राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र सिंह राठौड़ के 65वें जन्मदिन पर रक्तदान करने वालों में होड़। अब तक 20 हजार यूनिट रक्त एकत्रित। 21 अप्रैल को अपने निर्वाचन क्षेत्र चूरू में मनाएंगे जन्मदिन। हजारों समर्थक जुटेंगे। व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी पुत्र पराक्रम सिंह के पास।
19 अप्रैल को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निवास पर राजस्थान के बड़े भाजपा नेताओं की जो बैठक हुई, उसमें विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र सिंह राठौड़ भी शामिल रहे। इस बैठक में बड़े नेताओं को अनुशासन का जो पाठ पढ़ाया गया उसे देखते हुए फिलहाल कोई नेता नहीं चाहता कि उस पर कोई आरोप लगे। यही वजह है कि राजेंद्र राठौड़ भी अपना जन्मदिन अब सादगी से मनाएंगे, लेकिन राठौड़ के समर्थक पिछले एक सप्ताह से जिला स्तर पर कैम्प लगाकर रक्त एकत्रित कर रहे हैं। रक्त एकत्रित करने के सूत्रधार वासुदेव चावला ने बताया कि 20 अप्रैल तक करीब 20 हजार यूनिट रक्त एकत्रित हो गया है। 21 अप्रैल को जन्मदिन वाले दिन प्रदेशभर में 150 स्थानों पर रक्तदान शिविर लगाए जाएंगे। समर्थक तो राठौड़ का 65वां जन्मदिन धूमधाम से मनाना चाहते थे, लेकिन राठौड़ ने मना कर दिया। चूंकि समाज में रक्त की मांग लगातार बढ़ रही है, इसलिए जरूरतमंदों की मदद के लिए रक्त एकत्रित करने का निर्णय लिया गया। चावला ने बताया कि राठौड़ के जन्मदिन के उपलक्ष में रक्तदान करने के लिए युवाओं में होड़ मची हुई है। 21 अप्रैल को एक बहुत बड़ा लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। रक्तदान के संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 8955110000 पर सूत्रधार वासुदेव चावला से ली जा सकती है।
पुत्र ने संभाल रखी है कमान:
सादगी से ही सही लेकिन उत्साह के साथ जन्मदिन मनाने की कमान राजेंद्र राठौड़ के पुत्र पराक्रम सिंह ने संभाल रखी है। जिला स्तर पर आयोजित एक एक रक्तदान शिविर पर पराक्रम की नजर है। इसी प्रकार 21 अप्रैल को राठौड़ के निर्वाचन क्षेत्र चूरू में मनाए जाने वाले जन्मदिन की तैयारियों की कमान भी पराक्रम ने संभाल रखी है। हालांकि राठौड़ के समर्थक बड़ी संख्या में चूरू पहुंचेंगे। लेकिन फिर भी अधिक से अधिक भीड़ जुटाने में पराक्रम का पराक्रम काम आ रहा है। सब जानते हैं कि राजस्थान में राठौड़ का लंबा राजनीतिक जीवन रहा है। राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ के अध्यक्ष से जो राजनीतिक सफर शुरू किया वह अभी तक थमा नहीं है। कई बार विधायक और मंत्री रह चुके राठौड़ की लोकप्रियता चूरू में ही नहीं बल्कि प्रदेशभर में है। राजनीति में रहने वाला हर नेता मंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्री बनने के लिए प्रयासरत रहता है। यह तो नहीं पता कि राठौड़ कब प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे, मौजूदा कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा में मुख्यमंत्री पद के जो 6 दावेदार बताते हैं उनमें राजेंद्र राठौड़ का नाम भी शामिल नहीं है। गहलोत का तो यहां तक आरोप है कि जुलाई 2020 में सचिन पायलट के साथ मिलकर मोदी सरकार गिराने की जो साजिश की गई जिसमें राजेंद्र राठौड़ भी शामिल हैं। गहलोत के इस बयानों से राजनीति में राठौड़ के महत्व का अंदाजा लगाया जा सकता है।
S.P.MITTAL BLOGGER (20-04-2022)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511