खादिमों की संस्था अंजुमन शेखजादगान के चुनाव करवाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से गुहार। कार्यकाल समाप्त हुए 14 माह हो गए, लेकिन कोरोना की आड़ लेकर चुनाव नहीं करवाए जा रहे हैं। चुनाव की मांग करने वालों में अनेक खादिम गबन के आरोपी है-एडहॉक कमेटी।
अजमेर स्थित विश्व विख्यात ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह की दो रजिस्ट्रर्ड संस्थाएं हैं, एक अंजुमन सैय्यद जादगान और दूसरी अंजुमन शेख जादगान। अंजुमन शेखजादगान की पिछली कार्यकारिणी का कार्यकाल मार्च 2020 में ही समाप्त हो गया था। चुनाव के लिए 26 मार्च की तारीख भी घोषित कर दी गई थी, लेकिन अजमेर में 22 मार्च को ही लॉकडाउन लग गया जिसकी वजह से नई कार्यकारिणी के चुनाव नहीं हो सके। लेकिन अब 14 माह बाद भी कोरोना की आड़ लेकर चुनाव नहीं करवाए जा रहे हैं। अंजुमन के सौ से भी ज्यादा सदस्यों की ओर से खादिम हाजी अजीम मोहम्मद चिश्ती ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर चुनाव करवाने की मांग की है। मुख्यमंत्री को बताया गया है कि एडहॉक कमेटी ने जो बजट पारित किया था उसे भी 115 सदस्यों ने अस्वीकार कर दिया है। अंजुमन के अधिकांश सदस्यों का विश्वास एडहॉक कमेटी के पदाधिकारियों पर नहीं है। कमेटी ने तानाशाही पूर्ण रवैया अपना अनेक जरूरतमंद खादिमों की आर्थिक सहायता भी रोक रखी है। कोरोना काल में परिवार के प्रत्येक सदस्य को जो दो हजार रुपए देने का निर्णय लिया गया है, उसमें भी राशि प्राप्त करने वाले से यह लिखवाया जा रहा है कि वह कमेटी के कामकाज से संतुष्ट है। जो खादिम ऐसा नहीं लिख रहे हैं उन्हें दो हजार रुपए की राशि नहीं दी जा रही है। पिछले दिनों कमेटी ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर चुनाव करवाने की अनुमति मांगी थी। कलेक्टर की ओर से ऐसी अनुमति भी मिल गई है, लेकिन इसके बावजूद भी अंजुमन के चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं जिससे खादिम समुाय में रोष व्याप्त है। पत्र में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण की वजह से दरगाह में जायरीन का प्रवेश बंद है। इसलिए खादिम समुदाय को भी विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अंजुमन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन अंजुमन के मौजूदा पदाधिकारी खादिमों के भरोसे पर खरे नहीं उतर रहे हैं। वहीं चुनाव की मांग करने वाले खादिमों का यह भी कहना है कि जब पंचायती राज और स्थानीय निकायों के चुनाव कोरोना काल में हो सकते हैं तो फिर खादिम समुदाय के चुनाव क्यों नहीं करवाए जा रहे हैं? चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है। आरोपी कर रहे हैं मांग:अंजुमन शेखजादगान की एडहॉक कमेटी के सचिव एहतेशाम चिश्ती का कहना है कि गत वर्ष 24 जून को एक प्रस्ताव पास कर निर्णय लिया गया था कि जब तक कोरोना संक्रमण समाप्त न हो जाए तब तक चुनाव न कराए जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से ही सरकार ने दरगाह में जायरीन का प्रवेश बंद कर रखा है। यानी सरकार भी मानती है कि अभी कोरोना का प्रकोप है। कलेक्टर ने चुनाव की जो अनुमति दी है उसमें भी यह लिखा है कि सरकार की कोरोना गाइड लाइन की पालना करते हुए चुनाव करवाए जाए। यानी अभी कोरोना का प्रकोप बना हुआ है। चिश्ती ने कहा कि जो लोग चुनाव की मांग कर रहे हैं उनमें से कई पर अंजुमन के कोष में गबन करने का आरोप है। पुलिस ने कई खादिमों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा है। 75 लाख रुपए के गबन का मामला अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है। जहां तक मौजूदा एडहॉक कमेटी के कामकाज का सवाल है तो पूरी पारदर्शिता के साथ काम किया जा रहा है। मौजूदा समय में भी करीब 35 लाख रुपए सालाना संस्था से जुड़े खादिमों के परिवारों को वितरित किए जाते हैं। एडहॉक कमेटी कोई नीतिगत निर्णय नहीं ले रही है। कोरोना का प्रकोप खत्म होते ही अंजुमन के चुनाव करवा लिए जाएंगे। S.P.MITTAL BLOGGER (07-06-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9602016852To Contact- 9829071511