पूर्व उपराष्ट्रपति शेखावत के बगावती तेवर जैसी रही पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की अजमेर यात्रा। शेखावत ने राजे के नेतृत्व को चुनौती दी थी, तो राजे भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व पर दबाव बना रही हैं।
राजनीति भी अजीब है, एक समय था जब भैरो सिंह शेखावत जैसे दिग्गज नेता को तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व को चुनौती देनी पड़ी, तो वहीं आज शेखावत की तरह ही भाजपा की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे धार्मिक यात्रा कर रही हैं। तब राजे ने भाजपा के कार्यकर्ताओं को शेखावत की यात्रा से दूर रहने के निर्देश दिए थे, लेकिन आज उन्हीं भाजपा कार्यकर्ताओं के सहयोग की जरूरत वसुंधरा राजे को पड़ रही है। 26 नवंबर को राजे ने अजमेर और पुष्कर तीर्थ की यात्रा की। राजे के समर्थकों ने जगह जगह शानदार स्वागत किया। हालांकि वसुंधरा राजे की यह यात्रा भाजपा की ओर से अधिकृत नहीं है, लेकिन फिर भी राजे की यात्रा को लेकर कार्यकर्ताओं ने जोश दिखाया है। राजे के दस वर्ष के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में जिन नेताओं ने लाभ का पद अथवा संगठन में महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई उन्होंने राजे की यात्रा को कामयाब बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांकि भाजपा संगठन के प्रमुख पदाधिकारी राजे की अजमेर यात्रा से दूर रहे। पूर्व मंत्री और भाजपा के विधायक कालीचरण सराफ, वरिष्ठ नेता श्याम सुंदर शर्मा, बीपी सारस्वत, शिवशंकर हेड़ा आदि ने राजे की यात्रा को लेकर जोरदार तैयारी की। श्याम सुंदर शर्मा को राजे ने राजस्थान लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष तो हेड़ा को अजमेर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया था। इसी प्रकार सराफ को चिकित्सा विभाग से हटाए जाने के बाद उच्च शिक्षा मंत्री के पद पर बनाए रखा। सारस्वत एमडीएस यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे, लेकिन फिर भी उन्हें छह वर्ष तक अजमेर देहात भाजपा का अध्यक्ष बनाए रखा गया। राजे के दिशा निर्देशों पर ही सारस्वत को पीटीईटी जैसी राज्य स्तरीय परीक्षाओं का समन्वयक भी बनाया गया। यानी राजे के कार्यकाल में जो नेता ओबलाइज हुए उन्होंने राजे की यात्रा को पूरी निष्ठा के साथ सफल बनाया। राजे का कहना है कि यह उनकी व्यक्तिगत धार्मिक यात्रा है, लेकिन राजे की यात्रा का पूरा माहौल राजनीतिक रहा। राजे ने भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने शक्ति प्रदर्शन की कोई कसर नहीं छोड़ी। राजे पुष्कर से सड़क मार्ग से अजमेर तक आई इस दौरान जगह जगह उनका स्वागत किया गया। पुष्कर में राजे का शानदार स्वागत करने में पालिका अध्यक्ष कमल पाठक की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। पाठक ने भी पुष्कर में राजे का शानदार स्वागत करवाया। राजे के समर्थक कह सकते हैं कि उन्होंने यात्रा को सफल कराया है। लेकिन इससे अनुशासित कही जाने वाली भाजपा की गुटबाजी उजागर हुई है। सब जानते हैं कि राजे मौजूदा समय में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर राजे ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई है। अलबत्ता समय समय पर राजस्थान में शक्ति प्रदर्शन करने में राजे ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। S.P.MITTAL BLOGGER (26-11-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511