25 बीघा में फैले पुष्कर के निर्मल आश्रम में 100 वर्ष पहले जिन श्रद्धालुओं ने कमरों का निर्माण करवाया, अब उनके परिजनों को तलाश रहे हैं डॉ. स्वामी रामेश्वरांद हरि जी महाराज। सनातन धर्म की रक्षा के लिए अब धर्म योद्धाओं की जरुरत।
अजमेर के मशहूर दंत चिकित्सक डॉ. राजेंद्र तेला के परिवार की ओर से 19 दिसंबर को पुष्कर के निर्मल आश्रम में एक स्नेह मिलन समारोह रखा गया। डॉ. तेला के पुत्र डॉ. शांतनु तेला ने सभी साधु संतों और अजमेर के गणमान्य नागरिकों की आवभगत की। इस अवसर पर आश्रम के प्रमुख और सनातन धर्म की रक्षा में लगे डॉ. स्वामी रामेश्वरानंद हरि जी महाराज ने बताया कि निर्मल आश्रम का इतिहास बहुत पुराना है। अजमेर के अग्रवाल, माहेश्वरी, सिक्ख आदि परिवारों के सदस्यों ने 100 वर्ष पहले आश्रम में अनेक कमरों का निर्माण करवाया। लेकिन ऐसे परिवार अब आश्रम से दूर हो गए हैं। मेरा प्रयास है कि उन परिवारों को फिर से जोड़ा जाए ताकि आश्रम को उपयोगी बनाया जा सके। पुष्कर के प्रभावशाली लोगों ने आश्रम की भूमि प अतिक्रमण कर लिए थे, लेकिन अब संपूर्ण 25 बीघा भूमि और आश्रम के कमरे अतिक्रमण मुक्त हो गए हैं। अतिक्रमणकारियों ने भी आश्रम की संपत्ति को निर्मल अखाड़े की संपत्ति मान लिया है। अब हर पूर्णिमा को आश्रम में साधु संतों और गणमान्य नागरिकों का स्नेह मिलन होता है। डॉ. स्वामी रामेश्वरानंद हरि महाराज ने अजमेर और राजस्थान के धर्म प्रेमियों को आश्रम में आमंत्रित किया है। चूंकि राष्ट्र रक्षा अभियान के तहत उन्हें दिल्ली या भारत भ्रमण पर रहना पड़ता है, इसलिए निर्मल आश्रम में उनकी उपस्थिति का ध्यान रखा जाए। मोबाइल नंबर 9414366010 पर स्वामी जी से संवाद किया जा सकता है। डॉ. स्वामी ने बताया कि निर्मल आश्रम या निर्मल शब्द का इतिहास भी बहुत पुराना है। गुरु नानक देव जी से जब लोगों ने उनके संप्रदाय के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, हम तो निर्मल है। इसी के साथ देश में निर्मल परंपरा की शुरुआत हुई। पुष्कर के निर्मल आश्रम को कई बीघा भूमि अजमेर के सरदार मोहन सिंह जी छाबड़ा ने 1884 में दी थी। अब उनके पुत्र नारायण सिंह छाबड़ा संपर्क में आए हैं। निर्मल परंपरा से सिक्ख समुदाय को भावनात्मक लगाव है। डॉ. स्वामी ने कहा कि वे चाहते हैं कि पुष्कर का निर्मल आश्रम अब जरुरतमंद लोगों के काम आए और यहां साधु संतों का सम्मान भी हो, ऐसे कार्यों में वैश्य समाज हमेशा आगे रहता है।धर्म योद्धाओं की जरूरत:डॉ. स्वामी रामेश्वरानंद हरि जी महाराज ने कहा कि आज सनातन धर्म को बचाए रखने की आवश्यकता है। मौजूदा समय में हमारे सनातन धर्म पर चौतरफा हमला हो रहा है। देश के अंदर भी ऐसी ताकतें मजबूत हो रही हैं, जो हमारी संस्कृति को नुकसान पहुंचा रही हैं। बाहरी ताकतें भी लगातार देश को कमजोर करने में लगी हुई है। अब हमें धर्म योद्धाओं की जरूरत है जो आक्रमणकारियों को मुंह तोड़ जवाब दे सकें।ये लोग उपस्थित रहे:डॉ. तेला परिवार की पहल पर हुए स्नेह मिलन में चार्टेट अकाउंटेंट एचएम जैन, सीताराम गोयल, इंजीनियर अनिल जैन, सुभाष चांदना, हरनाम सिंह, किसान गोपाल हेड़ा, अशोक बाफना, सत्यनारायण चौधरी, सुनील हेड़ा, विनीत कुमार पारीक, गोविंद नारायण हेड़ा, अरुण बाहेती, सुभाष काबरा आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। S.P.MITTAL BLOGGER (20-12-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 9829071511