तो राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने शिक्षक संघों को सबक सिखाने का मन बना ही लिया है। संघ के सदस्यों और उद्देश्यों की जानकारी लेकर अध्यक्ष और महामंत्री को 16 को बीकानेर और 22 को जयपुर बुलाया। सदस्यों की जानकारी से शिक्षक संघों की पोल खुल जाएगी। क्योंकि एक शिक्षक ने चार चार संघों की सदस्यता ले रखी है। प्रदेश में 3 लाख 50 हजार सरकारी शिक्षक हैं।

राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ (लोकतांत्रिक) के प्रतिनिधियों के बदतमीजी करने के कारण चर्चा में आए राजस्थान स्कूली शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने अब प्रदेश के शिक्षक संघों को सबक सिखाने का मन बना लिया है। सीकर में डोटासरा के निवास पर 9 अप्रैल को हुई बदतमीजी की घटना के बाद 12 अप्रैल को बीकानेर स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी एक आदेश में प्रदेशभर के शिक्षक संघों से कहा गया है कि वे अपने अपने सदस्यों और संघ के उद्देश्यों की जानकारी लेकर 16 अप्रैल को बीकानेर तथा 22 अप्रैल को जयपुर में उपस्थित हो। बीकानेर की बैठक में निदेशक तथा जयपुर की बैठक में स्वयं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा उपस्थित रहेंगे। इस बैठकों के बाद ही शिक्षक संघों को मान्यता देने का निर्णय लिया जाएगा। शिक्षा मंत्री डोटासरा भले ही मान्यता देने के लिए शिक्षक संघ के अध्यक्ष और महामंत्री को बुला रहे हों, लेकिन इससे अनेक शिक्षक संघों की पोल खुल जाएगी। शिक्षक संघ सिर्फ मीडिया के भरोसे चलते हैं उन्हें ज्यादा परेशानी होगी। प्रदेश में 3 लाख 50 हजार सरकारी शिक्षक हैं और कोई 50 से भी ज्यादा शिक्षक संघ बने हुए हैं। अधिकांश शिक्षक संघों का सदस्यता शुल्क सौ रुपए वार्षिक है, इसलिए एक शिक्षक चार चार संघों का सदस्य बन जाता है। कई स्कूलों में तो प्रधानाध्यापक ही सदस्यता की रसीद काट देता है, इसलिए संबंधित शिक्षक को भी पता नहीं होता कि वह कितने संघों का सदस्य हैं। यदि सभी शिक्षकों संघों की सदस्यता को जोड़ा जाए तो 10 लाख से भी ज्यादा की होगी। जबकि शिक्षकों की संख्या साढ़े तीन लाख ही है। यदि संघों की सदस्यता की जांच होगी तो अनेक शिक्षक संघों की पोल खुल जाएगी। शिक्षा प्रतिनिधियों का कहना है कि शिक्षकों की समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए शिक्षा मंत्री डोटासरा शिक्षक संघों की गिरदावरी या जांच पड़ताल करवा रहे हैं। 12 अप्रैल को आदेश जारी कर 16 अप्रैल को शिक्षक संघों के पदाधिकारियों को तलब कर लिया गया है। इससे मंत्री की मंशा का पता चलता है। राजस्थान शिक्षक संघ (राधाकृष्णन) के प्रदेशाध्यक्ष विजय सोनी ने कहा कि शिखक संघों की जांच पड़ताल पर कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन कोरोना संक्रमण में दो तीन सौ शिक्षकों को एक साथ बीकानेर और जयपुर बुलाना उचित नहीं है। कोरोना के कारण खुदा डोटासरा ने राजसमंद और सहाड़ा विधानसभा का दौरा रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 14 अप्रैल को ही लॉकडाउन जैसी सख्त पाबंदियां पूरे प्रदेश में लागू की है। सरकारी दफ्तरों का समय भी सायं चार बजे तक ही कर दिया है। ऐसे में शिक्षक संघों के प्रतिनिधियों को बीकानेर और जयपुर बुलाना उचित नहीं है। शिक्षा मंत्री को शिक्षकों से जुड़ी समस्याओं का भी समाधान करना चाहिए। शिक्षा विभाग द्वारा बुलाई गई शिक्षक संघों की बैठक और जानकारी मोबाइल नम्बर 9828087912 पर विजय सोनी से ली जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (15-04-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511

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