कई बार झूठ की भी सजा भुगतनी होती है, इस बात का अहसास राजस्थान के एसीबी के एडीजी दिनेश एन एम को अच्छी तरह है। सोहराबुद्दीन और तुलसी प्रजापति के एनकाउंटर में बेकसूर होने के बाद भी सात साल जेल में रहे। अब दिनेश एनएम ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम से जुड़े कमीशन खेरी के प्रकरण में जांच कर रहे हैं। संघ के निंबाराम की जल्द गिरफ्तारी हो-कांग्रेस।
जयुपर ग्रेटर नगर निगम में बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि से रिश्वत मांगने के प्रकरण में एसीबी ने निगम की निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम और कंपनी के अधिकारी ओमकार को तो 29 जून को गिरफ्तार कर लिया है और अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान के क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। इस प्रकरण में रिश्वत की राशि का लेन देन नहीं हुआ है और एसीबी ने दो तीन वीडियो के आधार पर मुकदमा दर्ज किया है7 यानी इस प्रकरण में शिकायतकर्ता भी नहीं है। बीवीजी कंपनी ने भ कमीशन मांगने के आरोपों से इंकार किया है। लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चल रही है। इसलिए जांच का दायरा संघ तक पहुंच गया है। गहलोत तो पहले ही संघ के घोर विरोधी है और जब वीडियो सोशल मीडिया पर मुफ्त में मिल गए हैं तो संघ को कैसे छोड़ा जा सकता है। गहलोत के पास जो वीडियो हैं उसमें राम मंदिर निर्माण के लिए बीवीजी कंपनी से डोनेशन लेने की भी बात है। यह बात अलग है कि यह डोनेशन कंपनी के सीएसआर फंड में से देने की बात हो रही है। गहलोत के पास ही गृह मंत्री का प्रभार है, इसलिए एसीबी की कमान सीधे तौर पर उन्हीं के हाथों में है। इसमें कोई दो राय नहीं कि एसीबी के डीजी बीएल सोनी और एडीजी दिनेश एनएम संजीदा और ईमानदार अधिकारी है। इन दोनों ने ही गहलोत सरकार के बड़े बड़े भ्रष्टाचारियों को रंगे हाथें रिश्वत लेते पकड़ा है। बीवीजी कंपनी से कमीशन मांगने के प्रकरण की जांच भी एडीजी दिनेश एनएम की देखरेख में ही हो रही है। एसीबी भले ही संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम की भूमिका की जांच करें, लेकिन एडीजी दिनेश एनएम को इस बात का अहसास है कि कई बार झूठ की भी सजा भुगतनी पड़ती है। देश के बहुचर्चित सोहराबुद्दीन और तुलसी प्रजापति एनकाउंटर में दिनेश एनएम बेकसूर थे, लेकिन फिर भी उन्हें सात वर्षों तक जेल में रहना पड़ा। 2007 में जब दिनेश एनएम को गिरफ्तार कर जेल में डाला गया, तब सीबीआई की कमान केंद्र में स्थापित कांग्रेस के गठबंधन वाली यूपीए सरकार के पास थी। तब प्रदेशभर के लोगों ने चीख चीख कर कहा कि दिनेश एनएम निर्दोष हैं, लेकिन किसी ने नहीं सुनी 2014 में दिनेश एनएम तभी बाहर आए, जब केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी। हालांकि बाद में अदालत ने भी दिनेश एनएम को सभी आरोपों से बरी किया, लेकिन यह सही है कि सीबीआई ने बेवजह दिनेश एनएम जैसे ईमानदार और दिलेर अधिकारी को गिरफ्तार कर जेल में डाला। सवाल उठता है कि दिनेश एनएम को सात साल तक जेल में रखने का जिम्मेदार कौन है? क्या इन सात सालों की भरपाई दिनेश एनएम को जा सकती है? आज गहलोत सरकार माने या नहीं लेकिन निंबाराम बीवीजी कंपनी के प्रतिनिाि से कमीशन की राशि नहीं मांग सकते हैं। अशोक गहलोत भले ही संघ से कितने भी नाराज हो, लेकिन घर परिवार छोड़ कर संघ का प्रचारक बना जाता है। निम्बाराम पिछले 30 वर्षों से संघ में प्रचारक हैं और मौजूदा समय में राजस्थान के तीनों प्रांतों के प्रमुख हैं। सीएम गहलोत के संघ के साथ वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन संघ के किसी प्रचारक को वे भी बेईमान नहीं मान सकते। भले ही राजाराम पर 20 करोड़ रुपए का कमीशन मांगने का आरोप हो, लेकिन सवाल उठता है कि यदि राजाराम को ही कमीशन हड़पना होता तो वह बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि को संघ कार्यालय में निंबाराम के पास क्यों ले जाते? जानकारों की माने तो बीवीजी कंपनी के जो 200 करोड़ रुपए नगर निगम में अटके हुए थे, उन्हें निकालने के लिए वीडियो बनाया गया। लेकिन यह वीडियो अब कांग्रेस हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। भले ही इस हथियार पर एसीबी का मुखौटा लगा हो, लेकिन डोर कहीं और बंधी है। कांग्रेस के इस हथियार से भाजपा की राजनीति भी लहूलुहान हो रही है। कांग्रेस सरकार ने सौम्या गुर्जर को हटाकर भाजपा की पार्षद शील धाबाई को ही कार्यवाहक मेयर बनाया है। भाजपा की अब यह मजबूरी है कि कांग्रेस सरकार द्वारा बनाई मेयर को ही स्वीकार करना पड़ेगा। अनेक लोग बीवीजी कंपनी के रिश्वतखोरी के प्रकरण को भी भाजपा की आंतरिक खींचतान से जोड़ कर देख रहे हैं। भाजपा और संघ से जुड़े इस ताजा प्रकरण ने फिलहाल सचिन पायलट वाले असंतोष को धीमा कर दिया है।जल्द गिरफ्तारी हो:जयपुर ग्रेटर नगर निगम में कमीशनखोरी के प्रकरण में एसीबी की हुई कार्यवाही को लेकर 30 जून को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। डोटासरा ने कहा कि भाजपा और संघ के लोग राम मंदिर के नाम पर चंदा वसूलते हैं और फिर उसमें गड़बड़ी करते हैं। जयपुर में जो ऑडियो वीडियो प्रकाश में आए हैं उन से पता चलता है कि संघ के लोग भी कंपनियों से जबरन चंदा वसूली कर रहे हैं। डोटासरा ने कहा कि एसीबी की एफआईआर में संघ के जिन निंबाराम का नाम आया है उनकी गिरफ्तारी जल्द होनी चाहिए। उन्होंने माना कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। लेकिन वे एक राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष होने के नाते निंबाराम की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि एसीबी के अधिकारी जल्द ही कार्यवाही करेंगे। डोटासरा ने कहा कि इस मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए। S.P.MITTAL BLOGGER (30-06-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511