योग गुरु बाबा रामदेव देशद्रोही तो नहीं हो सकते। आयुर्वेद और योग के माध्यम से बाबा ने हमारी ऋषि और सनातन संस्कृति को मजबूत ही किया है। भारत तेरे टुकड़े होंगे, जैसे नारे लगाने वाले ही देश के हीरो बने हुए हैं। राजस्थान के सीएम गहलोत के सचिव रांका तो प्राकृतिक चिकित्सा से ही कोरोना मुक्त हुए।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कर योग गुरु बाबा रामदेव पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की है। एसोसिएशन का आरोप है कि बाबा ने कोरोना काल में दस हजार डॉक्टरों की मृत्यु को लेकर जो बयान दिया, वह देशद्रोह के दायरे में आता है। मैं एसोसिएशन की मांग पर तो कोई टिप्पणी नहीं कर रहा, क्योंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी को भी मांग करने का अधिकार है, लेकिन यह कहा जा सकता है कि बाबा रामदेव देशद्रोही नहीं हो सकते। बाबा ने ऐसा कोई काम नहीं किया जो दुश्मन देश पाकिस्तान और चीन की मदद करता हो। बाबा ने कभी भी पाकिस्तान और उसके इशारे पर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वालों का समर्थन नहीं किया। बल्कि बाबा ने योग और आयुर्वेद के माध्यम से भारत की सनातन और ऋषि संस्कृति को मजबूत किया है। जो आयुर्वेद और योग भारत में कमजोर हो गया था, उसके प्रति बाबा ने जागरूकता बढ़ाई। आज करोड़ों लोग प्रतिदिन योग कि क्रियाएं कर स्वयं को स्वस्थ रखे हुए हैं। पतंजलि संस्थान द्वारा तैयार आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग भी करोड़ों लोग कर रहे हैं। यदि पतंजलि की दवाओं में दम नहीं होता तो करोड़ों लोग क्यों खरीदते? यह माना कि पतंजलि का अब करोड़ों रुपया का कारोबार हो गया है, लेकिन बाबा रामदेव इस पैसे को देश से बाहर नहीं ले जा रहे हैं। आज पतंजलि के माध्यम से लाखों देशवासियों को रोजगार मिल रहा है। जब भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियां आयुर्वेद के स्वदेशी उत्पादों को पूर्ण प्रमाणित के साथ बेच रहे हैं। यदि और कोई देश होता तो बाबा रामदेव के लिए बहुत कुछ करता। हो सकता है कि अति उत्साह में बाबा ने एलोपैथी चिकित्सा के बारे में कोई प्रतिकूल टिप्पणी कर दी है। बाबा को ऐसी टिप्पणियों से बचना चाहिए। लेकिन बाबा को देशद्रोही नहीं कहा जा सकता। सब जानते हैं कि हमारे यहां तो अभिव्यक्ति की इतनी आजादी है कि कुछ लोग भारत तेरे टुकड़े होंगे जैसे नारे भी लगा लेते हैं। गंभीर बात यह है कि ऐसे देशद्रोही नारे लगाने वाले कई लोग आज हीरों बन गए हैं। जो लोग बाबा रामदेव की आलोचना कर रहे हैं, वे भी बताएं कि आखिर बाबा ने देशद्रोह का कौन सा काम किया है? क्या योग करवा लोगों को स्वस्थ रखना देशद्रोह है? यह माना कि एलोपैथी चिकित्सक के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना काल में लोगों की सेवा की है, लेकिन बाबा के योग और आयुर्वेद ने करोड़ों लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाया है। जो बुजुर्ग प्रतिदिन योग करते हैं, उनमें से अधिकांश संक्रमण से बचे हुए हैं। योग में वे सब क्रियाएं हैं जो कोरोना काल में व्यक्ति को ऑक्सीजन लेवल बढ़ाती है। इसलिए एलोपैथी के चिकित्सकों ने कोरोना काल में अनुलोम-विलोम, कपालभाति, प्राणायाम आदि करने की सलाह दी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका तो प्राकृतिक चिकित्सा से ही ठीक हो गए। रांका के साथ ही सीएम गहलोत भी संक्रमित हुए थे। गहलोत ने एलोपैथी की दवाइयां ली, जबकि रांका ने स्वयं को प्राकृतिक चिकित्सा से ही ठीक कर लिया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को इस स्थिति को समझना चाहिए। S.P.MITTAL BLOGGER (27-05-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511