चलती कार पर क्रेन का डेरिक गिरने के बाद भी कोई जनहानि नहीं हुई। तो क्या मारुति कंपनी की कार इतनी मजबूत है। हादसे का कारण स्मार्ट सिटी के इंजीनियरों और ठेकेदार के कार्मिकों की लापरवाही है।
28 अप्रैल को प्रात: 8 बजे अजमेर के गांधी भवन चौराहे से जब पंजाब की कार संख्या पीबीओ-3एजेड-9988 (मारुति डिजायर) गुजर रही थी कि तभी निर्माणाधीन एलिवेटेड रोड का कार्य कर रही क्रेन का डेरिक कार पर गिर गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार क्रेन के माध्यम से एलिवेटेड रोड पर काम आने वाले बड़े गर्डरों को इधर से उधर शिफ्ट किया जा रहा था। क्रेन के डेरिक (भारी वजन उठाने वाला यंत्र) हादसे के समय गर्डर नहीं था। चूंकि प्रात: 8 बजे ट्रैफिक को नहीं रोका गया, इसलिए वाहनों का आवागमन हो रहा था। सामने से आती कार को देखकर क्रेन चालक घबरा गया और इसलिए संतुलन बिगड़ने पर क्रेन लुढ़क गई इसी के साथ क्रेन का डेरिक चलती कार पर गिर गया। कार में पंजाब के तीन व्यक्ति सवार थे। कार में सवार संतोक सिंह ने बताया कि सुबह सुबह ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत के बाद वे लोग जोधपुर की ओर जा रहे थे, लेकिन अजमेर में गांधी भवन के चौराहे पर दुर्घटना के शिकार हो गए। हालांकि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। कार में सवार एक युवक को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मारुति कंपनी की कार ने सैकड़ों किलो वजन के डेरिक का बोझ सहन कर लिया। इसलिए कार के अंदर बैठे व्यक्ति बच गए। यदि भार भरकम डेरिक कार को तोड़कर अंदर घुस जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। इस मामले में स्मार्ट सिटी के इंजीनियरों और एलिवेटेड रोड का निर्माण करने वाले ठेकेदार के कार्मिकों की लापरवाही सामने आई है। स्मार्ट सिटी के इंजीनियर यह कहकर अपनी जिम्मेदार नहीं बच सकते कि उन्होंने एलिवेटेड रोड का कार्य आरएसआरटीसी को दे दिया है। कोई भी संस्था निर्माण कार्य करे, लेकिन जिम्मेदारी स्मार्ट सिटी की है क्योंकि एलिवेटेड रोड बनाने की जिम्मेदार स्मार्ट सिटी ने ली है। स्मार्ट सिटी के सीईओ जिला कलेक्टर होते हैं, जबकि एसीईओ नगर निगम के आयुक्त हैं। इन अधिकारियों की भूमिका इसलिए रखी है ताकि प्रशासन के साथ तालमेल बना रहे, लेकिन इसके बावजूद भी 28 अप्रैल को गर्डरों की शिफ्टिंग के समय यातायात को नहीं रोका गया। इससे पहले भी कई मौकों पर ठेकेदार के कार्मिकों की लापरवाही देखने को मिली है। असल में जब ठेकेदार के लोग काम करते हैं तो स्मार्ट सिटी अथवा संबंधित संस्था के इंजीनियर मौजूद नहीं रहते हैं। एलिवेटेड रोड का कार्य धीमी गति से होने के कारण भी अजमेर के नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
S.P.MITTAL BLOGGER (28-04-2022)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511