आखिर राजस्थान में सरकार एक पालिका अध्यक्ष चला रहे हैं या फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत। अलवर के राजगढ़ में तीन मंदिर और 86 दुकान व मकान तोड़ने का मामला।
राजस्थान के अलवर के राजगढ़ में सड़क चौड़ी करने को लेकर तीन मंदिर और 86 दुकान व मकान बुलडोजर से तोड़ दिए गए। इस संबंध में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि इस कार्यवाही के लिए राजगढ़ नगर पालिका पर काबिज भाजपा बोर्ड के अध्यक्ष सतीश दुहारिया जिम्मेदार हैं। पूर्व में दुहारिया की अध्यक्षता में हुई पालिका की बैठक में ही सड़क चौड़ी करने का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ था। हालांकि इस पर दुहारिया ने अपनी ओर से सफाई दे दी है, लेकिन सवाल उठता है कि राजस्थान में सरकार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चला रहे हैं या नगर पालिका का एक अध्यक्ष। सब जानते हैं कि एक प्रकरण में अदालत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अन्य आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं, लेकिन पीड़ितों की लाख कोशिश के बाद भी आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी है। क्योंकि राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार चल रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि एक नगर पालिका के प्रस्ताव पर इतनी बड़ी कार्यवाही कैसे हो गई? क्या राजगढ़ के उपखंड अधिकारी पुलिस उप अधीक्षक, तहसीलदार तथा अलवर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया? क्या पालिका अध्यक्ष दुहारिया इतनी शक्ति शाली थे कि उन्होंने बुलडोजर मंगवाए और तीन मंदिरों और 86 मकान निर्माणों को तोड़ दिया। यह भी तब जब राजगढ़ नगर पालिका का ईओ बनवारीलाल मीणा, एसडीएम केशव कुमार मीणा और विधायक जौहरी लाल मीणा (कांग्रेस) हैं। जो 86 पक्के निर्माण तोड़े गए वे पचास पचास वर्ष पुरानी हैं, जबकि एक मंदिर तो तीन सौ वर्ष पुराना बताया जा रहा है। राजगढ़ पालिका अध्यक्ष को तो अपनी गलती की सजा भुगतनी ही पड़ेगी, लेकिन सवाल उठता है कि मामूली सी पालिका के प्रस्ताव पर कलेक्टर और एसपी ने अपने विवेक का इस्तेमाल क्यों नहीं किया। राजगढ़ बाजार में बुलडोजर चलाने पर कलेक्टर और एसपी ने भी अपनी सहमति दी है। सवाल यह भी है कि क्या इतनी बड़ी कार्यवाही से पूर्व अलवर प्रशासन ने सरकार को कोई राय ली। विगत दिनों जब मध्यप्रदेश में बुलडोजर से एक अपराधी का मकान गिराया गया तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीखी प्रतिक्रिया दी। गहलोत का कहना रहा कि मध्यप्रदेश में की भाजपा सरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बुलडोजर चलाने से पहले मकान मालिक के दर्द को समझना चाहिए था। यानी अशोक गहलोत को मध्यप्रदेश में बुलडोजर से टूटे मकान की चिंता है कि अपने प्रदेश के राजगढ़ में 86 मकान और दुकान टूटने का कोई अफसोस नहीं है। सरकार के मंत्री अपनी जिम्मेदारी को एक मालूम से पालिका अध्यक्ष पर डाल रहे हैं। इस मामले में सरकार को चाहिए कि राजगढ़ पालिका के अधिकारियों के साथ साथ अलवर के जिला प्रशासन के खिलाफ भी कार्यवाही करे। सरकार को उन व्यक्तियों को मुआवजा देना चाहिए जिनके मकान और दुकान तोड़े गए हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (23-04-2022)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511