विधानसभा का चुनाव हारने के बाद भी अजमेर के कांग्रेस नेता महेंद्र सिंह रलावता उत्तर क्षेत्र में सक्रिय रहे। रलावता के दोबारा उम्मीदवार बनने में पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ सबसे बड़ी बाधा। समर्थकों ने 20 अप्रैल को दिन भर मनाया जन्मदिन का जश्न।
20 अप्रैल को दिन भर समर्थकों ने अजमेर कांग्रेस के नेता महेंद्र सिंह रलावता का जन्मदिन उत्साह के साथ मनाया। 64वें जन्मदिन पर मोबाइल नंबर 9414497073 पर रलावता को बधाई दी जा सकती है। सब जानते हैं कि रलावता ने पिछला विधानसभा का चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर अजमेर उत्तर से लड़ा था। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। आमतौर पर चुनाव हारने के बाद नेता मायूस हो जाता है, लेकिन इसे अपवाद ही कहा जाएगा कि चुनाव हारने के बाद भी रलावता उत्तर विधानसभा क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे। रलावता का मानना रहा कि इस क्षेत्र के जिन हजारों मतदाताओं ने उन्हें वोट दिया उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना जरूरी है। जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, तो यह जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। रलावता ने पिछले तीन वर्षों में मुख्यमंत्री की बजट घोषणाओं की क्रियान्विति करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जयपुर रोड स्थित अपने कार्यालय में बैठकर उत्तर क्षेत्र के मतदाताओं से लगातार संपर्क बनाए रखा। रलावता अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं के समाधान में भी तत्पर रहते हैं। स्थानांतरण अथवा अन्य समस्याओं को लेकर मंत्रियों को सिफारिशी पत्र भी लिखते है। रलावता की यह सक्रियता बताती है कि अगले वर्ष होने वाले विधानसभा के चुनाव में उत्तर क्षेत्र से एक बार फिर उनकी दावेदारी रहेगी। अभी यह तय नहीं है कि रलावता को दोबारा से उम्मीदवार बनाया जाएगा, लेकिन रलावता अपनी ओर से मतदाताओं से संपर्क करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। रलावता के जहां पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से अच्छे संबंध हैं, वहीं रलावता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी संपर्क में हैं। गहलोत कई बार रलावता के निवास पर भी आ चुके हैं। रलावता का कहना है कि जब वे पिछले तीन वर्षों से उत्तर क्षेत्र में सक्रिय हैं, तब उनका टिकट कटने का सवाल ही नहीं उठता है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भी उनकी सक्रियता के बारे में पता है। लेकिन रलावता को दोबारा से उम्मीदवार बनाए जाने में सबसे बड़ी बाधा राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह राठौड़ हैं। असल में राठौड़ अजमेर जिले के पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार बनने की इच्छा रखते हैं। यही वजह है कि वे पुष्कर में एक वर्ष से सक्रिय हैं। राठौड़ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीक माने जाते हैं। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि राठौड़ को आसानी से पुष्कर से कांग्रेस का टिकट मिल जाएगा। यदि राठौड़ को पुष्कर से उम्मीदवार बनाया जाता है तो अजमेर उत्तर क्षेत्र से रलावता का टिकट अपने आप कट जाएगा। अजमेर जिले में राजपूत समाज के एक ही व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने की परंपरा रही है। संभवत: ऐसा कभी नहीं हुआ, जब अजमेर जिले में राजपूत समाज से कांग्रेस ने दो उम्मीदवारों को टिकिट दिया हो। हालांकि धर्मेन्द्र राठौड़ की उम्मीदवारी का पुष्कर में पूर्व मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ के द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है। नसीम के समर्थक राठौड़ को पुष्कर के लिए बाहरी बताते हैं। समर्थकों का कहना है कि धर्मेन्द्र राठौड़ भले ही स्वयं को पुष्कर के नांद गांव का निवासी बताते हो, लेकिन राठौड़ पुष्कर की राजनीति में कभी भी सक्रिय नहीं रहे। हालांकि विधानसभा के चुनाव में अभी डेढ़ वर्ष बाकी है, लेकिन सब जानते हैं कि रलावता ने कांग्रेस में रह कर लंबा संघर्ष किया है। एनएसयूआई से राजनीति शुरू कर रलावता यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। रलावता सचिन पायलट के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए अजमेर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे। रलावता कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के लिए सुलभ उपलब्ध है। रलावता का मानना है कि वर्ष 2018 में उनका विधानसभा का पहला चुनाव था। इसलिए कुछ गलतियां हो गई, लेकिन अब उन्हें चुनाव लड़ने का अच्छा अनुभव है। इस बार यदि उम्मीदवार बनाया जाता है तो कांग्रेस की जीत पक्की है। कांग्रेस के आम कार्यकर्ता भी मानते हैं कि रलावता उत्तर क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहेे हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (20-04-2022)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511