मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अजमेर स्मार्ट सिटी के कार्यों की रिपोर्ट केन्द्र सरकार ने मांगी। केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव और सांसद भागीरथ चौधरी ने शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी से मिलकर स्मार्ट सिटी के कार्यों में अनियमितताओं के आरोप लगाए थे। प्रशासन को 48 घंटे में प्राथमिक रिपोर्ट भिजवानी है-डिप्टी मेयर नीरज जैन।

अजमेर में चल रहे स्मार्ट सिटी के कार्यों में जो वित्तीय अनियमितताएं और लापरवाही हो रही है उस पर अब केन्द्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी मिशन के निदेशक राहुल कपूर ने राजस्थान के मुख्य सचिव निरंजन आर्य को 3 अस्गत को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में अजमेर के स्मार्ट सिटी के कार्यों की जांच करवाने के निर्देश दिए गए हैं। पत्र के साथ अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी का ज्ञापन भी भेजा गया है। ज्ञापन में वित्तीय अनियमितताओं और लापरवाही को लेकर जो आरोप लगाए गए है उन्हीं पर जांच के निर्देश दिए गए हैं। इन निर्देशों के अनुसार मुख्य सचिव को अगले तीन सप्ताह में केन्द्र सरकार को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है, जबकि प्राथमिक रिपोर्ट 5 अगस्त तक भिजवानी है। विस्तृत रिपोर्ट में प्रशासन को की गई कार्यवाही के बारे में भी बताना है। मेरे फेसबुक पेज … पर केन्द्र सरकार द्वारा लिखा गया 3 अगस्त का पत्र तथा सांसद भागीरथ चौधरी द्वारा दिए गए ज्ञापन की प्रति देखा जा सकती है। मालूम हो कि दो अगस्त को केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री भूपेन्द्र यादव के साथ सांसद भागीरथ चौधरी ने दिल्ली में केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात की थी। इन दोनों नेताओं ने पुरी को बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत अजमेर में 2 हजार करोड़ रुपए के विकास कार्य हो रहे हैं। लेकिन इन कार्यों में जमकर वित्तीय अनियमितताएं हो रही हैं। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने अपनी मर्जी से स्मार्ट सिटी के कार्य तय किए हैं। इनमें स्मार्ट सिटी मिशन के पीपीपी मॉडल के उद्देश्यों का भी ख्याल नहीं रखा गया है। शहर के बीचों बीच बनी प्राकृतिक आनासागर झील के अंदर लाखों टन मिट्टी डाल कर पाथवे का निर्माण किया जा रहा है। इसका फायदा झील के किनारे हुए अतिक्रमण वालों को मिलेगा। यह भी आरोप लगाया गया कि स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की भू माफियाओं से मिली भगत है। इसलिए झील के भराव क्षेत्र में सेवन वंडर्स प्रोजेक्ट की आड़ में सीमेंट कंक्रीट की इमारतें खड़ी की जा रही है। स्मार्ट सिटी के कार्यों के चयन में जनप्रतिनिधियों की राय भी नहीं ली जा रही है। भूपेन्द्र यादव और भागीरथ चौधरी की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए हरदीप पुरी ने जांच के निर्देश दिए। मंत्री के निर्देश के बाद ही स्मार्ट सिटी मिशन की ओर से राजस्थान के मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है। इस संबंध में नगर निगम के डिप्टी मेयर और भाजपा नेता नीरज जैन ने बताया कि 5 अगस्त को प्रशासन को अपनी प्राथमिक रिपोर्ट से केन्द्र सरकार को अवगत कराना है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में जिला कलेक्ट्रेट तक का भवन बनवाया जा रहा है, जो पूरी तरह स्मार्ट सिटी मिशन के उद्देश्य के विपरीत है। जो कार्य राज्य सरकार को करवाने हैं उन्हें भी केंद्र सरकार की राशि से स्मार्ट सिटी की राशि से करवाए जा रहे हैं। जैन ने कहा कि अब स्मार्ट सिटी के अधिकारियों और इंजीनियरों को पूर्ण ईमानदारी के साथ अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भिजवानी चाहिए। S.P.MITTAL BLOGGER (05-08-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 98290

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