अजमेर की टाउन वेंडिंग कमेटी में भाजपा नेताओं की भरमार। कांग्रेस का एक भी पार्षद और नेता नहीं होने से कांग्रेसियों में नाराजगी। शहर अध्यक्ष विजय जैन और महेंद्र सिंह रलावता ने नाराजगी जताई, तो भाजपाई मेयर ब्रज लता हाड़ा ने कमेटी को संतुलित बताया। कलेक्टर के प्रस्ताव पर कांग्रेस सरकार के स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक दीपक नंदी ने सूची जारी की।

अजमेर में भी कांग्रेस के अधिकांश नेता और कार्यकर्ता इस बात से दु:खी और परेशान है कि सरकार के ढाई वर्ष गुजर जाने के बाद भी उचित सम्मान नहीं मिला है। अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी सरकारी कमेटियों में भाजपा नेताओं को तवज्जो दी जा रही है। इसका ताजा उदाहरण गत 7 जुलाई को स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक दीपक नंदी द्वारा घोषित अजमेर नगर निगम की टाउन वेंडिंग कमेटी है। इस कमेटी का अजमेर में इसलिए महत्व है क्योंकि कमेटी की सिफारिश पर ही वेंडिंग और नॉन वेंडिंग जोन निर्धारित होंगे। किसी भी शहर में ये दोनों क्षेत्र बहुत महत्व रखते हैं। इन्हीं में हजारों स्ट्रीट वेंडर भी शामिल होते हैं। एक बहुत बड़ा तबका इससे प्रभावित होता है। अजमेर में यह कमेटी जिला कलेक्टर के प्रस्ताव पर घोषित की गई है। 25 सदस्यीय कमेटी में कांग्रेस का एक भी पार्षद और कार्यकर्ता शामिल नहीं है। तीन पार्षदों में से दो हेमलता खत्री और केके त्रिपाठी भाजपा के जबकि तीसरे निर्दलीय पार्षद रणजीत सिंह भी भाजपा के समर्थक हैं। कांग्रेसियों ने इस बात को लेकर नाराजगी है कि गैर सरकारी संस्था के प्रतिनिधि के तौर पर भाजपा समर्थक भारत विकास परिषद की अजमेर शाखा के अध्यक्ष भारत भूषण बंसल को शामिल किया गया है। इसी प्रकार मार्केट एसोसिएशन के प्रतिनिधि के तौर पर नरेंद्र सिंह छाबड़ा और विजय निचानी को शामिल किया गया है। ये दोनों ही भाजपा के पदाधिकारी है। कमेटी में कांग्रेस के नेता शैलेन्द्र अग्रवाल शामिल हैं, लेकिन उनका कहना है कि मैं कांग्रेस पार्टी की ओर से शामिल नहीं हुआ हंू। क्योंकि मैं स्टैंड ठेला एसोसिएशन का अध्यक्ष हूं इसलिए मुझे शामिल किया गया है। महेश ओझा भी स्वयं को साइड हाथ ठेला एसोसिएशन का अध्यक्ष बताते हैं। कमेटी में रूपकुमार भागचंदानी, लालराम मेहरा, राजेंद्र गोयल, ईश्वर नानवानी, गोपाल मनवानी, भानुमती गोयल, मोहन करमचंदानी, श्रीमती आशा देवी को भी स्ट्रीट वेंडर के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल किया गया है। इस कमेटी के संबंध में निगम की भाजपाई मेयर श्रीमती ब्रज लता हाड़ा का कहना है कि यह कमेटी संतुलित है और इसमें स्ट्रीट वेंडर वालों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया गया है। वहीं शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन ने कहा कि कमेटी बनाने से पहले कांग्रेस के किसी भी पार्षद और नेता से विचार विमर्श नहीं किया गया। जबकि कांग्रेस की पहचान तो पिछड़े और गरीब तबके से ही है। कमेटी में कांग्रेस का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होने से यह कमेटी पूरी तरह गलत है। जिन प्रशासनिक अधिकारियों ने कमेटी के सदस्यों के नाम तय किए हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। इसी प्रकार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गत विधानसभा चुनाव में उत्तर क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता ने कहा कि यह कमेटी एक पक्षीय है। कमेटी में कांग्रेस के पार्षदों का भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए। इसी प्रकार मार्केट एसोसिएशन और स्वयं सेवी संगठन के प्रतिनिधियों के तौर पर भी भाजपा के पदाधिकारियों को शामिल किया गया है। शहर में ऐसे अनेक सामाजिक संगठन है जिसका प्रतिनिधित्व कांग्रेस के नेता भी करते हैं। मार्केट एसोसिएशन में भी कांग्रेस के नेताओं को शामिल नहीं किया गया है। रलावता ने कहा कि इस कमेटी के सदस्यों पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। S.P.MITTAL BLOGGER (18-07-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...