सोशल मीडिया का महत्व, लेकिन विश्वसनीयता भी जरूरी। राजस्थान में पत्रकारिता विश्वविद्यालय में बदलते माहौल के अनुरूप कोर्सेस- वीसी ओम थानवी।
29 सितंबर को जयपुर प्रवास के दौरान मेरी मुलाकात हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति ओम थानवी से हुई। थानवी के पास स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर का अतिरिक्त प्रभार भी है। चूंकि थानवी देश के दिग्गज पत्रकारों में शामिल रहे, इसलिए मुझे भी मिलने की उत्सुकता थी। ओम थानवी ने शुरुआती दौर में राजस्थान पत्रिका में काम किया और अंग्रेजी माध्यम के इंडियन एक्सप्रेस अखबार के चंडीगढ़ संस्करण के संपादक रहे। तब चंडीगढ़ संस्करण ही पंजाब के साथ-साथ हिमाचल, हरियाणा आदि राज्यों में वितरित होता था। चूंकि थानवी को पत्रकारिता क्षेत्र का लंबा अनुभव रहा, इसलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने थानवी को जयपुर में हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया। विचारों के आदान-प्रदान के दौरान ही थानवी ने माना कि इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के साथ साथ अब सोशल मीडिया का महत्व भी हो गया है। राज्यों के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री भी जनहित की सूचनाएं सबसे पहले सोशल मीडिया पर ही पोस्ट करते हैं। सोशल मीडिया की खबरें तेजी से करोड़ों लोगों तक पहुंचती है। देश के कई पत्रकारों ने न्यूज चैनलों और अखबारों को छोड़कर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों का उपयोग किया है। लेकिन ओम थानवी का यह मानना रहा कि सोशल मीडिया की विश्वसनीयता भी होनी चाहिए। अखबार और न्यूज चैनल के दफ्तरों में रिपोर्टर की खबर पर संपादक की नजर होती है, लेकिन सोशल मीडिया पर सक्रिय पत्रकार तो खुद ही संपादक होता है। थानवी ने कहा कि यह अच्छी बात है कि अब वरिष्ठ पत्रकार भी सोशल मीडिया का उपयोग करने लगे हैं, लेकिन ऐसे पत्रकारों को समाज के प्रति अपना दायित्व समझना चाहिए। इंडियन एक्सप्रेस के संपादक रहते समय के कुछ संस्मरण भी थानवी ने सुनाए। तबके प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के साथ विदेश यात्रा पर आने का निमंत्रण मुझे भी मिला, लेकिन मैंने विदेश यात्रा पर जाने से इंकार कर दिया। मेरा मानना रहा कि जो रिपोर्टर दिन रात मेहनत कर अपनी बीट की खबरें तैयार करता है, उसी का हक विदेश यात्रा पर जाने का है। थानवी ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ यात्रा के लालच में संपादक को रिपोर्टर की भूमिका निभानी पड़ती है। यह बात अलग है कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद पत्रकारों को विदेश यात्रा पर ले जाने की प्रथा को ही बंद कर दिया है। अब तो मोदी से पहले ही पत्रकार संबंधित देशों में पहुंच जाते हैं। थानवी ने कहा कि अब तो अखबारों के संपादकों को भी अनेक सुविधाएं मिलने लगी है।माहौल के अनुरूप कोर्सेस:थानवी ने कहा कि सोशल मीडिया की भूमिका को देखते हुए पत्रकारिता विश्वविद्यालय में भी नए कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। ऐसे कोर्सेस की जानकारी यूनिवर्सिटी की वेबसाइट hju.ac.in से ली जा सकती है। हालांकि न्यूज़ चैनल और अखबार के दफ्तर में नौकरी के लिए पत्रकारिता की डिग्री की अनिवार्यता नहीं है, लेकिन सरकारी नौकरी के लिए डिग्री जरूरी है। थानवी ने कहा कि कोई भी पढ़ाई कभी बेकार नहीं होती। बदलते माहौल में खबर लिखना ही पत्रकारिता नहीं है, अब एक सफल पत्रकार को कंप्यूटर और आईटी तकनीक की जानकारी होना भी जरूरी है। अब पत्रकार को कंप्यूटर लैपटॉप पर खबर तैयार करनी होती है। इसी प्रकार न्यूज चैनल के रिपोर्टर को आईटी जानकारी भी जरूरी है। सोशल मीडिया के पत्रकार के लिए तो आईटी ही सबसे जरूरी है। एक वीडियो बनाकर यूट्यूब पर पोस्ट करने वाला भी स्वयं को पत्रकार मानने लगा है। थानवी ने कहा कि अब तो यूट्यूब चैनल के पत्रकार भी देश की पत्रकारिता में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन ऐसी पत्रकारिता विश्वसनीय होनी चाहिए। राजस्थान के जो युवा पत्रकारिता में रुचि रखते हैं, उन्हें हमारे विश्वविद्यालय से जुड़ना चाहिए। S.P.MITTAL BLOGGER (01-10-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511