त्रिपुरा से आने वाली खबरों की पुष्टि के बाद ही नाराजगी दिखाएं मुसलमान। हिन्दुओं की अकीदत देखनी है तो अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह पर आएं। अफगानिस्तान में हर शुक्रवार को शिया मस्जिदों में विस्फोट।

त्रिपुरा से आने वाली खबरों को लेकर 12 नवंबर को महाराष्ट्र के मालेगांव सहित कई स्थानों पर हिंसक वारदातें हुई। मुस्लिम समुदाय के हजारों लोगों ने सड़कों पर आकर त्रिपुरा की घटनाओं पर नाराजती जताई। नाराज लोगों ने बाजारों में तोडफ़ोड़ और अगजनी की। यहां तक पुलिस कर्मियों पर पत्थर भी फेंके गए। महाराष्ट्र की घटनाओं को देखते हुए त्रिपुरा सरकार ने कहा कि लोगों को झूठी खबरों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। त्रिपुरा की किसी भी मस्जिद को नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। जो घटनाक्रम हुआ उस पर पुलिस प्रभावी कार्यवाही कर रही है। जानकारों की माने तो मुंबई में रजा एकेडमी के जुड़े लोगों ने पहले मुस्लिम समुदाय के लोगों को एकत्रित किया और अनेक जानकारियां देकर उकसावे की कार्यवाही की। ऐसी जानकारियों को लेकर ही त्रिपुरा पुलिस की ओर से कहा गया है कि पहले खबरों की पुष्टि की जानी चाहिए। कुछ लोग झूठी खबरें सोशल मीडिया पर प्रसारित कर माहौल खराब करते हैं। यदि किसी ने कोई अपराध किया है तो उसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। 12 नवंबर को महाराष्ट्र के मालेगांव सहित जिन स्थानों पर हिंसा हुई, वहां अब दहशत का माहौल है।अकीदत देखनी है तो अजमेर आएं:मुस्लिम सूफी संतों और धार्मिक स्थलों के प्रति हिन्दुओं की अकीदत देखनी है तो अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर आना चाहिए। दिन भर में जितने मुसलमान नहीं आते उससे ज्यादा हिन्दू दरगाह आकर ख्वाजा साहब की मजार पर जियारत करते हैं। सभी हिन्दू सूफी परंपरा के अनुरूप मजार पर चादर फूल, इत्र आदि चढ़ाते हैं। पूरी अकीदत के साथ जियारत की रस्म अदा करते हैं। खादिम द्वारा दिए गए लच्छे को अपने गले में पहनते हैं। दरगाह आने वाले अनेक मुसलमान भले ही ख्वाजा साहब की मजार पर सिर न झुकाते हों, लेकिन दरगाह आने वाला प्रत्येक हिन्दू पूरी शिद्दत के साथ सिर को मजार के कटघरे पर टिकाता है। यानी मजार पर सिर झुकाता है। अजमरे के निकट ही पुष्कर तीर्थ है, लेकिन अनेक हिन्दू दरगाह आकर अजमेर से लौट जाते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हिन्दू समुदाय में मुस्लिम धार्मिक स्थलों के प्रति कितनी अकीदत है। दरगाह के आसपास के हिन्दू दुकानदार सुबह अपनी दुकानो ंकी चाबियां पहले ख्वाजा साहब की दरगाह की सीढिय़ों पर रखते हैं ताकि शाम तक व्यवसाय में बरकत हो।हर शुक्रवार को मस्जिद में धमाके:मुस्लिम देश अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से हर शुक्रवार को शिया मस्जिदों में बम विस्फोट हो रहे हैं। 12 नवंबर को भी जुमे की नमाज के दौरान एक मस्जिद में बम विस्फोट हुआ। इससे पहले भी जुमे की नमाज के दौरान शिया मस्जिदों में विस्फोट हुए। इन विस्फोटों में सैकड़ों नमाजी मारे गए हैं। गंभीर बात यह है कि जब मस्जिद में नमाज हो रही होती है, तब विस्फोट किया जाता है। इससे बड़ी संख्या में लोग मारे जाते हैं, या फिर जख्मी होते हैं। अफगानिस्तान में मस्जिदों में बम विस्फोट का सिलसिला थम नहीं रहा है। भारत के लिए यह गंभीर बात है कि अफगानिस्तान की सीमा पाकिस्तान के कब्जे वाले मुजफ्फराबाद से जुड़ी हुई है। माना जा रहा है कि कश्मीर में टारगेट किलिंग हो रही है उसके पीछे भी अफगानिस्तान के चरमपंथियों का हाथ है। S.P.MITTAL BLOGGER (13-11-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511

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