प्रोफेसर अनिल कुमार शुक्ला ने अजमेर में एमडीएस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर का पद संभाला। राज्यपाल कलराज मिश्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ओब्लाइज हुए। प्रो. शुक्ला का लखनऊ के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में अभी दो वर्ष का कार्यकाल शेष था।

27 नवंबर को प्रोफेसर अनिल कुमार शुक्ला ने अजमेर स्थित एमडीएस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर का पद संभाल लिया है। इसी के साथ राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र भी कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ओब्लाइज हो गए हैं। प्रो. शुक्ला उत्तर प्रदेश के शिक्षाविद हैं और वे बरेली स्थित रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के वीसी भी रह चुके हैं। मौजूदा समय में भी प्रो. शुक्ला लखनऊ स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के वीसी के पद से इस्तीफा देकर आए हैं। जबकि प्रो. शुक्ला का अभी दो वर्ष कार्यकाल शेष है। सवाल उठता है कि क्या राजस्थान में शिक्षाविदों की कमी है जो उत्तर प्रदेश के शिक्षाविद की नियुक्ति एमडीएस में की गई है? असल में प्रो. शुक्ला की नियुक्ति कर मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र को ओब्लाइज किया है। प्रो. शुक्ला उत्तर प्रदेश की राजनीति में कलराज मिश्र के मित्र हैं। मिश्र की वजह से ही राज्य सरकार ने प्रो. शुक्ला को एमडीएस का वीसी बनाने का निर्णय लिया है। सब जानते हैं कि सीएम गहलोत रिश्तों को अच्छी तरह निभाते हैं। केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा नियुक्ति कोई राज्यपाल यदि एक वीसी की नियुक्ति से खुश हो जाए तो अशोक गहलोत का क्या नुकसान है? ये वहीं कलराज मिश्र है जिन पर कांग्रेस के नेताओं ने गत वर्ष सियासी संकट के समय आरोप लगाया था। खुद मुख्यमंत्री गहलोत ने मिश्र के खिलाफ राजभवन में धरना दिया। लेकिन आज उन्हीं मिश्र की सिफारिश पर प्रो. शुक्ला को राजस्थान की प्रमुख यूनिवर्सिटी का वीसी बनाया जा रहा है। सवाल यह भी है कि आखिर प्रो. शुक्ला लखनऊ की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती यूनिवर्सिटी के वीसी पद से इस्तीफा देकर राजस्थान के अजमेर क्यों आए। असल में इस यूनिवर्सिटी की स्थापना समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में हुई थी। यूनिवर्सिटी का उद्देश्य उर्दू, फारसी और अरबी भाषा का विकास करना था, लेकिन योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद यूनिवर्सिटी के स्वरूप को बदल दिया गया। ऐसे में यूनिवर्सिटी का पहले वाला बजट भी नहीं रहा, जबकि एमडीएस यूनिवर्सिटी का करोड़ों रुपए का बजट है। अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा और टोंक चार जिलों के कॉलेज इस यूनिवर्सिटी के अधीन आते हैं। यूनिवर्सिटी का विशाल कैम्पस है। वाइस चांसलर का महलनुमा सरकारी आवास है। ऐसे में लखनऊ के मुकाबले एमडीएस यूनिवर्सिटी माला माल है। लेकिन कलराज मिश्र और प्रो. अनिल शुक्ला को यह ध्यान रखना होगा कि सीएम गहलोत ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कमान बीएल सोनी और बजरंग सिंह शेखावत जैसे तेजतर्रार पुलिस अधिकारियों को दे रखी है। उत्तर प्रदेश से वाइस चांसलरों पर एसीबी की विशेष नजर रहती है। अलबत्ता प्रो. अनिल शुक्ला के लिए अजमेर एक बेहतरीन शहर है। राजस्थान की संस्कृति की प्रो. शुक्ला को पहले भी पहचान है। वे कोटा में सहायक आचार्य के पद पर काम कर चुके हैं। प्रो. शुक्ला राज्यपाल कलराज मिश्र के संपर्क में तभी से हैं, जब मिश्र उत्तर प्रदेश में भाजपा की राजनीति में सक्रिय थे। जहां तक सीएम गहलोत का सवाल है तो वे आम आदमी पार्टी के नेता रहे सुप्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा को राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य बना चुके है।S.P.MITTAL BLOGGER (27-11-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...