अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह के बाहर जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी, दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन और दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान का पुतला जलाया।

अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह के बाहर जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी, दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन और दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान का पुतला जलाया।  जुम्मे की नजाम के बाद कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाल कर सीएए और एनआरसी का विरोध किया। 

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27 दिसम्बर को जुम्मे की नमाज के बाद हजारों मुसलमानों ने अजमेर स्थित सूफी ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के बाहर से जिला कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला। शहर काजी मौलाना तोसिफ अहमद की अगुवाई में निकले इस जुलूस में अनेक लोग सीएए और एनआरसी के विरोध में बैनर लेकर चल रहे थे। जुलूस में कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल हुए। जुलूस में शामिल होने वालों में शहर के उलेमा मुफ्ती मोहम्मद बशीर उल कादरी, खादिमों की संस्था अंजुमन सैय्यद जादगान के सदर मोइन हुसैन चिश्ती, आले बदर चिश्ती, मुसबीर हुसैन, अंजुमन शेख जादगान के सदर शेखजादा अब्दुल जर्रार चिश्ती, सैय्यद गुलाम मुस्तफा, सरवाड़ दरगाह के मुतवल्ली हाजी मोहम्मद यूसुफ, मौलाना मोइनुद्दीन रिजवी, मौलाना अयूब कासमी, अंदरकोटियान पंचायत सदर मंसूर खान, पूर्व सदर हाजी चांद खान, अब्बास समाज के सदर हाजी शकील अब्बासी, तारागढ़ पंचायत खुद्दाम के सदर सैय्यद मियां अहमद, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा के सदर रियाज अहमद मंसूरी, पूर्व पार्षद मुख्तार अहमद नवाब, श्रीनगर पंचायत समिति के पूर्व प्रधानमंत्री मेहराज खान, दरगाह तारागढ़ इंतजामिया के सदर हाजी मोहम्मद यूनुस आदि शामिल रहे। कलेक्ट्रेट पर पहुंचने पर राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में मांग की गई कि सीएए कानून को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए। यह कानून संविधान विरुद्ध है।
पुतला जलाया:
जुलूस के आरंभ होने से पहले दरगाह के बाहर दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी और ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान सैय्यद जैनुल आबेदीन के साथ-साथ दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान का पुतला जलाया गया है। मुस्लिम प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि इन तीनों ने संशोधित नागरिकता कानून को लेकर केन्द्र सरकार का समर्थन किया था। इन तीनों ने कहा कि यह कानून मुसलमानों के विरुद्ध नहीं है। पुतला जलाने में काजी मुनव्वर अली, पूर्व पार्षद गुलाम मुस्तफा, सरवर चिश्ती, गौहर चिश्ती, कय्यूम खान, दरगाह के खादिम शेखजादा जुल्फीकार, उस्मान चिश्ती आदि की सक्रिय भूमिका रही। मुस्लिम प्रतिनिधियों का कहना रहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठने के बाद भी इन तीनों ने समाज विरोधी काम किया है। इससे मुस्लिम समुदाय में रोष व्याप्त है। यहां यह उल्लेखनीय है कि सीएए का समर्थन करने के बाद दरगाह दीवान आबेदीन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस कानून पर रोक लगाने का आग्रह किया था। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी है। एसोसिएशन के अध्यक्ष पद पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत बैठे हुए हैं। अमीन पठान भाजपा शासन में राजस्थान हज कमेटी के अध्यक्ष भी रहे चुके हैं।
सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त:
सीएए और एनआरसी के विरोध में निकलने वाले जुलूस को लेकर पुलिस के भी कड़े बंदोस्त रहे। दरगाह के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस जवान मौजूद थे। वहीं जुलूस के मार्ग में भी जगह जगह पुलिस के वाहन और सुरक्षा कर्मी देखे गए। कलेक्ट्रेट पर भी बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मी मौजूद रहे। हालांकि जुलूस के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, लेकिन प्रशासन ने अपनी ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। शांतिपूर्ण जुलूस के साथ प्रशासन ने राहत की सांस ली है। असल में जुलूस को निकालने में सक्रिय भूमिका निभाने वाले मुस्लिम प्रतिनिधियों से पुलिस के अधिकारी लगातार सम्पर्क बनाए हुए थे। सभी ने अधिकारियों को भरोसा दिलाया था कि जुलूस के दौरान किसी भी प्रकार का हंगामा अथवा प्रदर्शन नहीं होगा।
एस.पी.मित्तल) (27-12-19)
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