राजस्थान भाजपा की मंथन बैठक में आखिर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी शामिल हुईं। गुजरात चुनाव, अमित शाह के दौरे, गुटबाजी को समाप्त करने जैसे मुद्दों पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में हुआ मंथन।
by admin · April 19, 2022
19 अप्रैल को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर राजस्थान भाजपा के बड़े नेताओं की एक बैठक हुई। इस बैठक में पूर्व सीएम और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने भी भाग लिया। विगत दिनों दिल्ली में आयोजित सांसदों की बैठक में प्रभारी महासचिव अरुण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, संगठन महासचिव चंद्रशेखर आदि ने भाग लिया था। लेकिन इसमें पूर्व सीएम राजे उपस्थित नहीं थी। इससे पहले भी जयपुर और दिल्ली में हुई संगठन की महत्वपूर्ण बैठकों में राजे उपस्थित नहीं हुई। लेकिन 19 अप्रैल को राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के निवास पर जो बैठक हुई उसमें राजे ने प्रभावी तरीके से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। भाजपा की संगठन बैठक में राजे की उपस्थिति को राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भले ही गुटबाजी को स्वीकार न करें, लेकिन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे इन समर्थकों और मौजूदा संगठन के पदाधिकारियों के बीच खींचतान की खबरें जगजाहिर है। राजे अपने जन्मदिन या अन्य अवसरों पर शक्ति प्रदर्शन करती रहती हैं। 8 मार्च के शक्ति प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने जयपुर आकर कहा था कि भाजपा में व्यक्ति नहीं संगठन ही सर्वोपरि है। संगठन ही नेता बनता है। 19 अप्रैल को नड्डा के निवास पर जो बैठक हुई उसमें राजे के साथ साथ अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रदेश प्रभारी अरुण, केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेंद्र राठौड़, संगठन महासचिव चंद्रशेखर आदि उपस्थित रहे। सूत्रों की माने तो इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के प्रस्तावित राजस्थान दौरे को लेकर भी चर्चा हुई। इसी क्रम में गुजरात में इसी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में राजस्थान के भाजपा नेताओं की भूमिका को लेकर भी मंथन हुआ। राजस्थान और गुजरात की सीमा जुड़ी हुई है, इसलिए योजना बनाई जा रही है कि राजस्थान की सीमा से जुड़े गुजरात के जिलों में भाजपा के नेता प्रचार प्रसार करें। सूत्रों के अनुसार संगठनात्मक मंथन के दौरान ही नड्डा ने सभी नेताओं को हिदायत दी कि वे एकजुट होकर काम करें। राजस्थान में मौजूदा कांग्रेस सरकार के खिलाफ जबरदस्त माहौल है। ऐसे में भाजपा नेताओं की गुटबाजी का फायदा कांग्रेस को नहीं मिलना चाहिए। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष पूनिया ने बूथ स्तर पर हुई संगठन की तैयारियों चर्चा हुई।
भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भले ही गुटबाजी को स्वीकार न करें, लेकिन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे इन समर्थकों और मौजूदा संगठन के पदाधिकारियों के बीच खींचतान की खबरें जगजाहिर है। राजे अपने जन्मदिन या अन्य अवसरों पर शक्ति प्रदर्शन करती रहती हैं। 8 मार्च के शक्ति प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने जयपुर आकर कहा था कि भाजपा में व्यक्ति नहीं संगठन ही सर्वोपरि है। संगठन ही नेता बनता है। 19 अप्रैल को नड्डा के निवास पर जो बैठक हुई उसमें राजे के साथ साथ अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रदेश प्रभारी अरुण, केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेंद्र राठौड़, संगठन महासचिव चंद्रशेखर आदि उपस्थित रहे। सूत्रों की माने तो इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के प्रस्तावित राजस्थान दौरे को लेकर भी चर्चा हुई। इसी क्रम में गुजरात में इसी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में राजस्थान के भाजपा नेताओं की भूमिका को लेकर भी मंथन हुआ। राजस्थान और गुजरात की सीमा जुड़ी हुई है, इसलिए योजना बनाई जा रही है कि राजस्थान की सीमा से जुड़े गुजरात के जिलों में भाजपा के नेता प्रचार प्रसार करें। सूत्रों के अनुसार संगठनात्मक मंथन के दौरान ही नड्डा ने सभी नेताओं को हिदायत दी कि वे एकजुट होकर काम करें। राजस्थान में मौजूदा कांग्रेस सरकार के खिलाफ जबरदस्त माहौल है। ऐसे में भाजपा नेताओं की गुटबाजी का फायदा कांग्रेस को नहीं मिलना चाहिए। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष पूनिया ने बूथ स्तर पर हुई संगठन की तैयारियों चर्चा हुई।
S.P.MITTAL BLOGGER (19-04-2022)
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