सचिन पायलट के पास कांग्रेस के 15 विधायक हैं तो वसुंधरा राजे के पास भाजपा के 20 विधायक हैं। क्या दोनों ही नेता अपने अपने प्रदेश नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं? पायलट ने चाकसू की किसान महापंचायत में दिखाई ताकत तो वसुंधरा समर्थक विधानसभा में एकजुट हुए।

राजस्थान में सत्तारुढ़ कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के अंदर शह-मात का खेल चल रहा है। कांग्रेस में जहां पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के नेतृत्व में मौजूदा प्रदेश नेतृत्व पर दबाव डाला जा रहा है तो वहीं भाजपा में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के नेतृत्व में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया प्रति पक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया को आँखें दिखाई जा रही है। जिस प्रकार वसुंधरा राजे प्रदेश की राजनीति से अलग है, उसी प्रकार कांग्रेस में भी सचिन पायलट को पूछने वाला कोई नहीं है। यही वजह है कि ये दोनों नेता अपनी अपनी पार्टी में शक्ति प्रदर्शन करते रहते हैं। अब वसुंधरा राजे समर्थक माने जाने वाले 20 भाजपा विधायकों ने प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में आरोप लगाया गया है कि विधानसभा में जनहित के मामलों को उठाने में हमारे साथ भेदभाव हो रहा है। प्रति पक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया और उप नेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ कुछ विधायकों को ही स्थगन प्रस्ताव रखने या बोलने के लिए अधिकृत करते हैं। पूनिया से मांग की गई है कि ऐसी व्यवस्था करवाई जाए जिसमें सभी विधायकों को समान अवसर मिले। हालांकि यह मुद्दा कोई ऐसा नहीं है जिसको लेकर प्रदेशाध्यक्ष को पत्र लिखा जाए और फिर मीडिया में खबरें लीक की जाए। लेकिन सिर्फ यह दिखाने के लिए कि भाजपा के 71 विधायकों में से 20 विधायक वसुंधरा राजे के साथ है, इसलिए संयुक्त तौर पर पत्र लिखवाया गया है। वसुंधरा राजे स्वयं भी विधायक हैं, इसलिए कहा जा सकता है कि राजे के पास 21 विधायकों की ताकत है। स्वभाविक है कि जिस नेता के पास 21 विधायकों की ताकत हो उसके बगैर पार्टी में कुछ कर पाना मुश्किल है। ये वो विधायक हैं जिन्हें गत विधानसभा चुनाव में राजे ने ही भाजपा के टिकिट दिए थे, इनमें से कई तो सरकार में मंत्री भी रहे। भाजपा का प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व माने या नहीं लेकिन वसुंधरा राजे ने अपनी राजनीतिक ताकत दिखा दी है। जिन विधायकों ने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं वे जरुरत पडऩे पर वसुंधरा राजे के खेमे में ही नजर आएंगे। राजे समर्थक 20 विधायकों का यह पत्र तब सामने आया है, जब 21 फरवरी को दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक हुई। राजे ने हाल ही में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि वह मुलाकात वसुंधरा राजे के मन मुताबिक नहीं हुई। इसलिए राष्ट्रीय कार्य समिति से पहले 20 विधायकों का लेटर बम फोड़ा गया है। पूनिया को पत्र लिखने वाले विधायक हैं 1. कैलाश मेघवाल, 2.नरपत सिंह राजवी 3.पुष्पेन्द्र सिंह 4.कालीचरण सराफ 5. प्रताप सिंह सिंघवी 6. नरेन्द्र नागर 7.कालू मेघवाल 8. गोविंद रानीपुरिया 9. रामप्रताप कसानिया 10.बाबू लाल 11. अशोक डोगरा 12.गौतम लाल 13.धर्मेन्द्र मोची 14. रामस्वरूप लाम्बा 15. शंकर सिंह रावत 16.जोगाराम कुमावत 17.शोभा चौहाान 18.छगन सिंह 19.हरेन्द्र निनामा 20.गोपी राम मीणा।

पायलट के साथ कांग्रेस के 15 विधायक:

कांग्रेस में किसान महापंचायत कर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं। 19 फरवरी को जयपुर के निकट चाकसू में हुई महापंचायत में कांग्रेस के 15 विधायक उपस्थित रहे। पायलट ने यह शक्ति प्रदर्शन तब किया, जब 12 व 13 को राहुल गांधी प्रदेश के दौरे पर रहे। समर्थकों का मानना है कि राहुल के दौरे में पायलट की जान बूझकर उपेक्षा की गई। इस उपेक्षा का जवाब ही 19 फरवरी को चाकसू में दिया गया। गत वर्ष जुलाई में पायलट के साथ 18 विधायक दिल्ली गए थे। इन 18 विधायकों में से 14 विधायक 19 फरवरी को चाकसू में पायलट के साथ मंच पर मौजूद रहे। प्रशांत बैरवा हालांकि जुलाई-अगस्त में सीएम गहलोत के साथ होटलों में थे, लेकिन 18 फरवरी को बैरवा ने पायलट के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। चाकसू की महापंचायत में कांग्रेस के विधायक 1.विश्वेन्द्र सिंह, 2.रमेश मीणा, 3.हेमाराम चौधरी, 4.विजेन्द्र ओला, 5.मुकेश भाकर, 6.जीआर खटाणा, 7.इंद्राज सिंह, 8.सुरेश मोदी, 9.राकेश पारीक, 10.विरेन्द्र चौधरी, 11.मुरारी मीणा, 12.वेद प्रकाश सोलंकी, 13.हरीश मीणा 14. अमर सिंह जाटव, 15. प्रशांत बैरवा।

जवाबी कार्यवाही:

पालयट के साथ जब कांगे्रस के 18 विधायक दिल्ली गए थे, तब सीएम अशोक गहलोत ने आरोप लगाया था कि भाजपा उनकी सरकार को गिराने की साजिश कर रही है। गहलोत ने पायलट की कार्यवाही को लेकर सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहरा दिया। अभी यह तो नहीं कहा जा सकता कि वसुंधरा राजे के समर्थकों के पीछे कांग्रेस और अशोक गहलोत का हाथ है, लेकिन भाजपा के अंसतोष से कांग्रेस को ही फायदा होगा। भाजपा के 20 विधायकों का पत्र सचिन पायलट के 15 विधायकों का जवाब माना जा सकता है।

S.P.MITTAL BLOGGER (21-02-2021)

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