राहुल गांधी यह भी देखें कि उनकी पार्टी के शासन वाले राजस्थान में 53 दिन का सख्त लॉकडाउन घोषित हो चुका है। कमजोर और मध्यम वर्ग के लोगों की परेशानियों पर सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने भी चिंता जताई है। अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार ने सिर्फ दो माह का पानी का बिल स्थगित किया है। बच्चों के इलाज के लिए तैयार नहीं है चिकित्सा व्यवस्था।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी प्रमुख विपक्षी दल के नेता की हैसियत से रोजाना केन्द्र सरकार के कामकाज की आलोचना करते हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में राहुल गांधी को सत्तारूढ़ पार्टी की आलोचना करने का अधिकार है, लेकिन राहुल गांधी को यह भी देखना चाहिए कि उनकी पार्टी के शासन वाले राजस्थान में 53 दिन का सख्त लॉकडाउन घोषित हो चुका है। इन 53 दिनों में से अब तक 38 दिन पूरे हो चुके हैं। 23 मई को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन को 8 जून तक बढ़ाने की जो घोषणा की है उसके अनुसार प्रदेशभर के बाजार अब 53 दिन तक बंद रहेंगे। लॉकडाउन भी ऐसा सख्त है कि एक गांव से दूसरे गांव नहीं जाया जा सकता है। मुख्यमंत्री का तर्क हो सकता है कि लॉकडाउन की वजह से कोरोना संक्रमण में कमी आई है, लेकिन इसके साथ ही कमजोर और मध्यम वर्ग के लोगों के सामने भीषण आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने भी लोगों की परेशानी पर चिंता जताई है। लोढ़ा ने कहा कि अब बाजारों को अनलॉक करने के रास्ते निकालने चाहिए। इधर सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना काल में भी फीस जमा करवाने का आदेश दे दिया है तो उधर बैंक वाले भी लोन की किश्त नियमित जमा करवाने का दबाव डाल रहे हैं। लाखों लोग कोरोना संक्रमण से दु:खी है तो हजारों राजस्थानियों ने अपने परिजन को खो दिया है। राहुल गांधी यह देखें कि उनकी पार्टी के शासन वाले राजस्थान में लोगों के पास दो वक्त की रोटी का जुगाड़ भी नहीं हुआ है। अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार ने सिर्फ दो माह के पानी के बिल को स्थगित करने की घोषणा की है। बंद दुकानों का बिजली का बिल का भुगतान करना मुश्किल हो रहा है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस प्रदेश में 53 दिनों तक सब कुछ बंद रहेगा, उस प्रदेश की स्थिति कैसी होगी? मुख्यमंत्री की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में प्राइवेट अस्पताल कोरोना का ही इलाज नहीं कर रहे हैं, तो ब्लैक फंगस का कैसे करेंगे? राहुल गांधी माने या नहीं, लेकिन उनकी पार्टी के शान वाले राजस्थान में लोगों का बुरा हाल है। राहुल गांधी को राजस्थान के लोगों की परेशानियों की ओर भी सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहिए। भले ही राजस्थानियों की परेशानियों का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाए। राहुल गांधी एक बार राजस्थान आकर लोगों की परेशानियों को देखें और यह भी पता लगाए कि सरकार क्या कर रही है। राजस्थान में पिछले 38 दिनों से सब कुछ बंद पड़ा है।
कैसे होगा, बच्चों का इलाज:
माना जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे, लेकिन राजस्थान में कोरोना संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए चिकित्सा व्यवस्था माकूल नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तो इलाज संभव ही नहीं बताया जा रहा। अधिकांश स्वास्थ्य केन्द्रों पर पहले से ही मरीजों को रेफर करने की प्रवृत्ति चल रही है। कई केंद्रों पर चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों का अभाव है। डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ जैसे आदिवासी क्षेत्रों में तो डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं के बराबर है। संभाग स्तर पर भी बच्चों के इलाज के लिए अलग से अस्पताल नहीं है। मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में ही शिशु रोग विभाग संचालित है। हालांकि अब सरकार ने बच्चों के इलाज के लिए तत्परता दिखाई, लेकिन जानकारों की मानें तो इलाज के लिए समुचित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (24-05-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511