आखिर किसके निशाने पर हैं अंबानी परिवार? देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर से विस्फोट सामग्री और धमकी भरा पत्र मिला।

ये वो ही मुकेश अंबानी है जिनकी जियो मोबाइल कंपनी की सिम लेकर अधिकांश देशवासियों ने महीनों तक मुफ्त में इंटरनेट का उपयोग किया। ये वो ही मुकेश अंबानी है जिनके रिलान्यास किराना स्टोरों से करोड़ों देशवासी बाजार से सस्ती दर पर खाद्य सामग्री खरीदतें हैं। ये वो ही मुकेश अंबानी है जिनकी स्वदेशी रिफाइनरियों में पेट्रोल और डीजल तैयार होता है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी मुकेश अंबानी पर चाहे जितने आरोप लगाएं लेकिन भारत को आत्मनिर्भर बनाने में इस औद्योगिक घराने की महत्वपूर्ण भूमिका है। अंबानी की औद्योगिक इकाईयों में तैयार माल विदेशों में भी निर्यात होता है। जिस पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर देश भर में हंगामा हो रहा है उस पेट्रोल को अंबानी की रिफ़ाइनरी 35 रुपए लीटर में ही तेल कंपनियों को बेचती है। राज्य और केन्द्र सरकार के टैक्स के बाद कीमत 100 रुपए प्रति लीटर पहुंची है। कल्पना कीजिए कि यदि मुकेश अंबानी रिफ़ाइनरी नहीं लगाते तो हमें विदेशी रिफायनरियों पर ही निर्भर रहना पड़ता। क्या अपने देश में उद्योग स्थापित करना गुनाह है? किसी भी देश को आत्म निर्भर बनाने के लिए स्वदेशी उद्योग होना जरूरी है। क्या मुकेश अंबानी ने उद्योग लगाकर गैर कानूनी काम किया है? जहां तक सरकारों से संबंध होने का सवाल है तो हर औद्योगिक घराने को सरकारी संरक्षण की जरुरत होती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से दोस्ती को लेकर राहुल गांधी कुछ भी कहे लेकिन आजादी के बाद देश के औद्योगिक विकास में क्या टाटा, बिड़ला आदि को कांग्रेस का संरक्षण नहीं मिला? अब 26 फरवरी को खबर आई है कि मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास के निकट एक स्कॉर्पियों कार में विस्फोट जिलेटिन और धमकी भरा पत्र मिला है। इस पत्र में मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी को संबोधित करते हुए लिखा है कि यह तो ट्रेलर है। पूरी फैमिली को उड़ाने के लिए अबकी बार पूरी तैयारी होगी। स्वभाविक है कि खुले आम ऐसी धमकी से अंबानी परिवार की मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। मुंबई के जिस इलाके में अंबानी परिवार की एंटीलिया बिल्डिंग है उसके निकट ही महाराष्ट्र विधानसभा का भवन है। वैसे भी यह इलाका सुरक्षित है और मुकेश अंबानी को पहले ही जेड प्लस की सुरक्षा मिली हुई है। लेकिन इसके बाद भी अपराधी बिल्डिंग के निकट स्कॉर्पियो कार खड़ी कर गए। यह कार भी चोरी की है। कार में 10 नम्बर प्लेटे मिली हैं। ये नम्बर प्लेटें मुकेश अंबानी के काफिले में चलने वाले वाहनों की हैं। जाहिर है कि अंबानी परिवार को डराने की साजिश हुई है। आखिर मुकेश अंबानी का परिवार किसके निशाने पर हैं? देश के औद्योगिक विकास में यदि अंबानी पीछे हटते हैं तो किसका फायदा होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। कोई माने या नहीं, लेकिन इन दिनों देश में राजनीतिक माहौल खराब है। राजनीतिक लड़ाई, व्यक्तिगत दुश्मनी पर आ गई है। मुकेश अंबानी को डराने की साजिश को देशहित में नहीं माना जा सकता। यदि मुकेश अंबानी जैसे उद्योगपति कमजोर होंगे तो फिर विस्तारवाद को बढ़ावा देने वाले चीन को ही फायदा होगा। पहले ही चीन ने भारत में अपने पैर बहुत मजबूत कर रखे हैं। मुंबई पुलिस को चाहिए कि इस मामले की निष्पक्ष और प्रभावी जांच करें। किसी उद्योगपति को डराना देशहित में नहीं है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (26-02-2021)

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