाम करने में कोई कौताही नहीं बरती। चूंकि यह दोनों अधिकारी सहजता के साथ उपलब्ध रहे और मोबाइल पर हर किसी को जवाब दिया, इसलिए अनेक समस्याओं का समाधान फटाफट हो गया। उर्स के दौरान आमतौर पर खादिम समुदाय और पुलिस प्रशासन के बीच विवाद हो जाता है। लेकिन इस बार छिटपुट घटनाओं को छोड़कर कोई बड़ी समस्या सामने नहीं आई। 18 फरवरी को जब दरगाह और शहर भर में जायरीन की जबर्दस्त भीड़ थी, तब कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी की चादर को मजार शरीफ पर पेश करवाया गया। चूंकि इस चादर को प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वयं लेकर आए इसलिए चादर को चढ़वा चुनौती पूर्ण काम था। भीड़ में चादर को ले जाना और मुख्यमंत्री की सुरक्षा करवाना दोनों ही काम सफलता के साथ जिला एवं पुलिस प्रशासन ने किए। इसका श्रेय कलेक्टर और एसपी को जाता है। खादिमों की प्रतिनिधि संस्था अंजुमन सैय्यद जादगान के सचिव वाहिद हुसैन अंगारा शाह ने भी अपनी कौम की ओर से प्रशासन को पूरा सहयोग किया। उर्स के दौरान दरगाह के अंदर खादिम समुदाय की ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। चूंकि दरगाह की सभी धार्मिक रस्में खादिम समुदाय करता है, इसलिए कई बार सुरक्षा इंतज़ामों को लेकर विवाद खड़ा हो जाता है, लेकिन सचिन अंगाराशाह ने प्रशासन के साथ तालमेल बनाए रखा। यही वजह रही कि पुलिस को दरगाह में कोई सख्त कार्यवाही नहीं करनी पड़ी। पुलिस अधीक्षक जगदीश चन्द्र शर्मा ने स्वयं दरगाह से जुड़े प्रतिनिधियों से लगातार संपर्क बनाए रखा। खादिम समुदाय भी शर्मा की पहल का स्वागत कर रहा है।

चिकित्सा विभाग को चिंता:

ख्वाजा उर्स संपन्न हो जाने पर चिकित्सा विभाग को अब कोरोना संक्रमण की चिंता हो रही है। चूंकि उर्स में हजारों जायरीन शरीक हुए, इसलिए यह माना जा रहा है कि अब अजमेर में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ सकती है। शहर भर में खासकर दरगाह क्षेत्र में सघन अभियान चलाकर टेस्टिंग की कार्यवाही भी शुरू की जा सकती है। चूंकि उर्स के दौरान सरकारी गाइड लाइन की पालना नहीं हुई इसलिए संक्रमण का अंदेशा ज्यादा है। सरकार की ओर से कहा गया था कि रजिस्ट्रेशन करवाने वाले जायरीन को ही दरगाह में प्रवेश दिया जाएगा, लेकिन जायरीन के रजिस्ट्रेशन की जांच करने का प्रबंधन नहीं हो सका। जिन लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया, उन्होंने भी बिना किसी बाधा के दरगाह में जियारत की। उर्स के दौरान सोशल डिस्टेसिंग की तो पालना ही नहीं हो सकी। 

S.P.MITTAL BLOGGER (21-02-2021)

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