प्रियंका गांधी रणथम्भौर में कर रही है जंगल सफारी और राजस्थान के बेरोजगार मुलाकात करने के लिए लखनऊ में कांग्रेस दफ्तर के बाहर बैठे हैं। अच्छा हुआ कांग्रेसी होने का टैग मिट गया-उपेन यादव। मदरसा पैराटीचर्स भी प्रियंका गांधी के पीछे।

29 नवंबर को लगातार तीसरा दिन रहा, अब राजस्थान के बेरोजगार युवक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कांग्रेस दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे रहे। ये युवक कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी से मुलाकात करना चाहते हैं। 27 नवंबर को प्रियंका गांधी लखनऊ में ही थीं, लेकिन उन्होंने राजस्थान के बेरोजगारों से बात नहीं की। अब प्रियंका गांधी और उनका परिवार राजस्थान के रणथंभौर में जंगल सफारी का आनंद लेने के लिए आ गया है। तय कार्यक्रम के अनुसार प्रियंका गांधी 30 नवंबर को रणथम्भौर से लौटेंगी। यानी लखनऊ में बैठे बेरोजगारों का 30 नवंबर तक प्रियंका गांधी से मिलने का कोई चांस नहीं है। वहीं बेरोजगार युवकों का नेतृत्व कर रहे राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने 29 नवंबर को बताया कि प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद ही लखनऊ से वापसी होगी। यादव ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री बेरोजगारों की समस्याओं का समाधान नहीं कर रहे हैं, इसलिए उन्हें प्रियंका गांधी से मिलने के लिए लखनऊ आना पड़ा है। जयपुर में भी पिछले डेढ़ माह से बेमियादी धरना दिया जा रहा है। युवकों के पास पैसा नहीं है, इसलिए वे रात भी खुले में गुजारते हैं। दिन में लखनऊ के कांग्रेस दफ्तर के बाहर धरना देते हैं। उन्हें उम्मीद है कि प्रियंका गांधी उनकी मांगों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निर्देश देंगी। उपेन यादव ने कहा कि गत विधानसभा के चुनाव में हमने कांग्रेस का खुलकर समर्थन किया था, तब भाजपा नेताओं ने हम पर राजनीति करने का आरोप लगाया और अब जब प्रियंका गांधी से मिलने के लिए आए हैं तो सीएम गहलोत हमें भाजपा का समर्थक बता रहे हैं। 28 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम ने हमारे लिए जो कुछ भी कहा उससे कांग्रेसी होने का टैग मिट गया है। मैं हमेशा बेरोजगारों के लिए संघर्ष करता हंू। गत विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष सचिन पायलट ने भरोसा दिलाया था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर सरकारी भर्तियों में विसंगतियों को हटाया जाएगा तथा भर्ती प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। लेकिन कांग्रेस की सरकार को तीन वर्ष गुजर जाने के बाद भी बेरोजगारों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। हम तीन वर्ष से लगातार संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन गहलोत सरकार में सुनवाई नहीं हो रही है। उन्हें मजबूरन प्रियंका गांधी से मिलने के लिए लखनऊ आना पड़ा। लखनऊ आने का इतना असर तो हुआ ही है कि सीएम गहलोत ने हमारे आंदोलन का जिक्र तो किया। उपेन ने कहा कि सैकड़ों युवा लखनऊ की सड़कों पर है। सर्द रात में खुले में सोना पड़ रहा है, सीएम गहलोत को यह नहीं भूलना चाहिए कि दो वर्ष बाद विधानसभा के चुनाव हैं। युवाओं के दम पर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी, अब यदि युवाओं के साथ विश्वासघात किया जाएगा तो कांग्रेस का भी वही हश्र होगा तो भाजपा का हुआ था।रणथम्भौर में मदरसा पैराटीचर्स भी सक्रिय:प्रियंका गांधी 28 नवंबर को जब राजस्थान के रणथंभौर में जंगल सफारी के लिए आई तो प्रदेश के मदरसा पैराटीचर्स भी सक्रिय हो गए। ऐसे शिक्षक प्रियंका से मिलने के लिए रणथम्भौर के आसपास ही मंडरा रहे हैं। प्रियंका और शिक्षक के बीच लुका छिपी का खेल चल रहा है। शिक्षकों को प्रियंका के आने की सूचना मिलती है तो जंगल के उसी क्षेत्र में पहुंच जाते हैं। पैराटीचर्स भी गहलोत सरकार की नीतियों के बारे में प्रियंका को बताना चाहते हैं। S.P.MITTAL BLOGGER (29-11-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511

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