वैक्सीन नहीं लगवाने वालों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गुस्सा जायज है। लाखों राजस्थानियों ने दूसरी डोज ही नहीं लगवाई। राशन सामग्री बंद की जा सकती है। राजस्थान में नाइट कर्फ्यू तो लागू है-मुख्यमंत्री

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना की वैक्सीन को अनिवार्य कर दिया है। 31 जनवरी तक जो व्यक्ति वैक्सीन नहीं लगवाएगा उस पर जुर्माना लगाया जाएगा तथा उसे सरकार की योजनाओं से भी वंचित कर दिया जाएगा। 24 दिसंबर को सीएम गहलोत ने कोरोना संक्रमण को प्रदेश के चिकित्सा वैज्ञानिकों और वरिष्ठ चिकित्सकों से संवाद किया। गहलोत ने इस बात पर नाराजगी जताई कि लाखों लोगों ने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है। इस संवाद वैक्सीन नहीं लगवाने वालों को लेकर सीएम गहलोत ने जो नाराजगी जताई है, वह वाजिब है। जब कोरोना की तीसरी लहर ने ओमिक्रोन वायरस के तौर पर दस्तक दे दी है तब वैक्सीन नहीं लगवाना बहुत गंभीर बात है। सवाल उठता है कि क्या लोग मरने से नहीं डरते हैं? दुनिया में ऐसे अनेक देश हैं जो कोरोना की वैक्सीन के लिए तरस रहे हैं। ऐसे देशों के प्रमुख वैक्सीन के लिए मुंह मांगी कीमत देने को तैयार है, लेकिन फिर भी वैक्सीन नहीं मिल रही है। इसके विपरीत भारत में वैक्सीन मुफ्त में लगाई जा रही है। राजस्थान में वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक है। राज्य का चिकित्सा महकमा भी वैक्सीन लगाने के लिए तैयार है। अब पहले ही तरह स्वास्थ्य केंद्रों पर लाइन भी नहीं लग रही है। उल्टे स्वास्थ्य कर्मी घर घर जाकर वैक्सीन लगा रहे हैं। सब जानते हैं कि कोरोना वायरस से बचने के लिए वैक्सीन ही सबसे बड़ा हथियार है, लेकिन फिर भी यदि लाखों लोग वैक्सीन नहीं लगवाते हैं तो अफसोसनाक बात है। वैक्सीन लगवाने के लिए सरकार को जुर्माना लगाना पड़े, यह लोगों की लापरवाही दर्शाता है। हो सकता है कि कुछ लोग अपनी धार्मिक भावनाओं के चलते वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं, लेकिन धार्मिक भावनाओं का तभी महत्व है जब इंसान बचेगा। यदि कोरोना संक्रमण से मौत हो जाएगी तो फिर धार्मिक भावनाओं का क्या होगा? कोई धर्म नहीं सिखाता कि स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जाए। कुछ लोगों को लगता है कि जब हम कोरोना की दूसरी लहर में भी संक्रमित नहीं हुए तो अब तीसरी लहर में भी बच जाएंगे। ऐसे लोगों का तर्क नहीं बल्कि कुतर्क कर रहे हैं। अच्छा हो कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भावनाओं के अनुरूप प्रदेश के सभी नागरिक वैक्सीन लगवाएं। दूसरी लहर में हम सबने देखा कि संक्रमित व्यक्तियों को सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में पलंग तक नहीं मिले। कोई ऑक्सीजन के अभाव में तो कोई वेंटिलेटर नहीं मिलने की वजह से मर गया। जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है वे एक बार उन परिवारों से मिले, जिनके किसी सदस्य की मौत दूसरी लहर में हुई है। लोगों को सारी जिद्द छोड़कर सबसे पहले वैक्सीन लगवानी चाहिए। 24 दिसंबर के संवाद में यह बात भी सामने आई कि राजस्थान में लाखों लोग ऐसे हैं जिन्होंने एक सिर्फ डोज लगवाई है। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना से बचने के लिए दोनों डोज जरूरी है। यदि दूसरी डोज नहीं लगवाई जाती है तो पहली डोज बेअसर है। समझ में नहीं आता कि लोगों ने दूसरी डोज क्यों नहीं लगवाई?नाइट कर्फ्यू लागू है:चिकित्सा वैज्ञानिकों के साथ संवाद में सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान में रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक का नाइट कर्फ्यू लागू है। दूसरी लहर में जो नाइट कर्फ्यू लगाया था, वह अभी तक हटाया नहीं है। पुलिस ने सख्ती करना छोड़ दिया था, लेकिन बढ़ते संक्रमण को देखते हुए नाइट कर्फ्यू को लेकर फिर से सख्ती की जाएगी। मुख्यमंत्री के इस कथन से साफ जाहिर है कि जिला प्रशासन अपने स्तर पर होटल, रिसोर्ट आदि में होने वाले नव वर्ष के जश्नों पर रोक लगा सकता है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश में नव वर्ष के कार्यक्रम नहीं होने चाहिए। S.P.MITTAL BLOGGER (25-12-2021)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9799123137To Contact- 98

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