बेटे की करतूत के कारण हैडकांस्टेबल पिता को भी अपमानित होना पड़ रहा है। अजमेर के किशनगढ़ में दिन दहाड़े युवती के अपहरण के मामले में पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद्र शर्मा का सख्त रुख।
जब कोई बेटा आपराधिक प्रवृत्तियों में लिप्त हो जाता है, तब सबसे ज्यादा खामियाजा माता-पिता को उठाना पड़ता है। ऐसे में यदि अपराधी बेटे का पिता पुलिस में कार्यरत हो तो पुलिस महकमे की बदनामी होती है। 5 मार्च को अजमेर के किशनगढ़ में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में दिन दहाड़े युवती के अपहरण की घटना में ट्रेफिक पुलिस के हैडकांस्टेबल महावीर चौधरी की पीड़ा भी सामने आई है। महावीर का कसूर यही है कि वह आपराधिक प्रवृत्ति के बेटे सुनील चौधरी का पिता है। सुनील चौधरी ने 5 मार्च को अपने दो साथियों के साथ किशनगढ़ की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में आया और बंदूक की नोक पर 22 वर्षीय युवती को उठाकर ले गया। अपहरण से पहले सुनील और उसके साथियों ने युवती के बुजुर्ग पिता सुभाष जैसवाल और माता शशि को बुरी तरह से पीटा। दोपहर को ढाई बजे हुई इस घटना ने अजमेर पुलिस को हिला कर रख दिया, क्योंकि सुनील चौधरी ने अपने पिता के विभाग को ही सीधे चुनौती दी। सुनील ने यह कृत्य तब किया जब वह तीन बच्चों का पिता है। युवती का अपहरण करते समय सुनील ने अपनी पत्नी और तीन मासूम बच्चों का भी ख्याल नहीं रखा। कोई डेढ़ वर्ष पहले भी सुनील ने इसी युवती के साथ समाज विरोधी कृत्य किया, तब सुनील के पिता हैड कांस्टेबल माहवीर चौधरी ने पुलिस स्टेशन पर लिखित में माफी मांगते हुए समझौता किया। तब सुनील ने भी वायदा किया था कि भविष्य में वह युवती से बातचीत का संबंध भी नहीं रखेगा। अब युवती की मां शशि देवी चिल्ला चिल्ला कर अपनी आपबीती सुना रही है। इसे सुनील चौधरी की नालायकी और हैडकांस्टेबल पिता की बदकिस्मती ही कहा जाएगा कि युवती के बुजुर्ग माता-पिता को भी पीटा गया। इस पूरी घटना पर जिला पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद शर्मा का सख्त रुख है। शर्मा ने बताया कि पुलिस टीम का गठन कर आरोपियों की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। अपराधी जल्द गिरफ्त में होंगे। सुनील चौधरी और उसके दोनों साथियों को पकडऩे को लेकर कोई कौताही नहीं बरती जा रही है। पुलिस सभी एंगल से जांच पड़ताल कर रही है। जहां तक हैड कांस्टेबल महावीर चौधरी का सवाल है तो पुलिस जांच में वह भी सहयोग कर रहा है।
पिता स्वयं परेशान है:
बेटे सुनील चौधरी की करतूतों से पिता महावीर स्वयं परेशान हैं। बेटे की करतूतों का ख़ामियाज़ा महावीर को अपने पुलिस महकमे में ही भुगतना नहीं पड़ रहा है, बल्कि सुनील के परिवार का भी बोझ उठाना पड़ रहा है। महावीर चौधरी को किन परिस्थितियों से गुजरना पड़ राह है, इसका ख्याल बेटे सुनील को नहीं है। महावीर चौधरी के दर्द से पुलिस के बड़े अधिकारी भी परिचित हैं, इसलिए महावीर अभी तक विभागीय कार्यवाही से बचे हुए हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (06-03-2021)
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