पड़ोसी राज्यों द्वारा चारे की निकासी पर रोक के कारण राजस्थान में चारा माफिया सक्रिय। अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ध्यान आकर्षित किया।

भाजपा शासित पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा ने अपनी सीमा से पशु आहार (भूसा) की निकासी पर रोक लगा दी है। इस रोक की वजह से ही राजस्थान में पशुओं के लिए चारे का संकट हो गया है। अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ध्यान प्रदेश में चल रहे चारे संकट की ओर दिलाया है। चौधरी ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से पशु आहार नहीं आने की वजह से राजस्थान में प्रति क्विंटल भूसे का मूल्य चार सौ रुपए तक बढ़ गया है। जो चारा पहले 800 रुपए प्रति क्विंटल पशुपालकों को उपलब्ध हो रहा था, वह अब 12 सौ रुपए प्रति क्विंटल में उपलब्ध हो रहा है। चारे के संकट के इस दौर में ही चारा माफिया भी सक्रिय हो गए हैं। दबंग लोगों ने चारे का स्टॉक कर लिया है और मन माने दाम पर बेच रहे हैं। इतना ही नहीं कई दबंग तो चारे के ट्रकों को रास्ते में ही रोक रहे हैं। चौधरी ने सीएम गहलोत से आग्रह किया कि वे जिला कलेक्टरों को निर्देश देकर चारा माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही करवाए और पड़ोसी राज्यों से चारा मंगाने के लिए उच्च स्तर पर बात करें। चौधरी ने आरोप लगाया कि पूर्व में केंद्र सरकार चारे व भूसे पर अनुदान देती थी, लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार ने इस अनुदान को बंद कर दिया है। चौधरी ने कहा कि यदि केंद्र सरकार ने पशु पालकों को राहत देने वाले निर्णय नहीं लिए तो 15 मई के बाद दिल्ली के जंतर मंतर पर राजस्थान के किसान और पशु पालक धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने बताया कि एक पशु को रोजाना 10 किलो भूसे की जरुरत होती है। लेकिन इस मात्रा में पशुओं को भूसा उपलब्ध नहीं हो रहा है। भीषण गर्मी में पानी के अभाव में हरा चारा भी नहीं हो रहा है। इसलिए पशु पालक सूखे चारे पर ही निर्भर रहते हैं। यह ऐसा समय है जब पशु पालकों के सामने चारे की विकट समस्या है। चौधरी ने कहा कि राजस्थान की मरु स्थलीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को पशुपालकों के लिए विशेष योजनाएं शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति में पशुपालकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे में केंद्र सरकार को पशुपालकों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए। इसके साथ ही चौधरी ने पशु पालकों से आग्रह किया कि वे भूसे का संकट से निपटने के लिए नेपियर घास का विकल्प अपनाए। ये घास अन्य चारे रिजका, कूरा आदि के मुकाबले में वर्ष भर उगती है। मौजूदा चारा संकट की ओर अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9414004111 पर अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी से ली जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (25-04-2022)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511

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