राजस्थान के संदर्भ में तो गांधी परिवार सचिन पायलट से मुलाकात भी नहीं कर रहा है। यह पायलट का धैर्य ही है। विधायक जेपी चंदेलिया और हरीश मीणा का मजाक और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी का बयान भी राजस्थान की राजनीति में बहुत मायने रखता है।

पंजाब में कांग्रेस और सरकार की समस्या को सुलझाने के लिए असंतुष्ट नेता नवजोत सिंह सिद्धू से गांधी परिवार के सदस्य दिल्ली में पिछले एक सप्ताह में कई बार मुलाकात कर चुके हैं। सिद्धू के चाहने पर सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी बात करने को आतुर रहते हैं। सिद्धू जब चाहे, तब 10 जनपथ में पहुंच कर सोनिया गांधी से मिल सकते हैं। लेकिन वहीं राजस्थान के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट से गांधी परिवार मुलाकात तक नहीं कर रहा है। सिद्धू तो भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हैं, जबकि सचिन पायलट ने भाजपा शासन में संघर्ष कर 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पंजाब में तो सुलह का फार्मूला बार बार तैयार हो रहा है, जबकि राजस्थान में संवाद का ही अभाव है। पंजाब के मुकाबले में राजस्थान में जो कुछ भी हो रहा है उसे सचिन पायलट का धैर्य ही माना जाएगा। पिछले एक वर्ष में पायलट समर्थक एक भी विधायक को सरकार में एडजस्ट नहीं किया गया है। सवाल उठता है कि आखिर पायलट से मुलाकात करने में गांधी परिवार को हिचक क्यों हैं? क्या मात्र मुलाकात करने से ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नाराज हो जाएंगे? राजनीति के ऐसे माहौल में कांग्रेस विधायक जेपी चंदेलिया और हरीश मीणा का मजाक राजस्व मंत्री हरीश चौधरी का एक वीडियो भी बहुत मायने रखता है। पहले बात दो विधायकों के मजाक की। 16 जुलाई को विधानसभा में हुई एक सेमिनार तथा समितियों की बैठक में भाग लेने के लिए कांग्रेस के विधायक जेपी चंदेलिया और हरीश मीणा भी पहुंचे। चंदेलिया ने मजाकिया अंदाज में हरीश मीणा से पूछा कि भाई जुलाई का महीना चल रहा है, इस बार मानेसर (दिल्ली) नहीं जा रहे हो? इस पर मीणा ने सवाल किया कि क्या आप भी चलेंगे? चंदेलिया ने कहा कि पिछली बार तो जाने से पहले मुझ से पूछा ही नहीं गया। इस पर मीणा ने कहा कि अबकी बार मानेसर जाएंगे तो आपको गाड़ी भेज कर बुला लेंगे। भले ही यह संवाद दोनों विधायकों में मजाक में हुआ हो, लेकिन राजस्थान की मौजूदा राजनीति में यह संवाद बहुत मायने रखता है। यहां उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 8-9 जुलाई को ही सचिन पायलट के नेतृत्व में कांग्रेस के 18 विधायक मानेसर दिल्ली गए थे। ये सभी विधायक एक माह दिल्ली में रहने के बाद 12 अगस्त को वापस जयपुर आए थे। तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपने समर्थक विधायकों को जयपुर और जैसलमेर की होटलों में रखा था। उस समय जेपी चंदेलिया सीएम गहलोत के साथ होटलों में थे, जबकि हरीश मीणा पायलट के साथ मानेसर में थे। चंदेलिया रिटायर्ड आईएएस हैं तो हरीश मीणा राज्य के पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं। चंदेलिया को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री के साथ रहने से मंत्री बनना आसान होगा, लेकिन पूरा एक वर्ष गुर्जर जाने के बाद भी चंदेलिया विधायक ही बने हुए हैं। शायद इसलिए अब पायलट के समर्थक विधायकों से मानेसर की जानकारी ले रहे हैं। गत दिवस भी पायलट के समर्थक विधायक ने कहा था कि यदि मानेसर जाना आत्महत्या करना है तो वे फिर से मानेसर जाने को तैयार है। इसी प्रकार सोशल मीडिया पर इन दिनों राजस्व मंत्री हरीश चौधरी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में चौधरी का कहना है कि कुछ पावर ब्रोकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे है। उन्हें यदि संगठन और सरकार में नहीं रखा जाता है तो वे साधारण कार्यकर्ता की हैसियत से भी कांग्रेस में काम करते रहेंगे। चौधरी का मानना है कि सचिन पायलट का कांग्रेस में भविष्य उज्ज्वल है। चौधरी के इस बयान को भी मौजूदा हालातों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चौधरी का यह वीडियो मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog पर देखा जा सकता है।S.P.MITTAL BLOGGER (17-07-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511https://fb.watch/v/2NT0NOYJv/

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