को-ऑपरेटिव क्षेत्र की संस्थाओं और पशुपालकों को राहत देने के लिए केन्द्र सरकार की 203 करोड़ रुपए की योजना है। अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी के पत्र का जवाब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भिजवाया। आय दुगुनी हो और नेशनल मिल्क ग्रिड बनाया जाए।

अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने हाल ही में को-ऑपरेटिव क्षेत्र के डेयरी, अन्य संस्थाओं और पशुपालकों की समस्याओं को लेकर जो पत्र लिखा था उसका जवाब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भिजवा दिया है। केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से दिए गए जवाब में चौधरी को बताया गया है कि को-ऑपरेटिव क्षेत्र की डेयरियों, अन्य संस्थाओं और पशुपालकों की समृद्धि के लिए केन्द्र सरकार ने कई योजनाएं चला रखी हैं। हाल ही में 203 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं, इस योजना के अंतर्गत डेयरी और पशुपालक आसान किस्तों पर ऋण प्राप्त कर सकते हैं। कोरोना काल में जब डेयरी को दुग्ध उत्पादकों को भुगतान करने में परेशानी हो रही है, तब ऐसी संस्थाएं कम ब्याज दर पर लोन प्राप्त कर सकती हैं। लोन प्राप्त करने के बाद दूध उत्पादकों को समय पर भुगतान भी किया जा सकता है। इसी प्रकार पशुपालक भी पशु खरीदने और अपने कारोबार के लिए आसान किश्तों पर ऋण प्राप्त कर सकता है। चौधरी को मंत्रालय की ओर से बताया गया कि सरकार डेयरी उद्योग को लेकर जागरूक है और उद्योग के विकास के लिए अनेक योजनाएं लागू की गई है। इन योजनाओं से कोऑपरेटिव सोसायटियों और पशुपालकों को राहत लेनी चाहिए। वहीं डेयरी के अध्यक्ष चौधरी ने एक बार फिर कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 में जो घोषणाएं की थी उनकी क्रियान्विति अभी तक भी नहीं हुई है। डेयरी उत्पादों पर पांच प्रतिशत टैक्स को बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जो योजना बनाती है उसकी क्रियान्विति नहीं होती है। कोरोना काल में कोऑपरेटिव सेक्टर में चलने वाली डेयरियों को स्टॉक मैनेजमेंट की सबसे बड़ी समस्या है। लॉकडाउन की वजह से बाजारों में दूध की मांग घट गई है, जबकि पशु पालक लगातार दूध की सप्लाई कर रहे हैं। हालांकि अजमेर जिले में किसी भी पशुपालक से दूध लेने से इंकार नहीं किया जा रहा, लेकिन डेयरी के पास दूध का जबर्दस्त स्टॉक हो गया है। चौधरी ने कहा कि जिस प्रकार खाद्यान्न पर एमएसपी निर्धारित की गई है, उसी प्रकार पशुपालकों को एक लीटर पर पांच रुपए का समर्थन मूल्य दिया जाए। राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल मिल्क ग्रिड बनाया जाए ताकि जिन राज्यों में दूध की मांग है, उन राज्यों में दूध की सप्लाई की जा सके। चौधरी ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि पशुपालकों के लिए जो भी योजना बने, उसकी क्रियान्विति की निगरानी वे स्वयं करें। देश की जीडीपी में भी डेयरी और पशुपालन उद्योग का बहुत बड़ा योगदान है। S.P.MITTAL BLOGGER (01-06-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511

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