न्यू एजुकेशन पॉलिसी में स्टूडेंट पर प्रेशर कम। रोजगार के अवसर ज्यादा। इक्फाई यूनिवर्सिटी में इसी नीति पर अमल। शिक्षा ऐसी हो, जिसमें विद्यार्थी एक सुयोग्य नागरिक भी बन सके।

29 अप्रैल को विश्व विख्यात इक्फाई यूनिवर्सिटी जयपुर की ओर से अजमेर के लेक विनोरा होटल में शिक्षा और विद्यार्थी की भूमिका को लेकर एक सार्थ विमर्श हुआ। इस विमर्श में सीबीएसई की रीजनल हैड सतपाल कौर, अजमेर की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. प्रियंका रघुवंशी, शिक्षाविद डॉ. विधु माथुर, डॉ. एसएस जैन और केंद्रीय एवं रोजगार मंत्रालय की हिन्दी समिति के सलाहकार एसपी मित्तल ने भाग लिया। इस विमर्श की सूत्रधार वरिष्ठ साहित्यकार पूनम पांडे रहीं। इस विमर्श का निष्कर्ष यह रहा कि शिक्षा ऐसी हो, जिसमें विद्यार्थी को एक सुयोग्य नागरिक भी बनाया जाए। यदि विद्यार्थी सुयोग्य नागरिक नहीं बनता है तो उच्च से उच्च शिक्षा भी बेकार है। शिक्षा का मतलब सिर्फ नौकरी प्राप्त करना नहीं होना चाहिए। एएसपी डॉ. प्रियंका ने बताया कि उनके परिवार में सभी सदस्य आईआईटीएन और डॉक्टर हैं, लेकिन मैंने कॉलेज में शिक्षक बनना पसंद किया, क्यों मुझे समाज को अच्छा बनाना था। यह बात अलग है कि बाद में मुझे शिक्षक की नौकरी छोड़कर पुलिस सेवा में आना पड़ा। लेकिन आज भी मेरा प्रयास होता है कि अपराधी को सही रास्ते पर लाया जाए। मुझे तब बहुत अफसोस होता है कि किसी यूनिवर्सिटी अथवा सरकारी दफ्तर में हंगामे के समय विद्यार्थियों पर मुकदमा दर्ज करना पड़ता है। विद्यार्थियों को हर हाल में आपराधिक कृत्यों से बचना चाहिए। मेरा पुलिस का कार्य भी मानवीय संवेदनाओं के साथ होता है। मौजूदा दौर में पुलिस को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एसपी मित्तल ने कहा कि पहले प्राथमिक शिक्षा से ही नैतिक शिक्षा पर जोर दिया जाता था, लेकिन आधुनिक शिक्षा में नैतिक शिक्षा का अभाव है। किसी भी मनुष्य की सफलता में नैतिक शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान होता है। विमर्श की सूत्रधार पूनम पांडे ने विद्यार्थियों पर स्टडी के प्रेशर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस प्रेशर की वजह से राजस्थान के कोटा में इंजीनियरिंग और डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट आत्महत्या कर रहे हैं। इक्फाई यूनिवर्सिटी से जुड़े शिक्षाविद् एसएस जैन, डॉ. विधु माथुर, रीजनल हैड राकेश ऋषि, कलस्टर हेड सागर कुकरेती, प्रो. राणा मुखर्जी, प्रो. हितेश मंगलानी आदि ने बताया कि सरकार की न्यूज एज्युकेशन पॉलिसी में स्टूडेंट पर स्टडी का प्रेशर कम है। स्टडी के साथ ही खेल और मनोरंजन की गतिविधियों पर जोर दिया गया है। सबसे खास बात यह है कि नई शिक्षा नीति में नए क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। जिन क्षेत्रों को अभी तक रोजगार के लिए नहीं माना गया है उनके पाठ्यक्रम तैयार कर रोजगार उपलब्ध करवाने की नीति बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इक्फाई यूनिवर्सिटी नई शिक्षा नीति के तहत सभी कोर्सेज अपने विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध करा रही है। देश में इक्फाई की 11 यूनिवर्सिटी हैं, इनमें जयपुर की यूनिवर्सिटी की महत्वपूर्ण भूमिका है। जयपुर यूनिवर्सिटी के कैम्पस में स्टूडेंट को सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि साइबर एंटरटेनमेंट मैनेजमेंट, एग्रीकल्चर ऑर्गेनिक आदि ऐसे नए क्षेत्र हैं जिनमें रोजगार की विशाल संभावनाएं हैं। विमर्श के इस कार्यक्रम में अजमेर के 70 से भी स्कूलों के प्रिंसिपल और प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में इस विमर्श को महत्वपूर्ण बताया। स्कूलों के प्रिंसिपल और प्रतिनिधियों का कहना रहा कि 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद विद्यार्थियों के सामने ऐसी उच्च शिक्षा की जरुरत होती है जो उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाए। स्कूल के माध्यम से ही विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए आवश्यक जानकारी दी जाती है। इस यूनिवर्सिटी के बारे में और अधिक जानकारी वेबसाइट पर www.iujaipur.edu.in ली जा सकती है। 

29 अप्रैल को विश्व विख्यात इक्फाई यूनिवर्सिटी जयपुर की ओर से अजमेर के लेक विनोरा होटल में शिक्षा और विद्यार्थी की भूमिका को लेकर एक सार्थ विमर्श हुआ। इस विमर्श में सीबीएसई की रीजनल हैड सतपाल कौर, अजमेर की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. प्रियंका रघुवंशी, शिक्षाविद डॉ. विधु माथुर, डॉ. एसएस जैन और केंद्रीय एवं रोजगार मंत्रालय की हिन्दी समिति के सलाहकार एसपी मित्तल ने भाग लिया। इस विमर्श की सूत्रधार वरिष्ठ साहित्यकार पूनम पांडे रहीं। इस विमर्श का निष्कर्ष यह रहा कि शिक्षा ऐसी हो, जिसमें विद्यार्थी को एक सुयोग्य नागरिक भी बनाया जाए। यदि विद्यार्थी सुयोग्य नागरिक नहीं बनता है तो उच्च से उच्च शिक्षा भी बेकार है। शिक्षा का मतलब सिर्फ नौकरी प्राप्त करना नहीं होना चाहिए। एएसपी डॉ. प्रियंका ने बताया कि उनके परिवार में सभी सदस्य आईआईटीएन और डॉक्टर हैं, लेकिन मैंने कॉलेज में शिक्षक बनना पसंद किया, क्यों मुझे समाज को अच्छा बनाना था। यह बात अलग है कि बाद में मुझे शिक्षक की नौकरी छोड़कर पुलिस सेवा में आना पड़ा। लेकिन आज भी मेरा प्रयास होता है कि अपराधी को सही रास्ते पर लाया जाए। मुझे तब बहुत अफसोस होता है कि किसी यूनिवर्सिटी अथवा सरकारी दफ्तर में हंगामे के समय विद्यार्थियों पर मुकदमा दर्ज करना पड़ता है। विद्यार्थियों को हर हाल में आपराधिक कृत्यों से बचना चाहिए। मेरा पुलिस का कार्य भी मानवीय संवेदनाओं के साथ होता है। मौजूदा दौर में पुलिस को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एसपी मित्तल ने कहा कि पहले प्राथमिक शिक्षा से ही नैतिक शिक्षा पर जोर दिया जाता था, लेकिन आधुनिक शिक्षा में नैतिक शिक्षा का अभाव है। किसी भी मनुष्य की सफलता में नैतिक शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान होता है। विमर्श की सूत्रधार पूनम पांडे ने विद्यार्थियों पर स्टडी के प्रेशर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस प्रेशर की वजह से राजस्थान के कोटा में इंजीनियरिंग और डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट आत्महत्या कर रहे हैं। इक्फाई यूनिवर्सिटी से जुड़े शिक्षाविद् एसएस जैन, डॉ. विधु माथुर, रीजनल हैड राकेश ऋषि, कलस्टर हेड सागर कुकरेती, प्रो. राणा मुखर्जी, प्रो. हितेश मंगलानी आदि ने बताया कि सरकार की न्यूज एज्युकेशन पॉलिसी में स्टूडेंट पर स्टडी का प्रेशर कम है। स्टडी के साथ ही खेल और मनोरंजन की गतिविधियों पर जोर दिया गया है। सबसे खास बात यह है कि नई शिक्षा नीति में नए क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। जिन क्षेत्रों को अभी तक रोजगार के लिए नहीं माना गया है उनके पाठ्यक्रम तैयार कर रोजगार उपलब्ध करवाने की नीति बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इक्फाई यूनिवर्सिटी नई शिक्षा नीति के तहत सभी कोर्सेज अपने विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध करा रही है। देश में इक्फाई की 11 यूनिवर्सिटी हैं, इनमें जयपुर की यूनिवर्सिटी की महत्वपूर्ण भूमिका है। जयपुर यूनिवर्सिटी के कैम्पस में स्टूडेंट को सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि साइबर एंटरटेनमेंट मैनेजमेंट, एग्रीकल्चर ऑर्गेनिक आदि ऐसे नए क्षेत्र हैं जिनमें रोजगार की विशाल संभावनाएं हैं। विमर्श के इस कार्यक्रम में अजमेर के 70 से भी स्कूलों के प्रिंसिपल और प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में इस विमर्श को महत्वपूर्ण बताया। स्कूलों के प्रिंसिपल और प्रतिनिधियों का कहना रहा कि 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद विद्यार्थियों के सामने ऐसी उच्च शिक्षा की जरुरत होती है जो उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाए। स्कूल के माध्यम से ही विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए आवश्यक जानकारी दी जाती है। इस यूनिवर्सिटी के बारे में और अधिक जानकारी वेबसाइट पर www.iujaipur.edu.in ली जा सकती है। S.P.MITTAL BLOGGER (30-04-2022)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511राजस्थान में बिजली संकट पर भाजपा की प्रवक्ता और विधायक अनिता भदेल द्वारा उठाए सवालों का जवाब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को देना चाहिए।गहलोत सरकार ने अपने बचाव में भास्कर अखबार का सहारा लिया।S.P.MITTAL BLOGGER (30-04-2022)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...