चार बार की महिला विधायक यदि अपने हाथों से रोटी-सब्जी बनाकर कार्यकर्ताओं को खिलाएं तो इंसानियत का अंदाजा लगाया जा सकता है। अजमेर दक्षिण क्षेत्र की भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल अपने जयपुर आवास पर ऐसी ही इंसानियत दिखाती हैं। भदेल 2013 से 2018 के कार्यकाल में महिला एवं बाल विकास विभाग के स्वतंत्र प्रभार की मंत्री भी रही हैं।
यदि कोई राजनेता एक ही विधानसभा क्षेत्र से लगातार चार बार से चुनाव जीत रहा हो तो उसकी लोकप्रियता का अंदाजा अपने आप हो जाता है। लेकिन इस लोकप्रियता के लिए ऐसे राजनेता को सेवा और त्याग की भावना भी रखनी होती है। 29 सितंबर को मुझे जयपुर में जिस कार्यक्रम में शामिल होना था, उसमें अजमेर दक्षिण क्षेत्र की भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल को भी शरीक होना था। मेरा मानना था कि मैं शाम को रवाना होकर रात को ही जयपुर से लौट आऊंगा। लेकिन श्रीमती भदेल का प्रस्ताव रहा कि मैं दिन में ही उनके साथ जयपुर चलूं और अगले दिन वापस उन्हीं के साथ आऊं। अजमेर-जयपुर के रास्ते में श्रीमती भदेल ने बताया कि भले ही चार बार की विधायक हैं, लेकिन इस बार बड़ी मुश्किल से जयपुर में मान सरोवर में द्वारका अपार्टमेंट में तीन कमरों का फ्लैट लिया है। यह फ्लैट भी तब लिया, जब जयपुर में सरकार ने विधायकों से सरकारी आवास खाली करवाए। नई विधानसभा के सामने अब विधायकों के आवास तोड़कर अपार्टमेंट में विधायकों के लिए पांच कमरों वाले आलीशान फ्लैट बनाए जा रहे हैं। मुझे इस बात का ताज्जुब हुआ कि जो अनिता भदेल पिछले 18 वर्ष से लगातार विधायक हैं, उनके पास जयपुर में अपना निजी आवास तक नहीं रहा। मैंने तो ऐसे विधायक देखे हैं जो एक बार में भी जयपुर, अजमेर और दिल्ली तक में कोठियां बना लेते हैं। भदेल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का इस बात के लिए आभार जताया कि हाऊसिंग बोर्ड के जिस फ्लैट की कीमत 55 लाख रुपए थी उसे विधायकों को 30 लाख रुपए में दिया गया। तीस लाख का भी फ्लैट खरीदने के लिए उन्हें बैंक से लोन लेना पड़ा है। भदेल ने कहा कि पिछले तीन बार के कार्यकाल में उन्हें जयपुर में कभी भी आवास की आवश्यकता नहीं हुई, क्योंकि विधायक की शपथ लेने के साथ ही सरकारी आवास मिल गया। 2013 से 2018 के कार्यकाल में तो उन्हें मंत्री वाला बंगला मिला। लेकिन इस बार मजबूरी में जयपुर में निजी आवास लेना पड़ा। लेकिन अब मुझे खुशी है कि जयपुर में अपना आवास हो गया है। अपने विधानसभा क्षेत्र के जनहित से जुड़े मामलों के लिए वे जयपुर में सरकारी दफ्तरों में स्वयं जाती हैं। 29 सितंबर को भी पाइप लाइन बिछाने के लिए सरकारी आदेश लेने के लिए भदेल स्वयं जलदाय विभाग के अधिकारियों से मिली। भदेल आदेश लेकर ही वापस लौटी। दक्षिण क्षेत्र के सुभाष नगर में रेलवे फाटक पर ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए डीएवी कॉलेज शिक्षण संस्थान से भूमि लेने के लिए भदेल ने लंबा संघर्ष किया। भदेल का तर्क रहा कि जब कॉलेज को सरकार ने ही भूमि दी है तो फिर वापस लेने पर मुआवजा किस बात का दिया जाए? भदेल की जिद के आगे डीएवी कॉलेज प्रशासन को झुकना पड़ा और अब भूमि देने पर सहमति जता दी गई है। भदेल ने कहा कि सुभाष नगर फाटक पर ब्रिज बनाने से लाखों लोगों को राहत मिलेगी। चूंकि 29 सितंबर की रात का डिनर हम दोनों को होटल शकून में पूर्व निर्धारित था, इसलिए कोई परेशानी नहीं थी, लेकिन 30 सितंबर की सुबह के ब्रेकफास्ट और लंच को लेकर मेरे मन में अनेक सवाल थे। मेरा ऐसा विचार था कि जयपुर अजमेर के मार्ग में किसी होटल में लंच कर लिया जाएगा, लेकिन मुझे तब आश्चर्य हुआ, जब श्रीमती भदेल स्वयं ही रसोई में रोटी-सब्जी बनाने में व्यस्त हो गई। भदेल के साथ अजमेर शहर भाजपा की महामंत्री श्रीमती मंजू शर्मा भी रसोई में काम करती देखी गई। मैंने जब आश्चर्य व्यक्त किया तो भदेल ने बताया कि मैं जब भी जयपुर आती हंू तब किसी न किसी कार्यकर्ता को साथ लाती हंू। जयपुर में भी कार्यकर्ता के साथ उसके कार्य के लिए संबंधित विभाग में जाती हंू और फिर उसे अपने घर पर खाना भी खिलाती हंू। यह मेरे स्वभाव में है। जिस कार्यकर्ता की मेहनत से हम विधायक बनते हैं तो हमारे संसाधनों पर पहला हक कार्यकर्ताओं का ही है। ऐसा ही व्यवहार में अपने क्षेत्र के मतदाताओं के साथ भी करती हंू। मैं जब अजमेर में रहती हंू तो प्रतिदिन अपने घर जनसुनवाई करती हंू। घर आने वाले हर मतदाता की समस्या के समाधान का प्रयास करती हंू। मतदाताओं से सीधा जुड़ाव होने के कारण ही चुनाव में उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है। प्रतिद्वंदी उम्मीदवार चाहे जितना पैसा खर्च करे, लेकिन मैं अपने संगठन और कार्यकर्ताओं की मेहनत से चुनाव जीत ही जाती हंू। रसोई में भिंडी की सब्जी और पराठे बनाने के बाद श्रीमती भदेल ने मेरे और अपनी महिला कार्यकर्ता के साथ लंच किया। भदेल ने जो भोजन स्वयं ने खाया, वही भोजन अपने गनमैन और ड्राइवर को भी खिलाया। चार बार की विधायक श्रीमती भदेल भले ही जयपुर में फ्लैट में रह रही हो, लेकिन उनका दिल और मन विशाल समुद्र की तरह है। भदेल मेरी छोटी बहन के समान है और मैं उन्हें तब से जानता हूं, जब वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार के सेवा भारती संस्था से जुड़ी थी और मामूली वेतन पर निजी स्कूल में शिक्षक की नौकरी करती थीं। भाजपा के दिग्गज नेता ओंकार सिंह लखावत ने भदेल की सेवा भावना को देखते हुए पार्षद का टिकट दिया और भदेल को अजमेर नगर परिषद का सभापति बनवाया। इसके बाद भदेल ने राजनीति में पीछे मुड़ कर नहीं देखा है। 2003 से भदेल अजमेर दक्षिण से लगातार चुनाव जीत रही हैं। भदेल के पास हर परिस्थितियों में चुनाव जीतने का अनुभव है। ईश्वर भदेल के दिल और मन में यही सेवा भाव बनाए रखे। मोबाइल नम्बर 9829270288 पर विधायक भदेल की हौसला अफजाई की जा सकती है। मेरे फेसबुक पेज www.facebook.com/SPMittalblog पर श्रीमती भदेल का रसोई में काम करते फोटो भी देखा जा सकता है। S.P.MITTAL BLOGGER (02-10-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511