केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की शिकायत चुनाव आयोग से की। भवानीपुर के उपचुनाव में हिंसा का आरोप लगाया। पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह और अमित शाह की मुलाकात पंजाब की राजनीति बदलेगी।

28 सितंबर को केंद्रीय पर्यावरण और श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली में चुनाव आयोग के पदाधिकारियों से मुलाकात की और एक ज्ञापन दिया। यादव के साथ केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और अनुराग ठाकुर भी थे। यादव ने चुनाव आयोग को बताया कि पश्चिम बंगाल में भवानीपुर विधानसभा के चुनाव में सत्तारूढ़ टीएमसी के कार्यकर्ता खुलेआम हिंसा कर रहे हैं। 27 सितंबर को ही भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष पर जानलेवा हमला किया। भवानीपुर से सीएम ममता बनर्जी टीएमसी की उम्मीदवार है, इसलिए सरकारी अमला खामोश है। ममता को जिताने के लिए सरकारी मशीनरी का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। भाजपा के लिए भवानीपुर में प्रचार करना मुश्किल हो रहा है। आयोग को बताया गया कि पिछले दिनों टीएमसी की जीत के बाद से ही पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर चल रहा है। राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने भी सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है कि बंगाल में सरकारी संरक्षण में हिंसा हो रही है। यादव और अन्य मंत्रियों ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि भवानीपुर विधानसभा चुनाव में तत्काल पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाए और हिंसा पर रोक लगाई जाए। आयोग से भवानीपुर में निष्पक्ष चुनाव करवाने का आग्रह भी किया गया। आयोग से कहा गया कि उपचुनाव वाले क्षेत्रों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनात की जाए।पंजाब की राजनीति में बदलाव:28 सितंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह के बीच मुलाकात हो रही है। पंजाब में भी पांच माह बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं और कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने हाल ही में अमरिंदर सिंह को हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया है। जिस तरह से अमरिंदर सिंह को हटाया गया उस पर अमरिंदर सिंह पहले ही नाराजगी जता चुके हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार 27 सितंबर को चन्नी मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद कांग्रेस विधायकों में नाराजगी बढ़ी है। माना जा रहा है कि अपनी पार्टी से खफा अमरिंदर सिंह आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। अमरिंदर सिंह को केंद्र में मंत्री भी बनाया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो अमरिंदर सिंह को कृषि मंत्री का दायित्व दिया जा सकता है ताकि पंजाब, हरियाणा में चल रहे किसान आंदोलन को नियंत्रित किया जा सके। यहां यह उल्लेखनीय है कि 117 सदस्यों वाली पंजाब विधानसभा में भाजपा के मात्र 2 विधायक हैं। भाजपा अब अमरिंदर सिंह की मदद से पंजाब में अपना जनाधार बढ़ाने के प्रयास में है। 2017 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह के चेहरे पर ही लड़ा था और तब कांग्रेस को 90 सीटें मिली थी। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों अमरिंदर सिंह ने खामोशी के साथ मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि 90 में से करीब 30 विधायक अमरिंदर सिंह के साथ थे। लेकिन भाजपा में शामिल होने की रणनीति के तहत अमरिंदर सिंह ने खामोशी के साथ इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद अमरिंदर सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर हमला बोला और उन्हें पाकिस्तान परस्त बता दिया। S.P.MITTAL BLOGGER (28-09-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511

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