राकेश टिकैत की महापंचायत के लिए कांग्रेस ने जयपुर में आलीशान पंडाल तो बनवाया,लेकिन किसान नहीं आए।कोरोना की गाइड लाइन के बीच जयपुर पुलिस ने कैसे दी महा पंचायत की अनुमतिl

23 मार्च को राजस्थान के जयपुर में विद्याधर नगर के स्टेडियम में कांग्रेस ने किसान नेता राकेश टिकैत की महा पंचायत के लिए आलीशान पांडाल तो बनवा दिया, लेकिन किसान नहीं आए। यही वजह रही कि मंच पर भी टिकैत के साथ किसानों से ज्यादा कांग्रेस नेता मौजूद थे। किसानों की भीड़ नहीं जुटने के कारण पांडाल खाली पड़ रहा। प्रचार माध्यमों में कहा गया था कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की महा पंचायत दोपहर 12 बजे शुरु होगी, लेकिन डेढ़ बजे तक विद्याधर नगर के स्टेडियम में मुश्किल से 300 लोग भी एकत्रित नहीं हुए। उम्मीद थी कि राकेश टिकैत का नाम सुनकर जयपुर के ग्रामीण क्षेत्र के लोग आ जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अलबत्ता जयपुर शहर के कांग्रेस विधायकों और पार्षदों की पहल पर कुछ शहरी लोग एकत्रित हुए। दावा किया गया था कि महा पंचायत में एक लाख लोग जुटेंगे। लेकिन पांडाल में कुछ हजार लोग ही नजर आए। आलीशान पांडाल बनवाने में कांग्रेस की ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी गई। भीड़ नहीं जुटने से राकेश टिकैत भी मायूस नजर आए। इस महा पंचायत का महत्व इसलिए भी था कि यह शहीदे आजम भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान दिवस पर विशेष तौर से आयोजित की गई थी। लेकिन राजनीति के चलते ऐसे पवित्र मौके पर भी लोग नहीं जुटे। ऐसा नहीं कि देश के लिए बलिदान देने वालों के प्रति लोगों की आस्था कम है, लेकिन जब कोई आयोजन राजनीति से प्रेरित होता है तो उसके उद्देश्य को भी धक्का लगता है। यहाँ यह खास तौर से उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कोरोना के बढ़ते केसेज को देखते हुए राज्य सरकार ने दो दिन पहले ही नई गाइड लाइन जारी की है। इसमें प्रमुख शहरों में नाइट कफ्र्यू के साथ शादी-ब्याह के समारोहों में 200 लोगों की संख्या सीमित की गई है। 31 मार्च तक पूरे देश में धारा 144 लागू की गई है। आम लोगों के लिए इतनी पाबंदियों के बावजूद भी जयपुर पुलिस ने राकेश टिकैत को जयपुर शहर में किसान महा पंचायत करने की अनुमति दे दी। एक ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंदिरों में भगवान के दर्शन करने के लिए ऑनलाइन दर्शन के निर्देश दे रहे हैं, वहीं कोरोना वायरस की परवाह किए बगैर जयपुर शहर में महा पंचायत करवाई जा रही है। राकेश टिकैत को यदि कांग्रेस का समर्थन नहीं होता तो जयपुर पुलिस कभी भी किसान महा पंचायत की अनुमति नहीं देती। जब अंतिम संस्कार में 20 व्यक्तियों की अनुमति दी जा रही है, तब हजारों लोगों के एक साथ जुटने की अनुमति देना, कितना घातक होगा? इसका जवाब सिर्फ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही दे सकते हैं। असल में केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कोसने वाला कोई व्यक्ति कोरोनाकाल में भी राजस्थान में सार्वजनिक समारोह कर सकता है। राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चल रही है। खुद मुख्यमंत्री गहलोत केन्द्र सरकार के घोर विरोधी हैं। गहलोत की भावनाओं के अनुरूप ही राकेश टिकैत से जयपुर में केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री की आलोचना की।S.P.MITTAL BLOGGER (20-03-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511

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