लाखों पक्षियों की प्यास बुझाएंगे 1200 परिंडे। अजमेर के जैन परिवार ने पारिवारिक समारोह में अनुकरणीय पहल की। जन्मदिन समारोह पर लिफाफा (उपहार) लेने वाले भी सबक ले सकते हैं।

24 अप्रैल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अजमेर महानगर के संघ चालक सुनील दत्त जैन के परिवार की ओर से मेरवाड़ा एस्टेट होटल में एक भव्य पारिवारिक समारोह किया गया। हालांकि यह समारोह दो छोटे बच्चों के जन्म पर आयोजित था, लेकिन इस समारोह को अनुकरणीय बना दिया गया। स्नेह भोज में शामिल सभी मेहमानों को पक्षियों के लिए परिंडे और चिडिय़ाओं के लिए घौंसले दिए गए। कोई 12 सौ परिंडे और घोंसले मेहमानों को दिए। स्वाभाविक है कि इन 12 सौ परिंडो से लाखों पक्षियों की प्यास बुझेगी। इन दिनों भीषण गर्मी में पक्षियों के सामने भी पानी का संकट खड़ा हो गया है। छोटे बड़े तालाब, बावड़ी आदि जल स्रोत सूख गए हैं। घरों के बाहर जानवरों के लिए पानी की टंकी रखने की परंपरा भी समाप्त हो रही है। प्यास लगने पर जुबान वाले इंसान को यदि एक घंटे विलंब से पानी मिले, उस एक घंटे में उसकी पीड़ा का अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन बेजुबान पक्षी तो बोल भी नहीं सकता। उसे दो चार बूंद पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है। कई बार पानी के अभाव में बेजुबान पक्षी मर भी जाता है। ऐसे में घरों के बाहर रखे परिंडे ही पक्षियों की प्यास बुझाएंगे। जैन परिवार ने जो परिंडे दिए हैं उनमें प्लास्टिक की डोरी भी हैं। परिंडे प्लास्टिक की डोरी से बंधे हैं। इसलिए कहीं पर भी आसानी से लटकाए जा सकते हैं। घोंसलों में अनाज के दाने रखकर चिडिय़ाओं का भी पेट भरा जा सकता है। 12 सौ परिंडे लाखों पक्षियों के काम आएंगे। उम्मीद है कि जिन मेहमानों ने जैन परिवार से परिंडे प्राप्त किए हैं वे अपने घरों पर अवश्य लगाएंगे। समारोह में सामाजिक सरोकार निभाते हुए लाड़ली घर के नेत्रहीन बच्चों को भी मेहमान बनाया गया। लाडली घर के संचालक स्वामी कृष्णानंद महाराज के नेतृत्व में नेत्रहीन बच्चों ने भजनों की प्रस्तुति भी दी। समारोह में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग उपस्थित रहे। भाजपा नेताओं के साथ कांग्रेस के नेता भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। जो लोग शादी की सालगिरह और जन्मदिन के अवसर लिफाफे लेते हैं, उन्हें भी जैन परिवार के समारोह से सबक लेना चाहिए। जैन परिवार ने किसी भी रूप में उपहार स्वीकार नहीं किए। कमल जैन का कहना रहा कि यह समारोह हमने अपनी खुशी के लिए किया है। ऐसे में मेहमानों से पांच सौ ग्यारह सौ का लिफाफा कैसे ले सकते हैं? निमंत्रण देकर जिन लोगों को बुलाया है उनसे लिफाफा लेना उचित नहीं है। असल में मेहमानों की उपस्थिति ही सबसे बड़ा उपहार और आशीर्वाद है। सुनील दत्त जैन ने बताया कि निमंत्रण भी वाट्सएप पर भेजे गए थे। मेहमानों ने वाट्सएप पर वाइस मैसेज को ही निमंत्रण के तौर पर स्वीकार किया। उन्होंने निमंत्रण देने का जो नया प्रयोग किया, वह भी सफल रहा है। पारिवारिक समारोह में किए नए प्रयोगों की और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829147270 पर सुनील दत्त जैन से ली जा सकती है। 
 
S.P.MITTAL BLOGGER (25-04-2022)
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